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सरना धर्म कोड पर बोले राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार, सभी पक्ष और पहलूओं को ध्यान में रखते हुए ही केंद्र सरकार लेगी निर्णय

झारखंड में उठे सरना धर्म कोड की मांग को लेकर झारखंड से भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. इस मामले उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनने देगी, सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर ही फैसला लेगी.

Poddar response to the issue of Sarna Dharma Code
राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार
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Published : Mar 14, 2021, 1:04 PM IST

Updated : Mar 14, 2021, 1:27 PM IST

नई दिल्लीः झारखंड से भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने कहा कि अपने देश की महानता है कि यहां कई धर्म हैं और सब साथ रहते हैं. भारत में करीब 700 से अधिक जनजातियां हैं और वह देश के कोने-कोने में कई राज्यों में फैले हुए हैं. उन्होंने कहा कि इसमें से कई अपने आप को सनातन व्यवस्था से जुड़ा हुआ मानते हैं. वैसे आदिवासी जो खुद को सरना धर्म का अनुयायी मानते हैं झारखंड के अलावा और भी कई राज्यों में फैले हुए हैं.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-अतिथि देवो भवः बाहरी खिलाड़ियों को भाया सिमडेगा, सबने कहा झारखंड है सबसे अच्छा

महेश पोद्दार ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि किसी दबाव में नहीं आकर सभी पक्षों और पहलूओं को ध्यान में रखते हुए सरना धर्म कोड पर केंद्र सरकार निर्णय लेगी और इसे राजनीति का मुद्दा नहीं बनने देगी. बिहार, झारखंड, ओडिशा समेत कुछ राज्यों में आदिवासी समुदाय का बड़ा तबका अपने आपको सरना धर्म कोड के अनुयायी के तौर पर मानता है.

यह वन क्षेत्रों की रक्षा करने में विश्वास करते हुए पेड़ों और पहाड़ियों की प्रार्थना करते हैं. झारखंड विधानसभा में सरना आदिवासी धर्म कोड पर प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया है. झारखंड सरकार ने इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेज दिया है. प्रस्ताव में आदिवासियों के लिये अलग धर्म कोड का प्रस्ताव है. प्रस्ताव में आगामी जनगणना के प्रारूप में सरना आदिवासियों को अलग धर्म के रूप में दर्शाए जाने का प्रस्ताव है. वहीं, झारखंड सरकार के केंद्र सरकार को भेजे गए प्रस्ताव पर केंद्र सरकार कोई निर्णय नहीं ले रही है. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन केंद्र सरकार पर लगातार दबाव बना रहे हैं कि केंद्र सरकार जल्द इसपर विचार करे.

नई दिल्लीः झारखंड से भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने कहा कि अपने देश की महानता है कि यहां कई धर्म हैं और सब साथ रहते हैं. भारत में करीब 700 से अधिक जनजातियां हैं और वह देश के कोने-कोने में कई राज्यों में फैले हुए हैं. उन्होंने कहा कि इसमें से कई अपने आप को सनातन व्यवस्था से जुड़ा हुआ मानते हैं. वैसे आदिवासी जो खुद को सरना धर्म का अनुयायी मानते हैं झारखंड के अलावा और भी कई राज्यों में फैले हुए हैं.

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महेश पोद्दार ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि किसी दबाव में नहीं आकर सभी पक्षों और पहलूओं को ध्यान में रखते हुए सरना धर्म कोड पर केंद्र सरकार निर्णय लेगी और इसे राजनीति का मुद्दा नहीं बनने देगी. बिहार, झारखंड, ओडिशा समेत कुछ राज्यों में आदिवासी समुदाय का बड़ा तबका अपने आपको सरना धर्म कोड के अनुयायी के तौर पर मानता है.

यह वन क्षेत्रों की रक्षा करने में विश्वास करते हुए पेड़ों और पहाड़ियों की प्रार्थना करते हैं. झारखंड विधानसभा में सरना आदिवासी धर्म कोड पर प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया है. झारखंड सरकार ने इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेज दिया है. प्रस्ताव में आदिवासियों के लिये अलग धर्म कोड का प्रस्ताव है. प्रस्ताव में आगामी जनगणना के प्रारूप में सरना आदिवासियों को अलग धर्म के रूप में दर्शाए जाने का प्रस्ताव है. वहीं, झारखंड सरकार के केंद्र सरकार को भेजे गए प्रस्ताव पर केंद्र सरकार कोई निर्णय नहीं ले रही है. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन केंद्र सरकार पर लगातार दबाव बना रहे हैं कि केंद्र सरकार जल्द इसपर विचार करे.

Last Updated : Mar 14, 2021, 1:27 PM IST
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