रांचीः विजिलेंस के छापे के बाद रिम्स के डॉक्टरों ने वीआरएस लेने के मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की राज्य इकाई ने चिंता जताते हुए आईएमए भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक की. इस दौरान बैठक में आईएमए के साथ झारखंड हेल्थ सर्विसेज एसोसिएशन (झासा) जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जेडीए) सहित अन्य चिकित्सक के संगठन मौजूद रहे.
बैठक में लिए गए निर्णय के बाद आईएमए के राज्य सचिव डॉ प्रदीप सिंह ने बताया कि जिस प्रकार से विजिलेंस के छापे और निजी प्रैक्टिस पर रोक लगाने के कारण रिम्स के डॉक्टर वीआरएस ले रहे हैं रहे हैं. यह निश्चित रूप से राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था और मरीजों का विश्वास को कमजोर कर रहा है, इसलिए आईएमए सरकार और मुख्यमंत्री से अनुरोध करता है कि झारखंड में नॉन प्रैक्टिसिंग एलायंस (एनपीए) को ऑप्शनल कर दें. ताकि जो डॉक्टर प्रैक्टिस करना चाहते हैं वैसे चिकित्सकों को एनपीए न दिया जाये और जो डॉक्टर प्रैक्टिस नहीं करना चाहते हैं उन्हें एनपीए दिया जाए.
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वहीं, बैठक में मौजूद जेडीए के अध्यक्ष डॉ अजीत कुमार ने भी रिम्स के वरिष्ठ डॉक्टरों से वीआरएस नहीं लेने की अपील की. इसके साथ ही उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार को इस पर निर्णय लेना ही होगा, ताकि रिम्स के वरिष्ठ डॉक्टर अपने निस्वार्थ और सच्चे मन से सेवा प्रदान करते रहे और राज्य के गरीब मरीजों को भी बेहतर चिकित्सा परामर्श और सेवा मिलता रहे.