रांची: बीएड छात्र-छात्राओं (B.Ed Students) के लिए छात्रवृत्ति योजना के तहत उन्हें प्रोत्साहन राशि दी जाती है. लेकिन इस साल इससे जुड़ा पोर्टल को खोला ही नहीं गया है. जिससे इस क्षेत्र के विद्यार्थियों में आक्रोश है और लगातार यह लोग आंदोलन कर रहे हैं. इसी कड़ी में सोमवार को राजभवन के समक्ष सैकड़ों छात्रों ने आंदोलन शुरू किया है और आज यानी 26 जुलाई से भूख हड़ताल की भी शुरुआत की है.
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अलग-अलग योजनाओं के तहत छात्रवृत्ति योजना
विभिन्न छात्र वर्गों के लिए अलग-अलग योजनाओं के तहत छात्रवृत्ति योजना (Scholarship Scheme) चलाई जा रही है. कल्याण विभाग की ओर से अलग छात्रवृत्ति योजना है. राज्य सरकार के शिक्षा विभाग में विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देती है. वहीं बीएड छात्र-छात्राओं के लिए भी छात्रवृत्ति योजना चलाई जाती है. आर्थिक रूप से कमजोर B.Ed करने वाले विद्यार्थियों के लिए अलग से यह योजना संचालित होती है.
इसके लिए बाकायदा उच्च शिक्षा विभाग की ओर से एक पोर्टल जनरेट किया गया है और इसी छात्रवृत्ति पोर्टल के तहत विद्यार्थियों तक छात्रवृत्ति की राशि दी जाती है. लेकिन इस वित्तीय साल में अब तक पोर्टल को खोला ही नहीं गया है और इससे लाभान्वित होने वाले सैकड़ों ऐसे विद्यार्थी हैं, जिनकी पढ़ाई बाधित हो गई है. मामले को लेकर बीएड छात्र-छात्राओं ने आंदोलन की शुरुआत की है. पिछले 4 महीने से आंदोलित इन विद्यार्थियों ने एक बार फिर अपने आंदोलन को तेज किया है.
राजभवन के समक्ष आमरण अनशन
इसी कड़ी में छात्रवृत्ति देने की मांग को लेकर राजभवन के सामने इन विद्यार्थियों ने भूख हड़ताल (Hunger Strike) कर आमरण अनशन की शुरुआत की है. इसके साथ ही सोमवार को सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शन किया और धरना भी दिया है. इन विद्यार्थियों की मानें तो साल 2020-21 का B.Ed नामांकन जारी है, पर पोर्टल को बंद कर दिया गया है, यह कहां से तर्कसंगत है. लगातार इस मामले को लेकर राज्य सरकार को अवगत कराया जा रहा है, पर सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है.
पोर्टल नहीं खुला तो होगा जोरदार आंदोलन
आक्रोशित विद्यार्थियों की मानें तो इस मामले को लेकर एक बार सरकार ने आश्वासन भी दिया था. विभागीय स्तर पर कहा गया था कि इस मामले को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा. छात्रवृत्ति के लिए पोर्टल को भी ओपन कर दिया जाएगा. 10 दिनों के अंदर विभागीय पदाधिकारियों ने इस पूरे मामले को सुलझाने की बात कही थी. लेकिन 10 दिन से ज्यादा समय बीतने के बाद भी इस ओर ध्यान दिया ही नहीं गया.
आज मजबूर होकर विद्यार्थियों को सड़कों पर आंदोलन करना पड़ रहा है. कोरोना महामारी के बीच छात्र इस बारिश के महीने में राजभवन के समक्ष भूख हड़ताल करने को विवश हैं. जब तक मांगें नहीं मानी जाएगी तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा.