रांची: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने साइबर अपराधियों के फिशिंग और संदिग्ध ट्रांजेक्शन में इस्तेमाल बैंक खातों की जानकारी राज्य सरकार को दी है. आरबीआई की ओर से भेजी गई जानकारी के आधार पर राज्य के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने डीजीपी कमल नयन चौबे को पत्र भेजा है. सुखदेव सिंह ने दो संदिग्ध खातों की जांच कर रिपोर्ट की मांग डीजीपी से की है.
क्या है खातों का डिटेल
जामताड़ा के बंधन बैंक में अकबर अंसारी के नाम से एक सेविंग खाता है. खाता खोलने के लिए खाताधारी ने आधार कार्ड दिया था. 17 अगस्त 2016 को पहली बार खाता से लेनदेन शुरू हुआ. अब तक इस खाते से 13.77 लाख का ट्रांजेक्शन हुआ है. अधिकांश पैसे आईएमपीएस के जरिए खाते में आए.
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आरबीआई की ओर से भेजे गए पत्र को भी डीजीपी को दिया
संदेहास्पद बात यह है कि जब इस खाते में पैसे आए उसी दिन या उसके अगले दिन पैसों की निकासी एटीएम से कर ली गई. पे यू मनी वैलेट के जरिए पैसे ट्रांसफर किए गए. आरबीआई ने पहली बार साल 2017 में इस खाते को साइबर अपराधियों के इस्तेमाल किए जाने वाले खाते के तौर पर चिन्हित किया था. गृह सचिव ने आरबीआई की ओर से भेजे गए पत्र को भी डीजीपी को दिया है.
ट्रांसपोर्टिंग से बताई आय, लेकिन आयकर रिटर्न में जिक्र नहीं
गृह सचिव ने चतरा के एक्सिस बैंक ब्रांच में परमेश्वर साव से जुड़े खाते की जांच का भी आदेश दिया है. खाताधारी ने बैंक खाता खोले जाने के दौरान खुद को ट्रांसपोर्टर बताया था. इस बैंक खाते से दो महीनों में 6.02 लाख की राशि का दो महीनों में आईएमपीएस के जरिए ट्रांसफर किया गया.
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जांच होनी चाहिए
कुल 162 बार आईएमपीएस से राशि का ट्रांसफर किए गया. हर ट्रांसफर के बाद पैसे की निकासी एटीएम से कर ली गई. अधिकांश राशि की निकासी गिरिडीह, जामताड़ा से की गई है. गृह सचिव ने डीजीपी को लिखे पत्र में बताया है कि खाताधारी ने जो जानकारी दी है वह काफी संदेहास्पद है. ऐसे में खाते की अच्छी तरह से जांच की जानी चाहिए.