रांचीः दुमका में अंकिता हत्याकांड के खिलाफ राज्यभर में आक्रोश है. इस मामले में भाजपा सहित कई राजनीतिक दलों के निशाने पर हेमंत सरकार हैं. वहीं, विश्व हिंदू संगठन, बजरंग दल, भाजपा, करणी सेना सहित तमाम हिंदूवादी संगठनों की ओर से अल्बर्ट एक्का चौक पर प्रदर्शन किया गया और आरोपी का पुतला फूंका. इसके साथ ही फांसी देने की मांग की गई है.
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23 अगस्त को दुमका के जरूवाडीह में अंकिता को उसके ही कमरे में पेट्रोल छिड़क कर जला दिया गया था. इस मामले में गंभीर रूप से जल चुकी अंकिता को पहले दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके बाद बेहतर इलाज के लिए रिम्स लाया गया था, जहां शनिवार की देर रात वह जिंदगी की जंग हार गई.
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि सरकार की अनदेखी की वजह से अंकिता की मौत हुई है. सरकार को चाहिए था कि देश के बेहतर हॉस्पिटल में इलाज करवा सकती थी. लेकिन इलाज नहीं करवाया और ना ही सुध लेने कोई मंत्री या विधायक रिम्स पहुंचे. हालांकि, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अंकिता हत्याकांड को वीभत्स घटना बताते हुए दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का भरोसा दिलाया है. इसके साथ ही अंकिता के परिजनों को 10 लाख रुपये सहायता राशि भी दी गई है.
राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने इस घटना को समाज के लिए शर्मसार बताते हुए कहा कि फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से दोषियों को जल्द से जल्द और कठोरतम सजा दिलाई जाएगी. राजद नेता अनिता यादव, राजेश यादव, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने अंकिता हत्याकांड की निंदा की और कहा कि दुख की इस घड़ी में वह अंकिता के परिवार के साथ हैं. लेकिन भाजपा को इस दुखद घटना पर राजनीतिक रोटी नहीं सेकनी चाहिए. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि घटना की जानकारी मिलते ही दुमका से लेकर रांची के रिम्स तक पीड़ित परिवार के मदद में खड़े रहे. उन्होंने कहा कि उच्चस्तरीय जांच के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.