रांचीः वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को झारखंड लाने में प्रदेश के अधिकारियों का असली चेहरा हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की एक चिट्ठी ने दिखा दिया है. दरअसल हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक चिट्ठी लिखी है जिसमें साफ लिखा है कि हिमाचल प्रदेश के नोडल अधिकारियों की ओर से बार-बार पत्राचार करने पर भी झारखंड से कोई संतोषजनक जवाब उनके अधिकारियों को नहीं मिला है.
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15 मई को हिमाचल प्रदेश के सीएम ने लिखा सोरेन को पत्र
15 मई को जयराम ठाकुर की ओर से लिखी गई चिट्ठी में साफ लिखा है कि हिमाचल में लगभग 3290 प्रवासी हैं जो अपने पैतृक गांव जाना चाहते हैं. उनका जिलावार विवरण भी हिमाचल प्रदेश के नोडल अधिकारी की ओर से झारखंड में तैनात नोडल अधिकारी को दिया गया है. बावजूद इसके अभी तक झारखंड से कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि इस वजह से विलंब हो रहा है और प्रवासियों को हिमाचल से झारखंड जाने के लिए बहुत बेचैनी बढ़ रही है.
सोरेन से कहा अधिकारियों को दें निर्देश
जयराम ठाकुर ने स्पष्ट रूप से सोरेन से कहा कि इस बाबत वह अपने अधिकारियों को निर्देश जारी करें ताकि इस विषय में वांछित कार्रवाई जल्द से जल्द की जा सके. जयराम ठाकुर ने स्पष्ट रूप से कहा कि 29 अप्रैल 2020 को केंद्र सरकार ने विभिन्न राज्यों में अध्ययनरत छात्रों, श्रद्धालुओं, पर्यटकों और अन्य प्रवासी लोगों को अपने-अपने राज्यों में वापस लाने के बारे में दिशा-निर्देश जारी किए थे. उसी बाबत हिमाचल प्रदेश के सरकार ने एक स्टेट नोडल अधिकारी और 15 नोडल अधिकारियों की भी नियुक्ति की थी. बता दें कि झारखंड में भी एक स्टेट नोडल अधिकारी समेत 15 अधिकारियों की टीम बनाई गई है जिनके जिम्मे प्रवासी झारखंडियों को वापस लाने का मामला है. हिमाचल प्रदेश का जिम्मा आईएएस अधिकारी राहुल पुरवार को दिया गया है.