रांची: धनबाद जिला परिषद में करोड़ों के वित्तीय अनियमितता मामले में दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने फिर से मुख्य सचिव और विजिलेंस के एडीजी को शपथ पत्र के माध्यम से जवाब पेश करने का निर्देश दिया है.
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कोर्ट की तल्ख टिप्पणी
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में हुई इस सुनवाई में प्रार्थी के अधिवक्ता ने अदालत को बताया की सरकार के द्वारा उचित तरीके से जवाब नहीं दी गई है. उन्होंने अदालत से अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई करने की प्रार्थना की. इस पर अदालत ने राज्य सरकार को अंतिम मौका देते हुए मुख्य सचिव और विजिलेंस एडीजी को शपथ पत्र के माध्यम से अदालत में जवाब पेश करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा है कि ये अंतिम मौका है जवाब पेश करने में लापरवाही नहीं होनी चाहिए. सरकार की ओर से जवाब आने के बाद मामले पर आगे की सुनवाई की जाएगी.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि धनबाद जिला परिषद में सांसद एवं विधायक मद से 7 करोड़ 61 लाख 93 हजार 701 रुपए की बंदरबांट का आरोप लगाया गया था. मामले में मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह उप विकास आयुक्त, जिला अभियंता समेत अन्य को आरोपी बनाया गया है. इन लोगों पर मिलीभगत कर पैसे के गबन का आरोप है. 19 फरवरी 2001 के ऑडिट में गड़बड़ी की बात सामने आई थी. जिसके बाद याचिकाकर्ता रूबीन चंद्र ने मामले की जांच को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. उसी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है.