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विस्थापितों को नौकरी देने के मामले में हाई कोर्ट गंभीर, राज्य सरकार से मांगा जवाब

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Published : Aug 10, 2020, 8:33 PM IST

गुमला के कतरी जलाशय के विस्थापितों को जमीन अधिग्रहण के बदले में नौकरी देने के मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में राज्य सरकार को 4 सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. अदालत ने सरकार को यह बताने के लिए कहा है कि हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद भी अभी तक क्यों नहीं नौकरी दी गई है.

High court serious on the matter of giving jobs to displaced in ranchi
झारखंड हाई कोर्ट

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की बेंच में गुमला जिले के कतरी जलाशय के लिए जमीन अधिग्रहण के बदले में एहसानुल्लाह को नौकरी नहीं दिए जाने के मामले में सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले पर सुनवाई की.

देखें पूरी खबर

वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता सचिन कुमार ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सरकार को 4 सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई 7 सितंबर को होगी.

सुनवाई के दौरान सरकार के अधिवक्ता ने बताया कि जवाब लगभग तैयार है लेकिन उसे फाइल नहीं किया जा सका है इसलिए उन्होंने अदालत से समय की मांग की. अदालत ने उन्हें समय देते हुए जवाब पेश करने को कहा है.

बता दें कि कतरी जलाशय के लिए सालों पहले जमीन अधिग्रहित की गई थी, जिसके बदले में विस्थापितों को सरकार की इस स्कीम के तहत नौकरी देने की बात की गई थी लेकिन उसी जलाशय के लिए अन्य लोगों की जो जमीन अधिग्रहित की गई थी. उन्हें नौकरी मिली लेकिन प्रार्थी एहसानुल्लाह को नौकरी नहीं मिली. उसके बाद झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की.

ये भी देखें- देवघर में सेप्टिक टैंक में 6 लोगों की मौत: निशिकांत दुबे ने पीड़ित परिवार को दी आर्थिक मदद

अदालत में मामले की सुनवाई के बाद सरकार को उन्हें स्कीम के तहत नौकरी देने को कहा लेकिन उसके बाद भी नहीं दी गई. फिर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की अदालत ने फिर से राज्य सरकार को 6 महीने में उन्हें नियुक्त करने को कहा, फिर राज्य सरकार ने एकल पीठ के आदेश को हाई कोर्ट की डबल बेंच में चुनौती दी है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान आज अदालत ने सरकार से जवाब मांगा है.

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की बेंच में गुमला जिले के कतरी जलाशय के लिए जमीन अधिग्रहण के बदले में एहसानुल्लाह को नौकरी नहीं दिए जाने के मामले में सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले पर सुनवाई की.

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वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता सचिन कुमार ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सरकार को 4 सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई 7 सितंबर को होगी.

सुनवाई के दौरान सरकार के अधिवक्ता ने बताया कि जवाब लगभग तैयार है लेकिन उसे फाइल नहीं किया जा सका है इसलिए उन्होंने अदालत से समय की मांग की. अदालत ने उन्हें समय देते हुए जवाब पेश करने को कहा है.

बता दें कि कतरी जलाशय के लिए सालों पहले जमीन अधिग्रहित की गई थी, जिसके बदले में विस्थापितों को सरकार की इस स्कीम के तहत नौकरी देने की बात की गई थी लेकिन उसी जलाशय के लिए अन्य लोगों की जो जमीन अधिग्रहित की गई थी. उन्हें नौकरी मिली लेकिन प्रार्थी एहसानुल्लाह को नौकरी नहीं मिली. उसके बाद झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की.

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अदालत में मामले की सुनवाई के बाद सरकार को उन्हें स्कीम के तहत नौकरी देने को कहा लेकिन उसके बाद भी नहीं दी गई. फिर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की अदालत ने फिर से राज्य सरकार को 6 महीने में उन्हें नियुक्त करने को कहा, फिर राज्य सरकार ने एकल पीठ के आदेश को हाई कोर्ट की डबल बेंच में चुनौती दी है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान आज अदालत ने सरकार से जवाब मांगा है.

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