रांचीः अवैध माइनिंग को लेकर दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार को विस्तृत बिंदुवार शपथ पत्र दायर करने को कहा है. उन्हें अपने जवाब में यह बताने को कहा है कि अवैध खनन को रोकने के लिए अब तक सरकार के द्वारा क्या-क्या कदम उठाए गए हैं, कितने अवैध खनन को अभी तक रोके गए हैं. कोर्ट ने जिलावार रिपोर्ट पेश करने को कहा है. अदालत ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर गलत जानकारी दी गयी तो कोर्ट सभी माइनिंग बंद कर सकता है. इस मामले की अगली सुनवाई 21 जनवरी को होगी.
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झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा कि अवैध माइनिंग आज भी चल रहा है. जिसके कारण अनेक तरह के परेशानी सामने आ रहे हैं. सुनवाई के दौरान बताया गया कि पहाड़ का पहाड़ गायब होता जा रहा है. लेकिन सरकार कह रही है कि कहीं कुछ हुआ ही नहीं है, अवैध खनन रोक दी गयी है. अदालत ने राज्य सरकार को मामले में विस्तृत जवाब शपथ पत्र के माध्यम से पेश करने को कहा है.
झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार को चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि अगर गलत जानकारी अदालत को दी जाती है तो राज्य की सभी माइनिंग को बंद करने का आदेश दिया जाएगा. जरूरत पड़ी तो जांच भी कराई जा सकती है. इसलिए जिलावार कितने अवैध माइनिंग को रोका गया है, कहां-कहां अवैध माइनिंग हो रही है. उनको रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए हैं. इन तमाम बिंदु पर 21 जनवरी से पूर्व जवाब पेश करने को कहा है.
राज्य में अवैध खनन अनवरत चल रहा है. इसे रोकने की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में कई जनहित याचिकाएं दायर की गयी है. सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हुई. अदालत ने राज्य सरकार से मामले में विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है.