रांची: बिना राशन कार्ड वाले जरूरतमंदों को भी कोरोना की वैश्विक महामारी में राशन मिले, इसको लेकर दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि गया कि जरूरतमंदों को राशन दिया जा रहा है. साथ ही जिन्होंने राशन कार्ड के लिए अप्लाई नहीं किया है. उनसे भी आवेदन देने को कहा है. सरकार के इसी जवाब पर अदालत ने याचिका को निष्पादित कर दिया.
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में बिना राशन कार्ड वाले जरूरतमंदों को भी राशन देने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. दोनों न्यायाधीश आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई किए. महाधिवक्ता और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अपने घर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई में भाग लिया. अदालत में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि राज्य में बिना राशन कार्ड वाले, जिन्होंने राशन कार्ड के लिए अपना आवेदन दिया है. उसमें से 3,78,495 लोगों को सरकारी राशन उपलब्ध कराया गया है और 36,71,836 बचे हुए हैं. उन्हें चिन्हित कर सरकारी राशन उपलब्ध कराया जा रहा है.
वहीं, जिन्होंने आवेदन नहीं दिया है, उनसे आवेदन मांगा गया है. वह ऑनलाइन आवेदन और ऑफलाइन दोनों तरह से आवेदन दे सकते हैं. सरकार के इस जवाब पर अदालत ने अपनी संतुष्टि जाहिर करते हुए याचिका को निष्पादित कर दिया है. बता दें कि याचिकाकर्ता राजन कुमार सिंह ने कोरोना की इस भीषण परिस्थिति में राज्य के जरूरतमंद बिना राशन कार्ड वाले को भी सरकारी राशन उपलब्ध कराने को लेकर जनहित याचिका दायर की है. उसी याचिका पर पूर्व में सुनवाई के उपरांत अदालत ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा था. राज्य सरकार के द्वारा पेश जवाब पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने कई प्रश्न उठाए हैं. उसी प्रश्न पर राज्य सरकार को 5 मई तक जवाब पेश करने को कहा था.