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जेएमएम विधायक जगरनाथ महतो को झारखंड हाई कोर्ट से राहत, कहा- थाना प्रभारी की मौत के नहीं हैं जिम्मेदार

अदालत में सुनवाई के दौरान जगरनाथ महतो के वरीय अधिवक्ता आरएस मजूमदार ने पक्ष रखा. उन्होंने अदालत को बताया कि विधायक जगरनाथ महतो ने सिर्फ विरोध स्वरुप मशाल जुलूस निकाला था. इस तरह घटना को अंजाम देने का उनका कोई इरादा नहीं था. उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था की ऐसी घटना घट सकती है. एफएसएल की जांच रिपोर्ट में किसी प्रकार के जहरीले पदार्थ होने की बात नहीं है. वहीं सरकार की ओर से इसका विरोध किया गया. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने इस मामले में गैर इरादतन हत्या की धारा (304) और जबरन जहर पिलाने की धारा (328) को डिस्चार्ज कर दिया.

झारखंड हाई कोर्ट
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Published : May 14, 2019, 10:19 PM IST

रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा के डुमरी विधायक जगरनाथ महतो को झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश एके गुप्ता की अदालत से बड़ी राहत मिली है. जगरनाथ महतो की याचिका को निष्पादित कर दिया. अदालत ने जगरनाथ महतो पर लगी धारा 304 और धारा 328 को हटाने का निर्देश दिया है. सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि यह मामला धारा 144 के उल्लंघन करने का प्रतीत हो रहा है.

अदालत में सुनवाई के दौरान जगरनाथ महतो के वरीय अधिवक्ता आरएस मजूमदार ने पक्ष रखा. उन्होंने अदालत को बताया कि विधायक जगरनाथ महतो ने सिर्फ विरोध स्वरुप मशाल जुलूस निकाला था. इस तरह घटना को अंजाम देने का उनका कोई इरादा नहीं था. उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था की ऐसी घटना घट सकती है. एफएसएल की जांच रिपोर्ट में किसी प्रकार के जहरीले पदार्थ होने की बात नहीं है. वहीं सरकार की ओर से इसका विरोध किया गया. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने इस मामले में गैर इरादतन हत्या की धारा (304) और जबरन जहर पिलाने की धारा (328) को डिस्चार्ज कर दिया. विधायक जगरनाथ महतो ने निचली अदालत के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी ती.

गौरतलब है कि जेएमएम विधायक जगरनाथ महतो के नेतृत्व में झारखंड बंद का आह्वान 23 मई 2016 को किया गया था. जिसमें शाम को मशाल जुलूस निकाला गया. इस दौरान धारा 144 लागू थी. नावाडीह थाना प्रभारी रामचंद्र राम ने जुलूस को रोकने की कोशिश की, लेकिन जुलूस में शामिल लोगों ने थाना प्रभारी की बात नहीं मानी और टायर जलाकर आगे बढ़ने लगे. जगरनाथ महतो पर आरोप है कि जहरीले धुएं के चलते थाना प्रभारी वहां पर बेहोश हो गए और गिर पड़े. जिसके बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, जहां पर उनकी मौत हो गई.

रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा के डुमरी विधायक जगरनाथ महतो को झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश एके गुप्ता की अदालत से बड़ी राहत मिली है. जगरनाथ महतो की याचिका को निष्पादित कर दिया. अदालत ने जगरनाथ महतो पर लगी धारा 304 और धारा 328 को हटाने का निर्देश दिया है. सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि यह मामला धारा 144 के उल्लंघन करने का प्रतीत हो रहा है.

अदालत में सुनवाई के दौरान जगरनाथ महतो के वरीय अधिवक्ता आरएस मजूमदार ने पक्ष रखा. उन्होंने अदालत को बताया कि विधायक जगरनाथ महतो ने सिर्फ विरोध स्वरुप मशाल जुलूस निकाला था. इस तरह घटना को अंजाम देने का उनका कोई इरादा नहीं था. उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था की ऐसी घटना घट सकती है. एफएसएल की जांच रिपोर्ट में किसी प्रकार के जहरीले पदार्थ होने की बात नहीं है. वहीं सरकार की ओर से इसका विरोध किया गया. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने इस मामले में गैर इरादतन हत्या की धारा (304) और जबरन जहर पिलाने की धारा (328) को डिस्चार्ज कर दिया. विधायक जगरनाथ महतो ने निचली अदालत के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी ती.

गौरतलब है कि जेएमएम विधायक जगरनाथ महतो के नेतृत्व में झारखंड बंद का आह्वान 23 मई 2016 को किया गया था. जिसमें शाम को मशाल जुलूस निकाला गया. इस दौरान धारा 144 लागू थी. नावाडीह थाना प्रभारी रामचंद्र राम ने जुलूस को रोकने की कोशिश की, लेकिन जुलूस में शामिल लोगों ने थाना प्रभारी की बात नहीं मानी और टायर जलाकर आगे बढ़ने लगे. जगरनाथ महतो पर आरोप है कि जहरीले धुएं के चलते थाना प्रभारी वहां पर बेहोश हो गए और गिर पड़े. जिसके बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, जहां पर उनकी मौत हो गई.

Intro:रांची

झारखंड मुक्ति मोर्चा के डुमरी विधायक जगरनाथ महतो को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। न्यायाधीश एके गुप्ता की अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान विधायक जगरनाथ महतो को बड़ी राहत प्रदान किया है। और जगरनाथ महतो की याचिका को निष्पादित कर दिया।अदालत ने जगरनाथ महतो पर लगे धारा 304 और धारा 328 को हटाने का निर्देश दिया है। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि यह मामला धारा 144 के उल्लंघन करने का प्रतीत हो रहा है साथ ही अदालत ने कहा कि निचली अदालत अन्य धाराओं में बिना हाईकोर्ट के आदेशों को प्रभावित किए बिना ट्रायल चलेगी।


Body:अदालत में सुनवाई के दौरान जगरनाथ महतो के और से वरीय अधिवक्ता आर एस मजूमदार ने पक्ष रखा। उन्होंने अदालत को बताया कि विधायक जगरनाथ महतो ने सिर्फ विरोध शोरूप मशाल जुलूस निकाला था इस तरह घटना को अंजाम देने का कोई इरादा नहीं था उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था की ऐसी घटना घट सकती है एफएसएल की जांच रिपोर्ट में किसी प्रकार के जहरीले पदार्थ होने की बात नहीं है। वहीं सरकार की ओर से इसका विरोध किया गया।दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने इस मामले में गैर इरादतन हत्या की धारा (304)और जबरन जहर पिलाने की धारा(328) को डिस्चार्ज कर दिया। विधायक जगरनाथ महतो ने निचली अदालत के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दिया है। उस याचिका की सुनवाई के दौरान अदालत ने जगरनाथ महतो को बड़ी राहत प्रदान किया है


Conclusion:बता दें कि जेएमएम विधायक जगरनाथ महतो के नेतृत्व में झारखंड बंद का आवाहन 23 मई 2016 को किया गया था जिसमें शाम को मशाल जुलूस निकाला गया था इस दौरान धारा 144 लागू थी नावाडीह थाना प्रभारी रामचंद्र राम ने जुलूस को रोकने की कोशिश किया था। लेकिन जुलूस में शामिल लोगों ने थाना प्रभारी का बात नहीं माना और टायर जलाकर आगे बढ़ने लगे। जगरनाथ महतो पर आरोप है कि जहरीले धुआं के चलते थाना प्रभारी वहां पर बेहोश हो गए और गिर पड़े। जिसके बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया जहां पर उसकी मौत हो गई इसी मामले में विधायक जगन्नाथ महतो पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया था।
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