रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा के डुमरी विधायक जगरनाथ महतो को झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश एके गुप्ता की अदालत से बड़ी राहत मिली है. जगरनाथ महतो की याचिका को निष्पादित कर दिया. अदालत ने जगरनाथ महतो पर लगी धारा 304 और धारा 328 को हटाने का निर्देश दिया है. सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि यह मामला धारा 144 के उल्लंघन करने का प्रतीत हो रहा है.
अदालत में सुनवाई के दौरान जगरनाथ महतो के वरीय अधिवक्ता आरएस मजूमदार ने पक्ष रखा. उन्होंने अदालत को बताया कि विधायक जगरनाथ महतो ने सिर्फ विरोध स्वरुप मशाल जुलूस निकाला था. इस तरह घटना को अंजाम देने का उनका कोई इरादा नहीं था. उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था की ऐसी घटना घट सकती है. एफएसएल की जांच रिपोर्ट में किसी प्रकार के जहरीले पदार्थ होने की बात नहीं है. वहीं सरकार की ओर से इसका विरोध किया गया. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने इस मामले में गैर इरादतन हत्या की धारा (304) और जबरन जहर पिलाने की धारा (328) को डिस्चार्ज कर दिया. विधायक जगरनाथ महतो ने निचली अदालत के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी ती.
गौरतलब है कि जेएमएम विधायक जगरनाथ महतो के नेतृत्व में झारखंड बंद का आह्वान 23 मई 2016 को किया गया था. जिसमें शाम को मशाल जुलूस निकाला गया. इस दौरान धारा 144 लागू थी. नावाडीह थाना प्रभारी रामचंद्र राम ने जुलूस को रोकने की कोशिश की, लेकिन जुलूस में शामिल लोगों ने थाना प्रभारी की बात नहीं मानी और टायर जलाकर आगे बढ़ने लगे. जगरनाथ महतो पर आरोप है कि जहरीले धुएं के चलते थाना प्रभारी वहां पर बेहोश हो गए और गिर पड़े. जिसके बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, जहां पर उनकी मौत हो गई.