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रिम्स में दवा के अभाव में हीमोफीलिया मरीज की मौत, सामने आई प्रबंधन की लापरवाही

रिम्स में दवा के अभाव (Lack of Medicine in RIMS) में हीमोफीलिया मरीज की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि मरीज को फैक्टर 7 दवा समय से उपलब्ध नहीं कराया गया, जिससे उसकी मौत हो गई है.

Hemophilia patient died due to lack of medicine in RIMS
रिम्स में दवा के अभाव में हीमोफीलिया मरीज की मौत
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Published : Oct 13, 2022, 8:46 PM IST

रांचीः गुरुवार को झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स प्रशासन की लापरवाही समाने आई है. रिम्म में दवा नहीं होने (Lack of Medicine in RIMS) की वजह से मेडिसिन विभाग में हीमोफीलिया के एक मरीज बापी दास की मौत हो गई है(hemophilia patient died in rims). बापी दास को पिछले दिनों ब्रेन हेमरेज हुआ तो इलाज के लिए भर्ती हुए. लेकिन हीमोफीलिया के कारण ब्लीडिंग रूक नहीं रही थी. औषधि विभाग के डॉ संजय और डॉ अश्विन की देखरेख में उसका इलाज चल रहा था.

यह भी पढ़ेंः भारी बारिश से रिम्स के मरीजों की नींद हराम! पानी में भीग कर करवा रहे इलाज


हीमोफीलिया सोसायटी के सचिव संतोष कुमार ने बताया कि झारखंड सरकार और रिम्स प्रबंधन को लगातार फैक्टर 7, फैक्टर 8 और फैक्टर 9 नामक दवा की कमी की जानकारी दी जा रही है, ताकि ये दवाइयां शीघ्र खरीदी जा सके. लेकिन रिम्स प्रबंधन की लापरवाही की वजह से दवा उपलब्ध नहीं है.

संतोष कुमार ने बताया कि वर्तमान में फैक्टर 9 के कई मरीज भर्ती हैं. लेकिन प्रबंधन की लापरवाही के कारण इन मरीजों को दवा उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बापी दास की मौत फैक्टर 7 दवा नहीं रहने की वजह से हुई है. बता दें कि राज्य में हीमोफिलिया और थेलिसिमिया के सैकड़ों मरीज हैं, जिन्हें समय-समय पर सरकार की मदद से फैक्टर 7, 8 और 9 की दवा उपलब्ध कराई जाती है. इसकी वजह है कि इन दवा की कीमत लाखों में होती है. इसीलिए सरकार यह दवा अपने स्तर से मरीजों को उपलब्ध कराती है. लेकिन रिम्स प्रबंधन की लापरवाही की वजह से पिछले कई महीनों से थैलेसीमिया और हीमोफीलिया के मरीजों के लिए दवा के इंतजाम नहीं कराए जा रहे हैं.

रांचीः गुरुवार को झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स प्रशासन की लापरवाही समाने आई है. रिम्म में दवा नहीं होने (Lack of Medicine in RIMS) की वजह से मेडिसिन विभाग में हीमोफीलिया के एक मरीज बापी दास की मौत हो गई है(hemophilia patient died in rims). बापी दास को पिछले दिनों ब्रेन हेमरेज हुआ तो इलाज के लिए भर्ती हुए. लेकिन हीमोफीलिया के कारण ब्लीडिंग रूक नहीं रही थी. औषधि विभाग के डॉ संजय और डॉ अश्विन की देखरेख में उसका इलाज चल रहा था.

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हीमोफीलिया सोसायटी के सचिव संतोष कुमार ने बताया कि झारखंड सरकार और रिम्स प्रबंधन को लगातार फैक्टर 7, फैक्टर 8 और फैक्टर 9 नामक दवा की कमी की जानकारी दी जा रही है, ताकि ये दवाइयां शीघ्र खरीदी जा सके. लेकिन रिम्स प्रबंधन की लापरवाही की वजह से दवा उपलब्ध नहीं है.

संतोष कुमार ने बताया कि वर्तमान में फैक्टर 9 के कई मरीज भर्ती हैं. लेकिन प्रबंधन की लापरवाही के कारण इन मरीजों को दवा उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बापी दास की मौत फैक्टर 7 दवा नहीं रहने की वजह से हुई है. बता दें कि राज्य में हीमोफिलिया और थेलिसिमिया के सैकड़ों मरीज हैं, जिन्हें समय-समय पर सरकार की मदद से फैक्टर 7, 8 और 9 की दवा उपलब्ध कराई जाती है. इसकी वजह है कि इन दवा की कीमत लाखों में होती है. इसीलिए सरकार यह दवा अपने स्तर से मरीजों को उपलब्ध कराती है. लेकिन रिम्स प्रबंधन की लापरवाही की वजह से पिछले कई महीनों से थैलेसीमिया और हीमोफीलिया के मरीजों के लिए दवा के इंतजाम नहीं कराए जा रहे हैं.

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