रांची: हेमंत सरकार की कैबिनेट में बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने को लेकर एक प्रस्ताव पास किया गया था. अब उस प्रस्ताव के अनुरूप राज्य के विद्यार्थी हेमंत सरकार से बेरोजगारी भत्ता की मांग कर रहे हैं. इसी कड़ी में एबीवीपी इस मुद्दे को उठा रहा है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चुनाव से पहले अपने घोषणा पत्र में भी जिक्र किया था कि बेरोजगारी भत्ता के रूप में उनकी सरकार बनेगी तो स्नातक डिग्रीधारी विद्यार्थियों को पांच हजार और स्नाकोत्तर के विद्यार्थियों को सात हजार रुपए दिए जाएंगे. हेमंत सरकार के कैबिनेट की बैठक में भी हेमंत ने मंत्रिमंडल की सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को पारित भी कर दिया. इस प्रस्ताव के पास होने के बाद विद्यार्थी वर्ग में खुशी की लहर देखी गई.
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विद्यार्थी वर्ग में मायूसी
जब तक इस प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाने का वक्त आया, तब तक कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप ने पूरे विश्व के साथ-साथ झारखंड को भी जकड़ लिया. सरकार तमाम उन घोषणाओं को पीछे छोड़ते हुए फिलहाल कोरोना वायरस के रोकथाम पर फोकस है और योजनाएं ठंडे बस्ते में चली गई हैं. विद्यार्थी वर्ग में इसे लेकर मायूसी है.
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'हो रही दिक्कतें'
वहीं, सरकार से विद्यार्थी वर्ग जरूरतमंद विद्यार्थियों को कम से कम घोषणा के मुताबिक बेरोजगारी भत्ता देने की मांग कर रहे हैं. विद्यार्थियों का यह भी तर्क है कि फिलहाल ऑनलाइन क्लासेस चल रहे हैं. ऑनलाइन माध्यम से ही तमाम शोध भी स्नाकोत्तर के विद्यार्थी कर रहे हैं. ऐसे में उनको पैसों की जरूरत है. ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को तो खाने के लाले पड़े हैं. ऐसे में अगर सरकार जरूरतमंद विद्यार्थियों को चिन्हित कर 5000 और 7000 उनके बैंक अकाउंट में डलवा दें तो यह काफी सराहनीय पहल होगी. लेकिन हेमंत सरकार फिलहाल इस स्थिति में नहीं है कि वह राज्य के बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दे सके.