रांचीः HEC Workers में भारी आक्रोश देखा जा रहा है और मजदूर बड़े आंदोलन की तैयारी में है. इसकी वजह है, इनको पिछले 6 महीने से वेतन नहीं मिला है. जिसकी वजह से मजदूर Financial Crisis से जूझ हैं. बार-बार मेहनताना की राशि मांगने के बावजूद भी प्रबंधन टालमटोल कर रहा है.
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HEC Bhartiya Mazdoor Sangh के यूनियन नेता विकास तिवारी बताते हैं कि जो मजदूर एचईसी को आगे बढ़ाने में अपना अहम योगदान देते हैं, उन्हीं के हक के पैसों का प्रबंधन बंदरबांट कर रही है. उन्होंने बताया कि पिछले 6 माह से वेतन नहीं मिलने के कारण मजदूर परेशान हैं और प्रबंधन बेफिक्र होकर अपनी कमाई में जुटी है. उन्होंने प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस वक्त सबसे जरूरी मजदूरों का वेतन देना है लेकिन प्रबंधन वैसे ठेकेदारों को पैसा दे रही है जिनको अभी पेमेंट करने की जरूरत नहीं है.
विकास तिवारी बताते हैं कि फिलहाल प्रबंधन ऐसे ठेकेदारों को सिर्फ इसलिए पैसा दे रही है क्योंकि इनके पेमेंट से प्रबंधन में बैठे अधिकारियों का कमीशन बन रहा है. उन्होंने बताया कि भुखमरी के कगार पर पहुंचे मजदूर जब अपने वेतन की मांग को लेकर प्रबंधन के पास जाते हैं तो प्रबंधन टालमटोल करते हुए केंद्र सरकार पर ठीकरा फोड़ देती है. वहीं भारतीय मजदूर संघ के महामंत्री रामाशंकर बताते हैं कि अगर HEC Management हमारी वेतन का जल्द से जल्द भुगतान नहीं करती है तो मजदूर बड़ा आंदोलन के लिए मजबूर हो जाएंगे, जिसका जिम्मेदार सिर्फ प्रबंधन होगा.
HEC में 1300 परमानेंट एम्पलाई हैं. 1745 कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स हैं, वहीं कुछ अन्य वर्कर्स भी हैं. कुल मिलाकर करीब 3500 मजदूर हैं. जानकारी के अनुसार लगभग 80 से 85 करोड़ रुपया मजदूरों का बकाया एचईसी के पास है. लेकिन प्रबंधन की तरफ से कोई भी अधिकारी इसको लेकर ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं. इसको लेकर कई मजदूरों ने बताया कि पिछले 6 महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण घर खर्चे के लिए भी अब पैसे नहीं हैं. नवंबर और अक्टूबर के महीने में पर्व के नाम पर सिर्फ चंद पैसे देकर मजदूरों के आक्रोश को शांत करा दिया गया.
उन्होंने कहा कि अब मजदूर अपना पूरा हक लिए बगैर शांत नहीं होंगे. अगर एचईसी अधिकारी और केंद्र सरकार मजदूरों की परेशानी पर विचार नहीं करेगा तो आने वाले समय में प्रबंधन के अधिकारियों के आवास का घेराव किया जाएगा. जिससे मजदूरों की समस्या प्रबंधन के लोग समझ सके.