रांची: राज्य के 116 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में प्रिंसिपल और शिक्षकों की नियुक्ति की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सरकार के द्वारा दायर शपथ पत्र को देखने के बाद अदालत ने नाराजगी जताई. अदालत ने कहा कि आदेश को गंभीरता से लेना चाहिए और सक्षम पदाधिकारी के द्वारा ही अदालत में शपथ पत्र दायर किया जाना चाहिए.
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में राज्य की 116 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में प्रिंसिपल और शिक्षक की नियुक्ति की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. दोनों न्यायाधीश अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि मामले में जिन्हें प्रतिवादी भी नहीं बनाया गया है. वह प्रिंसिपल स्तर के अधिकारी से शपथ पत्र हाई कोर्ट में दायर कराया गया है, यह उचित नहीं है, जिस पर अदालत ने संज्ञान लेते हुए मौखिक रूप से कहा कि हाई कोर्ट के आदेश को गंभीरता से लेना चाहिए और सक्षम पदाधिकारी के द्वारा शपथ पत्र दायर करना चाहिए. उन्होंने राज्य सरकार को संबंधित विभाग के सक्षम पदाधिकारी को शपथ पत्र दायर करने को कहा है.
बता दें कि राज्य के 116 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान महज चार प्रिंसिपल के भरोसे चल रहा है. करोड़ों का भवन बनवा दिया गया है, लेकिन उसमें शिक्षक नियुक्त नहीं किया गया है, जिसके कारण से वहां शिक्षण का कार्य प्रारंभ नहीं किया गया. राज्य के बच्चे सफर कर रहे हैं. उसी जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार को सक्षम पदाधिकारी के द्वारा शपथ पत्र दायर करने को कहा है.