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इतिहास शिक्षक नियुक्ति मामले पर हाई कोर्ट में हुई सुनवाई, अदालत ने खारिज की याचिका

झारखंड हाई कोर्ट ने इतिहास विषय को लेकर विज्ञापन को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया. अदालत ने कहा कि इतिहास संपूर्ण विषय है. इसलिए सिर्फ प्राचीन मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास की डिग्री रखने वाले इस नियुक्ति में शामिल नहीं हो सकते हैं.

झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Jun 1, 2020, 9:48 PM IST

रांची: झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में प्राचीन इतिहास को इतिहास माना जाए को लेकर दायर एलपीए याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के सुनने के बाद एकल पीठ के आदेश को सही मानते हुए और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के फैसले को सही ठहराते हुए. याचिकाकर्ता तबरेज आलम की एलपीए याचिका को खारिज कर दिया.

देखें पूरी खबर

यह संपूर्ण इतिहास नहीं है

सुनवाई के दौरान जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पीपरवाल ने अदालत को बताया कि प्राचीन इतिहास इतिहास का एक अंग है यह संपूर्ण इतिहास नहीं है. विज्ञापन में इतिहास से स्नातकोत्तर को आवेदन करने की अनुमति दी गई थी. इस आवेदन के समय इतिहास के स्नातकोत्तर आवेदन में लिखे थे. पेपर वेरीफिकेशन के दौरान इनका प्रमाण पत्र इतिहास में न होकर प्राचीन इतिहास में था. इसलिए इन्हें अंतिम रूप से चयनित नहीं किया गया. विज्ञापन में इतिहास का मतलब संपूर्ण इतिहास से है न की प्राचीन इतिहास से अदालत ने उनके पक्ष को सुनने के उपरांत याचिका को खारिज कर दिया है.

ये भी पढ़ें-मन की बात में बोले पीएम मोदी- देश खुल गया है, अब ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत

हाईकोर्ट में दी फैसले को चुनौती

तबरेज आलम ने कर्मचारी चयन आयोग के प्राचीन इतिहास में स्नातकोत्तर होने के कारण उनका चयन नहीं करने के बाद जेसीसी के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दिया था. पूर्व में एकल पीठ ने याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज कर दिया था फिर उन्होंने एकल पीठ के आदेश को एलपीए के माध्यम से चुनौती दी. जिस पर सुनवाई हुई. उसके बाद अदालत ने एलपीए को भी खारिज कर दिया है.

रांची: झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में प्राचीन इतिहास को इतिहास माना जाए को लेकर दायर एलपीए याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के सुनने के बाद एकल पीठ के आदेश को सही मानते हुए और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के फैसले को सही ठहराते हुए. याचिकाकर्ता तबरेज आलम की एलपीए याचिका को खारिज कर दिया.

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यह संपूर्ण इतिहास नहीं है

सुनवाई के दौरान जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पीपरवाल ने अदालत को बताया कि प्राचीन इतिहास इतिहास का एक अंग है यह संपूर्ण इतिहास नहीं है. विज्ञापन में इतिहास से स्नातकोत्तर को आवेदन करने की अनुमति दी गई थी. इस आवेदन के समय इतिहास के स्नातकोत्तर आवेदन में लिखे थे. पेपर वेरीफिकेशन के दौरान इनका प्रमाण पत्र इतिहास में न होकर प्राचीन इतिहास में था. इसलिए इन्हें अंतिम रूप से चयनित नहीं किया गया. विज्ञापन में इतिहास का मतलब संपूर्ण इतिहास से है न की प्राचीन इतिहास से अदालत ने उनके पक्ष को सुनने के उपरांत याचिका को खारिज कर दिया है.

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हाईकोर्ट में दी फैसले को चुनौती

तबरेज आलम ने कर्मचारी चयन आयोग के प्राचीन इतिहास में स्नातकोत्तर होने के कारण उनका चयन नहीं करने के बाद जेसीसी के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दिया था. पूर्व में एकल पीठ ने याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज कर दिया था फिर उन्होंने एकल पीठ के आदेश को एलपीए के माध्यम से चुनौती दी. जिस पर सुनवाई हुई. उसके बाद अदालत ने एलपीए को भी खारिज कर दिया है.

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