रांची: झारखंड के देवघर जिले में खुले एम्स (Deoghar AIIMS) के ओपीडी को शुरू करने की मांग को लेकर दायर झारखंड सरकार (Jharkhand Government) की याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद केंद्र सरकार और एम्स को नोटिस जारी कर 26 अगस्त से पहले शपथ पत्र के माध्यम से जवाब पेश करने को कहा है. अदालत ने केंद्र सरकार को अपने जवाब में यह बताने को कहा है कि जब सब कुछ बनकर तैयार है, तो ओपीडी क्यों नहीं खोला जा रहा है? मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी.
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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में झारखंड सरकार द्वारा देवघर में खुले एम्स में ओपीडी खोलने की मांग को लेकर दायर याचिका पर 26 जुलाई को सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. वहीं राज्य के महाधिवक्ता, केंद्र सरकार के अधिवक्ता और एम्स के अधिवक्ता ने अपने-अपने आवास से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.
राज्य सरकार ने अदालत से की मांग
मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने अदालत को जानकारी देते हुए कहा कि राज्य की जनता को इलाज कराने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है, देवघर में एम्स खोले गए हैं, जिसमें ओपीडी बनकर तैयार है, लेकिन उद्घाटन के नाम पर उसे शुरू नहीं किया जा रहा है, झारखंड सरकार ने फिजिकल रूप से उद्घाटन के लिए अनुमति ना देकर ऑनलाइन उद्घाटन की अनुमति दी है, लेकिन केंद्र सरकार के द्वारा उद्घाटन कार्यक्रम को आगे बढ़ा दिया गया, ओपीडी अभी तक शुरू नहीं हो सका है, जिसके कारण लोगों को सफर करना पड़ रहा है, इसलिए राज्य सरकार ने अदालत से केंद्र सरकार को देवघर एम्स में शीघ्र ओपीडी की शुरुआत करने का आदेश देने की मांग की है.
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देवघर एम्स के ओपीडी का 26 जून को होना था उद्घाटन
देवघर में खोले गए एम्स के ओपीडी का उद्घाटन 26 जून को ऑनलाइन निर्धारित किया गया था, लेकिन किसी कारण से रद्द कर दिया गया, जिस पर राज्य सरकार ने रिम्स के ओपीडी खोलने के लिए झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की. उस याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने केंद्र सरकार और एम्स से जवाब मांगा है.