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कोरोना मामले में हाई कोर्ट ने अधिकारी को क्यों लगाई फटकार? पढ़ें क्या कहा

हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश के आवास से लिए गए कोरोना सैंपल की जांच को लेकर अदालत ने रांची के सिविल सर्जन को एक बार फिर फटकार लगाई है. कोर्ट ने पूछा कि मुख्य न्यायाधीश के आवास से कलेक्ट किए गए सैंपल की इस तरह से अनदेखी करना उचित है क्या?

hearing on corona test case in jharkhand high court
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Apr 12, 2021, 3:36 PM IST

Updated : Apr 12, 2021, 3:55 PM IST

रांची: कोरोना वायरस की जांच में हो रही लेट-लतीफी पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने रांची सिविल सर्जन को फिर से कड़ी फटकार लगाई और पूछा कि 5 तारीख को मेरे आवास से सैंपल कलेक्ट किया गया था, वह सैंपल अभी तक जांच के लिए भेजा गया है या नहीं? इसकी सही-सही जानकारी आप दीजिए.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- सिविल सर्जन लोगों की जान लेना चाहते हैं क्या, हाई कोर्ट की तल्ख टिप्पणी

अधिकारी ने दिया जवाब

इस संबंध में अधिकारी ने डरते-डरते कहा कि वह सैंपल 9 अप्रैल को जांच के लिए भेजा था. फिर कोर्ट ने उनसे पूछा कि आपने पिछली बार हाई कोर्ट में क्यों गलत जवाब दिया? इस पर सिविल सर्जन की ओर से किसी भी तरह का कोई सकारात्मक जवाब नहीं किया जा सका. अदालत ने कहा कि हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के आवास से कलेक्ट किए गए सैंपल की इस तरह से अनदेखी करना उचित है? हाई कोर्ट इसको क्या माने? कोर्ट ने पूछा कि जब राजधानी रांची में कोरोना की यह स्थिति है तो राज्य के अन्य जिले में कोरोना की कैसी स्थिति होगी? अदालत ने इस मामले में राज्य के स्वास्थ्य सचिव को विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है. इस मामले पर सुनवाई मंगलवार को होगी. तब तक सचिव को अदालत में जवाब पेश करने को कहा गया है.


मंगलवार को फिर से होगी सुनवाई
शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान रांची सिविल सर्जन ने हाई कोर्ट को बताया था कि हाई कोर्ट से लिए गए कोरोना के सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए हैं. लेकिन जब उस मामले में हाई कोर्ट ने उन्हें शपथ पत्र के माध्यम से पूछा तो उन्होंने कहा कि सैंपल 9 अप्रैल को जांच के लिए भेजे गए हैं. इस पर अदालत ने गलत जवाब के लिए अधिकारी पर कार्रवाई कर जानकारी देने को कहा है. मामले पर मंगलवार को फिर से सुनवाई होगी.

ये भी पढ़ें-झारखंड के सभी सिविल कोर्ट में वर्चुअल मोड में होगी सुनवाई, फिजिकल कोर्ट बंद

कोरोना को लेकर क्या है तैयारी
अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि संक्रमण जिस तेजी से बढ़ रहा है, राज्य सरकार इसके लिए क्या कुछ तैयारी कर रही है? जिस पर राज्य सरकार के स्वास्थ्य सचिव ने अदालत को बताया कि इसके लिए राज्य सरकार पूरी तैयारी कर रही है. पूर्व से जितने भी बेड और अन्य उपकरण जो थी वह तो है ही लेकिन उसके अलावा कई वेंटीलेटरों की भी व्यवस्था की जा रही है ताकि संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन वाले बेड दिए जा सकें. अदालत ने कहा कि जब संक्रमण इस कदर बढ़ गया तो अब इस तरह का काम शुरू किया जा रहा है कि पूर्व से ही अधिकारी को इसका आभास होनी चाहिए और तैयारी करके रखनी चाहिए ताकि किसी को कोई कठिनाई न हो.

रांची: कोरोना वायरस की जांच में हो रही लेट-लतीफी पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने रांची सिविल सर्जन को फिर से कड़ी फटकार लगाई और पूछा कि 5 तारीख को मेरे आवास से सैंपल कलेक्ट किया गया था, वह सैंपल अभी तक जांच के लिए भेजा गया है या नहीं? इसकी सही-सही जानकारी आप दीजिए.

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अधिकारी ने दिया जवाब

इस संबंध में अधिकारी ने डरते-डरते कहा कि वह सैंपल 9 अप्रैल को जांच के लिए भेजा था. फिर कोर्ट ने उनसे पूछा कि आपने पिछली बार हाई कोर्ट में क्यों गलत जवाब दिया? इस पर सिविल सर्जन की ओर से किसी भी तरह का कोई सकारात्मक जवाब नहीं किया जा सका. अदालत ने कहा कि हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के आवास से कलेक्ट किए गए सैंपल की इस तरह से अनदेखी करना उचित है? हाई कोर्ट इसको क्या माने? कोर्ट ने पूछा कि जब राजधानी रांची में कोरोना की यह स्थिति है तो राज्य के अन्य जिले में कोरोना की कैसी स्थिति होगी? अदालत ने इस मामले में राज्य के स्वास्थ्य सचिव को विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है. इस मामले पर सुनवाई मंगलवार को होगी. तब तक सचिव को अदालत में जवाब पेश करने को कहा गया है.


मंगलवार को फिर से होगी सुनवाई
शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान रांची सिविल सर्जन ने हाई कोर्ट को बताया था कि हाई कोर्ट से लिए गए कोरोना के सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए हैं. लेकिन जब उस मामले में हाई कोर्ट ने उन्हें शपथ पत्र के माध्यम से पूछा तो उन्होंने कहा कि सैंपल 9 अप्रैल को जांच के लिए भेजे गए हैं. इस पर अदालत ने गलत जवाब के लिए अधिकारी पर कार्रवाई कर जानकारी देने को कहा है. मामले पर मंगलवार को फिर से सुनवाई होगी.

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कोरोना को लेकर क्या है तैयारी
अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि संक्रमण जिस तेजी से बढ़ रहा है, राज्य सरकार इसके लिए क्या कुछ तैयारी कर रही है? जिस पर राज्य सरकार के स्वास्थ्य सचिव ने अदालत को बताया कि इसके लिए राज्य सरकार पूरी तैयारी कर रही है. पूर्व से जितने भी बेड और अन्य उपकरण जो थी वह तो है ही लेकिन उसके अलावा कई वेंटीलेटरों की भी व्यवस्था की जा रही है ताकि संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन वाले बेड दिए जा सकें. अदालत ने कहा कि जब संक्रमण इस कदर बढ़ गया तो अब इस तरह का काम शुरू किया जा रहा है कि पूर्व से ही अधिकारी को इसका आभास होनी चाहिए और तैयारी करके रखनी चाहिए ताकि किसी को कोई कठिनाई न हो.

Last Updated : Apr 12, 2021, 3:55 PM IST
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