रांचीः जमशेदपुर में हुए गवाह की हत्या मामले में झारखंड हाई कोर्ट द्वारा लिए गए संज्ञान याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान राज्य के गृह सचिव राजीव अरुण इक्का हाजिर हुए. उन्होंने अदालत को बताया कि राज्य में गवाह की सुरक्षा को लेकर प्रोटेक्शन एक्ट लागू है और इसके तहत सुरक्षा दी जाती है. अदालत ने उन्हें राज्य के सभी जिला न्यायालय में उच्च गुणवत्ता युक्त कैमरा लगाने का निर्देश दिया है.
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रविरंजन की पीठ ने जमशेदपुर से जुड़े गवाह हत्या मामले में पिछले दिनों स्वतः सज्ञान लिया था. जिसे जनहित याचिका में तब्दील कर अदालत में सुनवाई की जा रही है. मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डॉ रविरंजन ने कड़ी नाराजगी जताते हुए पूछा, कि गवाहों को सुरक्षा दिए जाने के लिए क्या योजना है. इसके साथ ही अदालत ने यह भी जानना चाहा था कि राज्य सरकार ने अब तक गवाहों की सुरक्षा के लिए क्या किया है. उसी आदेश के आलोक में आज गृह सचिव ने अदालत में हाजिर होकर जानकारी दी.
बता दें कि जमशेदपुर के सिदगोड़ा कोर्ट में पेशी से लौटने पर अपराधियों ने मनप्रीत सिंह की घर में घुसकर हत्या कर दी थी. बताया जा रहा है कि सीतारामडेरा थाना क्षेत्र में तीन माह पहले फायरिंग हुई थी. इस मामले में गवाही देने से मनप्रीत सिंह को अपराधियों ने मना किया था. लेकिन जब मनप्रीत नहीं माने तो उसके घर में घुसकर गोली मारी गयी. गौरतलब है कि तीन माह पहले सीतारामडेरा थाना क्षेत्र में हुई फायरिंग में मनप्रीत सिंह गवाह था. बुधवार को उसने कोर्ट में जाकर गवाही दी थी. गवाही देकर जब वो घर लौट रहा था. तभी उसपर 8 राउंड फायरिंग की गई. जिसमें से एक गोली उसके सिर पर, दूसरा हाथ पर और तीसरी गोली पैर में लगी थी. जिससे घटनास्थल पर ही मनप्रीत की मौत हो गयी थी.