रांची: लाखों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ी जगन्नाथ रथ यात्रा(Jagannath Rath Yatra) इस बार भी निकल पाएगी या नहीं इस बिंदु पर झारखंड हाई कोर्ट(Jharkhand High Court) में 9 जुलाई को सुनवाई होगी. मंदिर न्यास समिति की ओर से दायर जनहित याचिका(PIL) पर अदालत से विशेष सुनवाई का आग्रह किया गया था. राज्य सरकार के अधिवक्ता की सहमति से अब मामले पर शुक्रवार को विस्तृत सुनवाई होगी. जगन्नाथ रथ यात्रा 12 जुलाई को रांची जगन्नाथ मंदिर से मौसीबाड़ी तक निकाली जानी है.
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पिछले साल भी नहीं निकल पाई थी यात्रा
कोविड-19 के कारण पिछले साल जगन्नाथ रथ यात्रा नहीं निकल पाई थी. जबकि ओडिशा के जगन्नाथपुरी में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कई बंदिशों के साथ यात्रा निकालने की छूट दी गई थी. इस बार मंदिर न्यास समिति की ओर से रांची जगन्नाथ मंदिर से मौसीबाड़ी तक रथयात्रा निकालने की अनुमति देने के लिए जनहित याचिका दायर की गई है. फिलहाल श्रद्धालुओं की नजर झारखंड हाई कोर्ट के फैसले पर टिकी है.
ओडिशा जगन्नाथपुरी रथ यात्रा की तर्ज पर दी जाए इजाजत
रांची जगन्नाथ मंदिर न्यास समिति की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें कहा गया है कि पिछले 300 वर्षों से यह यात्रा निकाली जा रही है. याचिका के माध्यम से अदालत से अपील की गई है कि जिस तरह पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा के जगन्नाथपुरी में रथ यात्रा कुछ शर्तों के साथ निकालने की अनुमति दी थी. उसी आधार पर रांची जगन्नाथ मंदिर रथ यात्रा को भी निकालने की अनुमति प्रदान की जाए. याचिका में कहा गया कि रांची जगन्नाथ मंदिर से लेकर मौसी बाड़ी तक यह यात्रा कोविड-19 गाइडलाइंस के अनुरूप ही निकाली जाएगी. इसे लेकर सरकार को दिशा निर्देश दी जाए. न्यास समिति का कहना है कि रथयात्रा में केवल 101 लोग ही शामिल होंगे. रथ यात्र में सिर्फ वैसे लोग शामिल होंगे जिन्होंने वैक्सीन ले ली है, उनका रिपोर्ट भी नेगेटिव है.
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हाई कोर्ट पर टिकी निगाहें
मंदिर न्यास समिति की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि झारखंड सरकार ने कोविड-19 के कारण गाइडलाइन 30 जून को जारी किया गया है. याचिका के जरिए उसमें संशोधन करने की मांग की गई है. गाइडलाइंस में राज्य के मंदिरों को खोलने और जुलूस निकालने पर रोक लगाई गई है. पिछले वर्ष भी झारखंड में जगन्नाथ रथ यात्रा नहीं निकाली गई थी. इस वर्ष भी कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए फिलहाल राज्य सरकार आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर और अन्य धार्मिक स्थल बंद रखे हुए है. ऐसे में अब सभी की निगाहें हाई कोर्ट के फैसले पर है.