रांची: राज्य की चिकित्सा महाविद्यालय में से एक रिम्स की लचर व्यवस्था पर झारखंड हाई कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है. अदालत ने पूछा है कि ऐसी स्थिति में कैसे लोगों का इलाज होगा. बीमारी छोटे बड़ों को देख कर नहीं आती है, माना कि जो डॉक्टर हैं वह सक्षम हैं. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 10 व्यक्ति कितने भी सक्षम क्यों न हो 100 का काम नहीं कर सकते हैं. उन्होंने रिम्स प्रशासन से पूछा है कि रिम्स के कितने डॉक्टर, नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ और अन्य पद खाली हैं और क्यों खाली हैं. रिम्स में नियमित डायरेक्टर क्यों नहीं हैं, इस पर जवाब मांगा गया है. रिम्स में वर्तमान रिक्त पदों की विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है.
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विस्तृत जवाब पेश करने को कहा
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि रिम्स में अधिकांश पद रिक्त हैं, जिसके कारण वहां इलाज में कठिनाई होती है. अदालत ने माना कि डॉक्टर, नर्स और मेडिकल स्टाफ के पद रिक्त होने के कारण यह कठिनाई आ रही है. इतना ही नहीं रिम्स जैसे संस्थान में नियमित डायरेक्टर नहीं हैं. इस पर भी उन्होंने कड़ी नाराजगी जाहिर की और रिम्स प्रशासन को विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है.
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18 सितंबर को अगली सुनवाई
कोविड-19 से निपटने की तैयारी को लेकर हाई कोर्ट की ओर से लिए गए स्वता संज्ञान याचिका की सुनवाई के दौरान रिम्स की लचर व्यवस्था पर चर्चा की गई. उसी दौरान अदालत ने रिम्स प्रशासन को मामले में विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 18 सितंबर को होगी.