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हॉर्स ट्रेडिंग मामले के आरोपी निलंबित एडीजी की याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई, सरकार से मांगी गई एफएसएल रिपोर्ट

झारखंड हाई कोर्ट में राज्यसभा चुनाव (2016) में हॉर्स ट्रेडिंग करने के आरोपी निलंबित एडीजी अनुराग गुप्ता की याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने राज्य सरकार से सीडी और दूसरे यंत्रों की एफएसएल जांच की रिपोर्ट मांगी है. अदालत ने राज्य सरकार को 17 जनवरी तक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.

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झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Nov 2, 2021, 9:17 PM IST

रांची: राज्यसभा चुनाव (2016) में हॉर्स ट्रेडिंग करने के आरोपी निलंबित एडीजी अनुराग गुप्ता की याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार से सीडी और दूसरे यंत्रों की एफएसएल जांच की रिपोर्ट मांगी है. रिपोर्ट जमा करने के लिए सरकार की ओर से समय की मांग की गई. जिसके बाद अदालत ने उन्हें समय देते हुए 17 जनवरी तक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. साथ ही अनुराग गुप्ता के खिलाफ पीड़क कार्रवाई नहीं करने के आदेश को भी अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया गया है.

इसे भी पढे़ं: राज्यसभा चुनाव हॉर्स ट्रेडिंग मामलाः आरोपी पूर्व एडीजी अनुराग गुप्ता को झारखंड हाई कोर्ट से राहत, पीड़क कार्रवाई पर रोक


झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में मामले पर सुनवाई हुई. हॉर्स ट्रेडिंग के मामले में निचली अदालत में चल रही कार्यवाही और पीसी एक्ट जोड़े जाने को लेकर अनुराग गुप्ता ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है. उसे रद्द करने का आग्रह किया गया है. अनुराग गुप्ता की ओर से अधिवक्ता ने बताया कि उनके खिलाफ बिना साक्ष्य के ही निचली अदालत में कार्यवाही चलाई जा रही है. जिस सीडी और यंत्र के आधार पर उनके खिलाफ मामला बताया गया है कि उसकी एफएसएल जांच कराई गई है. उसे लेकर उन्होंने दावा किया है कि एफएसएल की रिपोर्ट में ऑडियों में 27 जगहों पर आवाज के कट किए जाने की पुष्टि हुई थी. इसकी रिपोर्ट एफएसएल ने पुलिस को पहले भी भेजी है. अनुराग गुप्ता ने अपने खिलाफ पीसी एक्ट को जोड़े जाने को भी नियम विरुद्ध बताते हुए इसे निरस्त करने का आग्रह किया है.

हॉर्स ट्रेडिंग मामले में सुनवाई

2016 के राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग

वर्ष 2016 के राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप में 14 फरवरी 2020 को राज्य सरकार ने एडीजी अनुराग गुप्ता को जगन्नाथपुर थाना में दर्ज मामले को लेकर निलंबित कर दिया था. निलंबन के पूर्व अनुराग गुप्ता सीआईडी में बतौर एडीजी के पद पर थे. बाद में केस की मॉनिटरिंग सीआईडी द्वारा की जाने लगी थी. तब सीआईडी एडीजी रहे अनिल पालटा की समीक्षा के बाद पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी इस मामले में अप्राथमिक अभियुक्त बना दिया गया था. वहीं सरकार के स्तर से पीसी एक्ट जोड़ने की अनुसंशा भी की गई थी.

रांची: राज्यसभा चुनाव (2016) में हॉर्स ट्रेडिंग करने के आरोपी निलंबित एडीजी अनुराग गुप्ता की याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार से सीडी और दूसरे यंत्रों की एफएसएल जांच की रिपोर्ट मांगी है. रिपोर्ट जमा करने के लिए सरकार की ओर से समय की मांग की गई. जिसके बाद अदालत ने उन्हें समय देते हुए 17 जनवरी तक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. साथ ही अनुराग गुप्ता के खिलाफ पीड़क कार्रवाई नहीं करने के आदेश को भी अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया गया है.

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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में मामले पर सुनवाई हुई. हॉर्स ट्रेडिंग के मामले में निचली अदालत में चल रही कार्यवाही और पीसी एक्ट जोड़े जाने को लेकर अनुराग गुप्ता ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है. उसे रद्द करने का आग्रह किया गया है. अनुराग गुप्ता की ओर से अधिवक्ता ने बताया कि उनके खिलाफ बिना साक्ष्य के ही निचली अदालत में कार्यवाही चलाई जा रही है. जिस सीडी और यंत्र के आधार पर उनके खिलाफ मामला बताया गया है कि उसकी एफएसएल जांच कराई गई है. उसे लेकर उन्होंने दावा किया है कि एफएसएल की रिपोर्ट में ऑडियों में 27 जगहों पर आवाज के कट किए जाने की पुष्टि हुई थी. इसकी रिपोर्ट एफएसएल ने पुलिस को पहले भी भेजी है. अनुराग गुप्ता ने अपने खिलाफ पीसी एक्ट को जोड़े जाने को भी नियम विरुद्ध बताते हुए इसे निरस्त करने का आग्रह किया है.

हॉर्स ट्रेडिंग मामले में सुनवाई

2016 के राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग

वर्ष 2016 के राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप में 14 फरवरी 2020 को राज्य सरकार ने एडीजी अनुराग गुप्ता को जगन्नाथपुर थाना में दर्ज मामले को लेकर निलंबित कर दिया था. निलंबन के पूर्व अनुराग गुप्ता सीआईडी में बतौर एडीजी के पद पर थे. बाद में केस की मॉनिटरिंग सीआईडी द्वारा की जाने लगी थी. तब सीआईडी एडीजी रहे अनिल पालटा की समीक्षा के बाद पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी इस मामले में अप्राथमिक अभियुक्त बना दिया गया था. वहीं सरकार के स्तर से पीसी एक्ट जोड़ने की अनुसंशा भी की गई थी.

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