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नए हाइकोर्ट भवन निर्माण को लेकर HC सख्त, पूछा- क्या समय पर पूरा होगा काम? - राज्य सरकार

नए हाईकोर्ट भवन निर्माण में गड़बड़ी को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि नए भवन का निर्माण समय पर पूरा होगा या नहीं?

झारखंड हाईकोर्ट
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Published : Sep 6, 2019, 9:56 PM IST

रांची: झारखंड हाईकोर्ट में नए हाईकोर्ट भवन निर्माण में गड़बड़ी को लेकर दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद और रत्नाकर भेंगरा की अदालत में हुई. अदालत ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि नए भवन का निर्माण कार्य कितना पूरा हुआ है और कितना बचा हुआ है.

देखें पूरी खबर

20 सितंबर को अगली सुनवाई
कोर्ट ने पूछा कि कम से कम समय में नए हाईकोर्ट भवन कार्य पूरा हो सकता है तो बताएं. इस पर सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि नया भवन निर्माण कार्य कर रहे रामकृपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी को अब नया कार्य नहीं दिया जाएगा. मामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी.

जनहित याचिका दाखिल
बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट में अधिवक्ता राजीव कुमार ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है. याचिका के माध्यम से कहा गया है कि अधिकारियों और निर्माण कराने वाले संवेदक रामकृपाल कंस्ट्रक्शन लिमिटेड की मिलीभगत से वित्तीय अनियमितता हुई है. शुरुआत में हाईकोर्ट भवन निर्माण के लिए 365 करोड़ रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई थी. बाद में 100 करोड़ घटाकर संवेदक को 265 करोड़ में टेंडर दे दिया गया. वर्तमान में इसकी लागत बढ़ाकर लगभग 697 करोड़ रुपए हो गया.

ये भी पढ़ें- रांची में नए दर पर चालान काटने को लेकर हंगामा और मारपीट, पुलिस के साथ भी हाथापाई

धुर्वा में हो रहा निर्माण
बड़ी राशि के लिए सरकार से अनुमति भी नहीं ली गई और ना ही नया टेंडर किया गया. वादी ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. साथ ही तत्कालीन मुख्य सचिव और संवेदक की भूमिका की भी जांच की मांग की है. झारखंड हाईकोर्ट के नए भवन का निर्माण नगड़ी अंचल के तिरिल मौजा (धुर्वा) में 165 एकड़ जमीन में किया जा रहा है.

रांची: झारखंड हाईकोर्ट में नए हाईकोर्ट भवन निर्माण में गड़बड़ी को लेकर दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद और रत्नाकर भेंगरा की अदालत में हुई. अदालत ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि नए भवन का निर्माण कार्य कितना पूरा हुआ है और कितना बचा हुआ है.

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20 सितंबर को अगली सुनवाई
कोर्ट ने पूछा कि कम से कम समय में नए हाईकोर्ट भवन कार्य पूरा हो सकता है तो बताएं. इस पर सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि नया भवन निर्माण कार्य कर रहे रामकृपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी को अब नया कार्य नहीं दिया जाएगा. मामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी.

जनहित याचिका दाखिल
बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट में अधिवक्ता राजीव कुमार ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है. याचिका के माध्यम से कहा गया है कि अधिकारियों और निर्माण कराने वाले संवेदक रामकृपाल कंस्ट्रक्शन लिमिटेड की मिलीभगत से वित्तीय अनियमितता हुई है. शुरुआत में हाईकोर्ट भवन निर्माण के लिए 365 करोड़ रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई थी. बाद में 100 करोड़ घटाकर संवेदक को 265 करोड़ में टेंडर दे दिया गया. वर्तमान में इसकी लागत बढ़ाकर लगभग 697 करोड़ रुपए हो गया.

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धुर्वा में हो रहा निर्माण
बड़ी राशि के लिए सरकार से अनुमति भी नहीं ली गई और ना ही नया टेंडर किया गया. वादी ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. साथ ही तत्कालीन मुख्य सचिव और संवेदक की भूमिका की भी जांच की मांग की है. झारखंड हाईकोर्ट के नए भवन का निर्माण नगड़ी अंचल के तिरिल मौजा (धुर्वा) में 165 एकड़ जमीन में किया जा रहा है.

Intro:रांची
बाइट--राजीव कुमार अधिवक्ता झारखंड हाई कोर्ट

हाईकोर्ट ने भवन निर्माण में गड़बड़ी को लेकर दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई मामले की सुनवाई न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद और रत्नाकर भेंगरा की अदालत में हुई। अदालत ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि नए भवन का निर्माण कार्य कितना पूरा हुआ है और कितना बचा हुआ है कम से कम समय में नए हाईकोर्ट भवन कार्य पूरा हो सकता है तो बताएं इस पर सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि नया भवन निर्माण कार्य कर रहे रामकृपाल कंट्रक्शन कंपनी को अब नया कार्य नहीं दिया जाएगा। मामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी


Body:आपको बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट में अधिवक्ता राजीव कुमार ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है और याचिका के माध्यम से कहा गया है कि अधिकारियों और निर्माण कराने वाले संवेदक रामकृपाल कंट्रक्शन लिमिटेड की मिलीभगत से वित्तीय अनियमितता हुई है शुरुआत में हाईकोर्ट भवन निर्माण के लिए 365 करो रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई थी बाद में 100 करोड़ घटाकर संवेदक को 365 करोड़ में टेंडर दे दिया गया वर्तमान में इसकी लागत बढ़ाकर लगभग 697 करो रुपए हो गया बड़ी राशि के लिए सरकार से अनुमति भी नहीं ली गई और ना ही नया टेंडर किया गया वादी ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है साथ ही तत्कालीन मुख्य सचिव व संवेदक की भूमिका की भी जांच की मांग की है झारखंड हाई कोर्ट के नए भवन का निर्माण नगड़ी अंचल के तिरिल मौजा(धुर्वा) मैं 165 एकड़ जमीन में हाईकोर्ट निर्माण का कार्य किया जा रहा है


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