रांची: झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) के न्यायाधीश रंगन मुखोपाध्याय और न्यायाधीश अंबुज नाथ की अदालत में बुधवार को झारखंड मॉब लिंचिंग (Jharkhand Mob Lynching) मामले में अलीमुद्दीन की हत्या के सजायाफ्ता दीपक मिश्रा एवं अन्य के द्वारा दायर अपील याचिका पर आंशिक सुनवाई हुई. अदालत ने मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए सुनवाई 23 अगस्त की तिथि निर्धारित की है. दीपक मिश्रा और अन्य की ओर से निचली अदालत द्वारा दी गयी सजा के खिलाफ अपील याचिका दाखिल की है. सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने मामले में मृत सिकंदर राम के बारे में राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है. सिकंदर राम को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी, बाद में उसकी मौत हो गयी थी.
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रामगढ़ कोर्ट (Ramgarh Court) ने 21 मार्च 2018 को 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा (11 convicts sentenced to life imprisonment) सुनायी थी. हजारीबाग के मीट कारोबारी अलीमुद्दीन अंसारी की बीफ ले जाने के आरोप में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में मृतक की पत्नी ने 12 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी थी. 16 मार्च 2018 को 12 में से 11 आरोपियों को दोषी करार दिया था, जबकि एक आरोपी को नाबालिग होने के कारण उसका मामला जुवेनाइल बोर्ड में भेज दिया गया था.
अदालत ने जिन्हें आजीवन कारावास की सजा दी थी उनमें छोटू वर्मा, दीपक मिश्रा और संतोष सिंह के अलावा भाजपा नेता नित्यानंद महतो, विक्की साव, सिकंदर राम, उत्तम राम, विक्रम प्रसाद, राजू कुमार, रोहित ठाकुर, और कपिल ठाकुर शामिल थे. रामगढ़ जिले के मनुआ फुलसराय के रहने वाले अलीमुद्दीन की हत्या 29 जून 2017 को कर दी गयी थी. मारुति वैन से बीफ ले जाने के आरोप में भीड़ ने बाजार टांड़ स्थित गैस एजेंसी के पास अलीमुद्दीन की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.