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ITI कॉलेज के संचालन पर हाई कोर्ट की फटकार, कहा- सरकार से नहीं चल पा रही तो दूसरे को दे दें

राज्य के विभिन्न जिलों में सरकारी आईटीआई कॉलेज भवन बनकर तैयार है. उसका संचालन शुरू करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई.

Hearing in Jharkhand HC
Hearing in Jharkhand HC
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Published : Sep 4, 2020, 5:51 PM IST

रांची: राज्य के विभिन्न जिलों में सरकारी आईटीआई कॉलेज भवन बनकर तैयार है. उसका संचालन शुरू करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने राज्य सरकार के अधिकारी के रवैया पर फटकार लगाई है, मौखिक रूप से कहा कि, अगर राज्य सरकार कॉलेज का संचालन नहीं कर पा रही है, तो दूसरे को ही दे दें, इतनी लागत से भवन बना कर खड़ा कर दिया गया है और ना ही नीति बनाई गई है ना ही उसमें ट्रेनर नियुक्त किया जा रहा है, विभाग सोया हुआ है. उन्होंने पूछा कि विभाग अब तक क्या कर रही है ? जिस पर सकारात्मक जवाब नहीं दिए जाने पर उन्होंने श्रम नियोजन और प्रशिक्षण सचिव को हाजिर होकर जवाब पेश करने को कहा है.

Hearing in Jharkhand HC
झारखंड हाई कोर्ट

इसे भी पढ़ें- रेलवे का स्पष्टीकरण: एकमात्र महिला यात्री के लिए नहीं चलाई गई दिल्ली-रांची राजधानी एक्सप्रेस

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में राज्य के विभिन्न जिलों में 59 आईटीआई भवन बनकर तैयार है, उसमें प्राचार्य और ट्रेनर की नियुक्ति नहीं किए जाने के कारण अब तक ट्रेनिंग का कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका है, उसी को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.

सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि, शिक्षण कार्य शुरू किए जाने को लेकर कार्य चल रहा है. सरकार के जवाब पर अदालत ने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि, करोड़ों का भवन बना कर खड़ा कर दिया गया है और विभाग को अभी तक यह पता नहीं कि कब से शुरु हो जाएगा, कब नियुक्ति की जाएगी केवल संस्थान बनाकर के पब्लिक के पैसे का दुरुपयोग ना करें, उसे सुचारू रूप से संचालन करने के लिए प्रशिक्षित अनुदेशकों की नियुक्ति करें, ताकि सही तरीके से प्रशिक्षण संस्थान चल सके. अदालत ने विभाग के सचिव को अगली सुनवाई को हाजिर होकर अदालत में जवाब पेश करने को कहा है.

बता दें कि याचिकाकर्ता भीम प्रभाकर ने राज्य में बने औद्योगिक संस्थान में शिक्षण कार्य प्रारंभ करने और उसमें प्राचार्य और अनुदेशकों की नियुक्ति करने को लेकर याचिका दायर किया है, उस याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने विभाग के सचिव को विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है.

रांची: राज्य के विभिन्न जिलों में सरकारी आईटीआई कॉलेज भवन बनकर तैयार है. उसका संचालन शुरू करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने राज्य सरकार के अधिकारी के रवैया पर फटकार लगाई है, मौखिक रूप से कहा कि, अगर राज्य सरकार कॉलेज का संचालन नहीं कर पा रही है, तो दूसरे को ही दे दें, इतनी लागत से भवन बना कर खड़ा कर दिया गया है और ना ही नीति बनाई गई है ना ही उसमें ट्रेनर नियुक्त किया जा रहा है, विभाग सोया हुआ है. उन्होंने पूछा कि विभाग अब तक क्या कर रही है ? जिस पर सकारात्मक जवाब नहीं दिए जाने पर उन्होंने श्रम नियोजन और प्रशिक्षण सचिव को हाजिर होकर जवाब पेश करने को कहा है.

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झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में राज्य के विभिन्न जिलों में 59 आईटीआई भवन बनकर तैयार है, उसमें प्राचार्य और ट्रेनर की नियुक्ति नहीं किए जाने के कारण अब तक ट्रेनिंग का कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका है, उसी को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.

सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि, शिक्षण कार्य शुरू किए जाने को लेकर कार्य चल रहा है. सरकार के जवाब पर अदालत ने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि, करोड़ों का भवन बना कर खड़ा कर दिया गया है और विभाग को अभी तक यह पता नहीं कि कब से शुरु हो जाएगा, कब नियुक्ति की जाएगी केवल संस्थान बनाकर के पब्लिक के पैसे का दुरुपयोग ना करें, उसे सुचारू रूप से संचालन करने के लिए प्रशिक्षित अनुदेशकों की नियुक्ति करें, ताकि सही तरीके से प्रशिक्षण संस्थान चल सके. अदालत ने विभाग के सचिव को अगली सुनवाई को हाजिर होकर अदालत में जवाब पेश करने को कहा है.

बता दें कि याचिकाकर्ता भीम प्रभाकर ने राज्य में बने औद्योगिक संस्थान में शिक्षण कार्य प्रारंभ करने और उसमें प्राचार्य और अनुदेशकों की नियुक्ति करने को लेकर याचिका दायर किया है, उस याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने विभाग के सचिव को विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है.

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