रांचीः कोरोना के वैश्विक महामारी में दूसरे राज्यों से झारखंड आने वाले प्रवासी मजदूरों की जांच और उनको घर भेजने के बिंदु पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत में सरकार की ओर से जवाब पेश किया गया, जिसमें बताया गया कि अब तक 4 लाख 31 हजार मजदूर आए हैं, जिसमें 30 हजार मजदूरों की जांच अब तक हो चुकी है.
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉक्टर रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हुई. दोनों न्यायाधीशों ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. वहीं राज्य सरकार के अधिवक्ता और याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने अपने घर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.
सरकार की ओर से जवाब पेश किया गया. अपने जवाब में बताया कि अभी तक लगभग 4 लाख 31 हजार प्रवासी मजदूरों को घर लाया जा चुका है, जिसमें से 30 हजार का टेस्ट हो चुका है और मजदूरों को लाने की कोशिश की जा रही है. उसे सुरक्षित घर पहुंचाने की भी कोशिश की जा रही है.
केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार उनकी जांच कर जिन्हें जरूरत होती है उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत 5 जून को मामले की अगली सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की है. इस बीच की प्रगति पर फिर से जवाब पेश करने को कहा है
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हाई कोर्ट द्वारा लिए गए स्वतः संज्ञान याचिका पर सुनवाई के दौरान पूर्व में अदालत ने राज्य सरकार को मामले में जवाब पेश करने का आदेश दिया था. उसी आदेश के आलोक में राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश किया गया.