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कोरोना अलर्ट: अप्रैल माह तक 11 हजार बेड की तैयारी, दो फ्रंट पर लड़ रहा है स्वास्थ्य महकमा, सावधान रहें लोग

झारखंड में अब तक 12 लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन का पहला डोज दिया जा चुका है. दूसरी ओर कोरोना संक्रमण की दर फिर से बढ़ने लगी है. इससे निपटने के लिए झारखंड का स्वास्थ्य विभाग कितना तैयार है, इस बारे में ईटीवी भारतके ब्यूरो चीफ राजेश कुमार सिंह ने स्वास्थ्य सचिव केके सोन से बात की.

health secretary kk soan
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Published : Mar 26, 2021, 3:45 PM IST

रांची: झारखंडवासी सचेत हो जाएं, बेवजह मिलना-जुलना बंद करें, भीड़ न लगाएं और मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें. थोड़ी सी लापरवाही आपको और आपके चाहने वालों को मुसीबत में डाल सकती है. वजह है कोरोना का नए सिरे से फैलाव. 25 मार्च को आई रिपोर्ट के मुताबिक 24 घंटे के भीतर पूरे राज्य में 278 लोग संक्रमित पाए गए हैं. इनमें सबसे ज्यादा 170 मरीज रांची में मिले हैं. अब सवाल है कि आने वाली चुनौती से मुकाबला करने के लिए झारखंड का स्वास्थ्य विभाग क्या कुछ कर रहा है?

स्वास्थ्य सचिव केके सोन से खास बातचीत

ये भी पढ़ें-आधी आबादी ने है ठाना, कोरोना को दूर है भगाना! सखी दीदियों का सामूहिक प्रयास

स्वास्थ्य सचिव केके सोन ने कहा कि पिछले साल पूरी ताकत कांटेक्ट ट्रेसिंग, टेस्टिंग और इलाज के लिए लगायी गई थी. अब वैक्सीनेशन भी चल रहा है. इसलिए दो फ्रंट पर बैलेंस करके चलना पड़ रहा है. यह ऐसी लड़ाई है जो सिर्फ स्वास्थ्य विभाग के भरोसे नहीं जीती जा सकती है. इसके लिए झारखंड के सभी लोगों को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी. स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अप्रैल माह तक पूरे राज्य में करीब 11 हजार बेड तैयार करने के निर्देश दिए जा चुके हैं. रांची में 15 सौ बेड तैयार किए जा रहे हैं. ताकि लोगों को समय पर चिकित्सा लाभ मिल सके.

दूसरे राज्य से आने वालों को सतर्कता बरतने की जरूरत

उन्होंने कहा कि त्योहार का मौसम है. खासकर होली को देखते हुए यह जरूरी है कि लोग ठीक उसी तरह व्यवहार को अमल में लाएं जैसे पिछले साल किया गया था. उन्होंने कहा कि दूसरे राज्य से आने वाले लोगों को विशेष सतर्कता बरने की जरूरत है. इसके लिए रेलवे और एयरपोर्ट ऑथिरिटी को भी पत्र भेजकर एसओपी का पालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है. सभी जिला उपायुक्तों को निगरानी बरतने को कहा गया है. स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि टीका लगवा चुके लोगों पर जिम्मेदारी और बढ़ गयी है. उन्हें हर हाल में मास्क के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा. अगर ऐसे लोग यह मान बैठेंगे कि अब उन्हें कुछ नहीं होगा तो उन्हें यह जरूर ध्यान में रखना चाहिए कि उनकी वजह से दूसरे लोगों तक वायरस पहुंच सकता है.

ये भी पढ़ें-झारखंड में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मरीज, 24 घंटे में 278 नए केस

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि झारखंड को पहली खेप में 15 लाख वैक्सीन की डोज मिली थी. 25 मार्च को दो लाख और डोज मंगाया गया है. अब तक 12 लाख से ज्यादा लोगों को पहला डोज दिया जा चुका है. इनमें हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंट लाइन वर्क की संख्या 4 लाख 10 हजार है . जबकि अन्य बीमारियों से ग्रसित 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या 1 लाख 45 हजार और 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या 6 लाख 61 हजार है.

जहां तक सेकेंड डोज की बात है तो 25 मार्च तक कुल 2 लाख 27 हजार 798 हेल्थ केयर और फ्रंट लाइन वर्कर्स को टीका लग चुका है. लेकिन इसकी रफ्तार बढ़ाने की जरूरत है. इस दिशा में तैयारी चल रही है. स्वास्थ्य सचिव ने अपील की है कि लोग टीका लगवाएं और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें. उन्होंने कहा कि पिछले साल जब संक्रमण फैला था तब झारखंड के लोगों ने देश के दूसरे राज्यों की तुलना में ज्यादा गंभीरता के साथ अपनी जिम्मेदारी निभायी थी. इसलिए यहां के लोग अपनी जिम्मेदारी समझते हैं और उम्मीद है कि इस बार भी पूरा सहयोग मिलेगा.

रांची: झारखंडवासी सचेत हो जाएं, बेवजह मिलना-जुलना बंद करें, भीड़ न लगाएं और मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें. थोड़ी सी लापरवाही आपको और आपके चाहने वालों को मुसीबत में डाल सकती है. वजह है कोरोना का नए सिरे से फैलाव. 25 मार्च को आई रिपोर्ट के मुताबिक 24 घंटे के भीतर पूरे राज्य में 278 लोग संक्रमित पाए गए हैं. इनमें सबसे ज्यादा 170 मरीज रांची में मिले हैं. अब सवाल है कि आने वाली चुनौती से मुकाबला करने के लिए झारखंड का स्वास्थ्य विभाग क्या कुछ कर रहा है?

स्वास्थ्य सचिव केके सोन से खास बातचीत

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स्वास्थ्य सचिव केके सोन ने कहा कि पिछले साल पूरी ताकत कांटेक्ट ट्रेसिंग, टेस्टिंग और इलाज के लिए लगायी गई थी. अब वैक्सीनेशन भी चल रहा है. इसलिए दो फ्रंट पर बैलेंस करके चलना पड़ रहा है. यह ऐसी लड़ाई है जो सिर्फ स्वास्थ्य विभाग के भरोसे नहीं जीती जा सकती है. इसके लिए झारखंड के सभी लोगों को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी. स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अप्रैल माह तक पूरे राज्य में करीब 11 हजार बेड तैयार करने के निर्देश दिए जा चुके हैं. रांची में 15 सौ बेड तैयार किए जा रहे हैं. ताकि लोगों को समय पर चिकित्सा लाभ मिल सके.

दूसरे राज्य से आने वालों को सतर्कता बरतने की जरूरत

उन्होंने कहा कि त्योहार का मौसम है. खासकर होली को देखते हुए यह जरूरी है कि लोग ठीक उसी तरह व्यवहार को अमल में लाएं जैसे पिछले साल किया गया था. उन्होंने कहा कि दूसरे राज्य से आने वाले लोगों को विशेष सतर्कता बरने की जरूरत है. इसके लिए रेलवे और एयरपोर्ट ऑथिरिटी को भी पत्र भेजकर एसओपी का पालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है. सभी जिला उपायुक्तों को निगरानी बरतने को कहा गया है. स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि टीका लगवा चुके लोगों पर जिम्मेदारी और बढ़ गयी है. उन्हें हर हाल में मास्क के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा. अगर ऐसे लोग यह मान बैठेंगे कि अब उन्हें कुछ नहीं होगा तो उन्हें यह जरूर ध्यान में रखना चाहिए कि उनकी वजह से दूसरे लोगों तक वायरस पहुंच सकता है.

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स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि झारखंड को पहली खेप में 15 लाख वैक्सीन की डोज मिली थी. 25 मार्च को दो लाख और डोज मंगाया गया है. अब तक 12 लाख से ज्यादा लोगों को पहला डोज दिया जा चुका है. इनमें हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंट लाइन वर्क की संख्या 4 लाख 10 हजार है . जबकि अन्य बीमारियों से ग्रसित 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या 1 लाख 45 हजार और 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या 6 लाख 61 हजार है.

जहां तक सेकेंड डोज की बात है तो 25 मार्च तक कुल 2 लाख 27 हजार 798 हेल्थ केयर और फ्रंट लाइन वर्कर्स को टीका लग चुका है. लेकिन इसकी रफ्तार बढ़ाने की जरूरत है. इस दिशा में तैयारी चल रही है. स्वास्थ्य सचिव ने अपील की है कि लोग टीका लगवाएं और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें. उन्होंने कहा कि पिछले साल जब संक्रमण फैला था तब झारखंड के लोगों ने देश के दूसरे राज्यों की तुलना में ज्यादा गंभीरता के साथ अपनी जिम्मेदारी निभायी थी. इसलिए यहां के लोग अपनी जिम्मेदारी समझते हैं और उम्मीद है कि इस बार भी पूरा सहयोग मिलेगा.

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