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RIMS में गरीब मरीजों के इलाज के लिए 5 लाख का फंड, जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन की भी होगी खरीदारी - रिम्स की खबर

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Health Minister Banna Gupta) ने रिम्स (RIMS) में अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने मरीजों के हित के लिए कई अहम मुद्दों पर चर्चा की. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वैसे मरीज जिनके पास न तो आयुष्मान कार्ड है, न ही कोई लाल या पीला राशन कार्ड है और वह आर्थिक रूप से गरीब है. ऐसे मरीजों को रिम्स के तरफ से इलाज के लिए जरूरत की राशि उपलब्ध करायी जाएगी.

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स्वास्थ्य मंत्री ने की बैठक
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Published : Aug 4, 2021, 1:29 PM IST

रांची: स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Health Minister Banna Gupta) ने रिम्स (RIMS) के अधिकारियों के साथ व्यवस्था सुधार को लेकर बैठक की. उन्होंने कहा कि बैठक में कई बिंदुओं पर चर्चा हुई है. रिम्स में विशेष तरह के मरीजों के इलाज के लिए पांच लाख तक के फंड उपलब्ध कराए जाएंगे. इस योजना के तहत वैसे मरीजों को लाभ मिल सकेगा जिनके पास किसी तरह का कोई सरकारी योजनाओं का कार्ड नहीं है.

इसे भी पढे़ं: Jharkhand Health System: कोरोना से ऐसे निपटेगी सरकार, रिम्स का चाइल्ड वार्ड नर्सिंग हॉस्टल में तब्दील

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वैसे मरीज जिनके पास न तो आयुष्मान कार्ड है, न ही कोई लाल या पीला राशन कार्ड है और वह आर्थिक रूप से गरीब है. ऐसे मरीजों को रिम्स के तरफ से इलाज के लिए जरूरत की राशि उपलब्ध करायी जाएगी, ताकि इलाज में कोई बाधा न पहुंचे. मंत्री ने कहा कि मरीजों के हित को देखते हुए इस प्रस्ताव को रिम्स शासी परिषद की बैठक में रखा जाएगा.

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता

पांच लाख तक की राशि मंत्री के स्तर पर की जाएगी रिलीज

पांच हजार तक की राशि संबंधित विभाग के एचओडी के स्तर पर जारी की जाएगी. वहीं पचास हजार तक चिकित्सा अधीक्षक, एक लाख तक निदेशक और पांच लाख तक की राशि मंत्री के स्तर पर रिलीज की जाएगी. सभी तरह के फंड की अनुशंसा चिकित्सा अधीक्षक के माध्यम से होकर गुजरेगी. इलाज की राशि के लिए अनुशंसा संबंधित विभाग के एचओडी, इलाज करने वाले डॉक्टर और किसी अन्य विभाग के एचओडी के द्वारा की जाएगी.

इसे भी पढे़ं: RIMS में पीएसए प्लांट तैयार, अब उद्घाटन का इंतजार



सरकारी अस्पताल की पहली एकमो (ECMO) मशीन की होगी खरीद

रिम्स में 20 यूनिट का डायलिसिस विभाग शुरू किया जाएगा, साथ ही 2 ECMO (एकमो) मशीन की खरीदारी की जाएगी. राज्य के सरकारी अस्पताल में यह पहला मशीन होगा. वहीं बैठक में मेडिकल यूनिवर्सिटी बनाने पर भी चर्चा की गई है.


जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन की होगी खरीदारी

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि कोरोना के वेरिएंट का पता लगाने के लिए सैंपल को आइएलएस लैब भुवनेश्वर भेजा जाता है. इससे रिपोर्ट आने में देरी होती है. रिम्स में मशीन लगाने के लिए शासी परिषद से स्वीकृति लेकर जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन की खरीदारी की जाएगी.

इसे भी पढे़ं: दवाई दोस्त को बंद करने पर रिम्स निदेशक ने दिया जवाब, कहा- 2016 तक ही दुकान चलाने की थी अनुमति



इन मुद्दों पर भी स्वास्थ्य मंत्री ने रखा अपना पक्ष

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि ई-हॉस्पिटल को भी मजबूत किया जाएगा, ताकि मरीजों को रिपोर्ट की परेशानी से छुटकारा मिल सके, जहां भी मैन पावर की कमी है वहां व्यवस्था करने पर चर्चा की गई है, साथ ही अस्पताल के मैनेजमेंट के लिए हॉस्पिटल मैनेजर की नियुक्ति होगी, ताकि समय-समय पर सभी वार्ड का आकलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में अपनी सेवा देने वाले लोगों को स्वास्थ्य विभाग योद्धा मानती है. इसलिए उन्हें एक महीने का अतिरिक्त वेतन देने का निर्णय लिया गया है. इसे कैबिनेट में भी पास किया गया है. वहीं कोरोना काल में श्मशान और कब्रिस्तान में शवों के अंतिम संस्कार करने वाले लोगों की आकस्मिक मौत पर मुआवजा राशि देने की चर्चा मुख्यमंत्री से हुई है.



जन औषधि केंद्र को बेहतर तरीके से संचालित करने पर चर्चा


बैठक में रिम्स में बनाए गए जन औषधि केंद्र को बेहतर तरीके से संचालित करने पर भी चर्चा की गई, ताकि मरीजों को सस्ती दर पर दवा उपलब्ध कराई जा सके. इसको लेकर टेंडर की प्रक्रिया कर दी गई है. जल्द ही इसे बेहतर तरीके से संचालित करना शुरू कर दिया जाएगा.

रांची: स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Health Minister Banna Gupta) ने रिम्स (RIMS) के अधिकारियों के साथ व्यवस्था सुधार को लेकर बैठक की. उन्होंने कहा कि बैठक में कई बिंदुओं पर चर्चा हुई है. रिम्स में विशेष तरह के मरीजों के इलाज के लिए पांच लाख तक के फंड उपलब्ध कराए जाएंगे. इस योजना के तहत वैसे मरीजों को लाभ मिल सकेगा जिनके पास किसी तरह का कोई सरकारी योजनाओं का कार्ड नहीं है.

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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वैसे मरीज जिनके पास न तो आयुष्मान कार्ड है, न ही कोई लाल या पीला राशन कार्ड है और वह आर्थिक रूप से गरीब है. ऐसे मरीजों को रिम्स के तरफ से इलाज के लिए जरूरत की राशि उपलब्ध करायी जाएगी, ताकि इलाज में कोई बाधा न पहुंचे. मंत्री ने कहा कि मरीजों के हित को देखते हुए इस प्रस्ताव को रिम्स शासी परिषद की बैठक में रखा जाएगा.

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता

पांच लाख तक की राशि मंत्री के स्तर पर की जाएगी रिलीज

पांच हजार तक की राशि संबंधित विभाग के एचओडी के स्तर पर जारी की जाएगी. वहीं पचास हजार तक चिकित्सा अधीक्षक, एक लाख तक निदेशक और पांच लाख तक की राशि मंत्री के स्तर पर रिलीज की जाएगी. सभी तरह के फंड की अनुशंसा चिकित्सा अधीक्षक के माध्यम से होकर गुजरेगी. इलाज की राशि के लिए अनुशंसा संबंधित विभाग के एचओडी, इलाज करने वाले डॉक्टर और किसी अन्य विभाग के एचओडी के द्वारा की जाएगी.

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सरकारी अस्पताल की पहली एकमो (ECMO) मशीन की होगी खरीद

रिम्स में 20 यूनिट का डायलिसिस विभाग शुरू किया जाएगा, साथ ही 2 ECMO (एकमो) मशीन की खरीदारी की जाएगी. राज्य के सरकारी अस्पताल में यह पहला मशीन होगा. वहीं बैठक में मेडिकल यूनिवर्सिटी बनाने पर भी चर्चा की गई है.


जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन की होगी खरीदारी

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि कोरोना के वेरिएंट का पता लगाने के लिए सैंपल को आइएलएस लैब भुवनेश्वर भेजा जाता है. इससे रिपोर्ट आने में देरी होती है. रिम्स में मशीन लगाने के लिए शासी परिषद से स्वीकृति लेकर जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन की खरीदारी की जाएगी.

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इन मुद्दों पर भी स्वास्थ्य मंत्री ने रखा अपना पक्ष

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि ई-हॉस्पिटल को भी मजबूत किया जाएगा, ताकि मरीजों को रिपोर्ट की परेशानी से छुटकारा मिल सके, जहां भी मैन पावर की कमी है वहां व्यवस्था करने पर चर्चा की गई है, साथ ही अस्पताल के मैनेजमेंट के लिए हॉस्पिटल मैनेजर की नियुक्ति होगी, ताकि समय-समय पर सभी वार्ड का आकलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में अपनी सेवा देने वाले लोगों को स्वास्थ्य विभाग योद्धा मानती है. इसलिए उन्हें एक महीने का अतिरिक्त वेतन देने का निर्णय लिया गया है. इसे कैबिनेट में भी पास किया गया है. वहीं कोरोना काल में श्मशान और कब्रिस्तान में शवों के अंतिम संस्कार करने वाले लोगों की आकस्मिक मौत पर मुआवजा राशि देने की चर्चा मुख्यमंत्री से हुई है.



जन औषधि केंद्र को बेहतर तरीके से संचालित करने पर चर्चा


बैठक में रिम्स में बनाए गए जन औषधि केंद्र को बेहतर तरीके से संचालित करने पर भी चर्चा की गई, ताकि मरीजों को सस्ती दर पर दवा उपलब्ध कराई जा सके. इसको लेकर टेंडर की प्रक्रिया कर दी गई है. जल्द ही इसे बेहतर तरीके से संचालित करना शुरू कर दिया जाएगा.

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