रांचीः ईटीवी भारत ने पिछले दिनों प्रमुखता से यह खबर दिखाई थी कि लाखों रुपये का IEC मटेरियल बेकार रद्दी में सिविल सर्जन के दफ्तर में धूल फांक रहा है. जिसपर ACS के संज्ञान लेते हुए IEC मटेरियल वहां से हटवा दिया है. जिसके बाद सिविल सर्जन कार्यालय चकाचक साफ नजर आ रहा है और इसके ग्राउंड फ्लोर पर अब जिला फाइलेरिया कार्यालय का दफ्तर खुलेगा.
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रांची जिला के सिविल सर्जन कार्यालय का ग्राउंड फ्लोर जो आज एकदम साफ और चकाचक दिख रहा है. लेकिन कुछ दिन पहले यहां का माहौल कुछ अलग और कचरे के ढेर जैसा था. इस दफ्तर में जन-जागरुकता के लिए छापे गए IEC मरेरियल का कबाड़ नजर आ रहा था. लाखों रुपया खर्च कर पर्चा, पोस्टर छपवा तो लिए गए लेकिन इसे बांटने की जहमत किसी ने नहीं उठायी.
ईटीवी भारत ने जब इस खबर को प्रमुखता से दिखाई तो झारखंड के अपर मुख्य सचिव और NHM के स्टेट हेड ने इस पर संज्ञान लेते हुए इसका कारण पूछा. फिर आनन-फानन में जो हुआ वो पिछले 04-05 वर्षों से नहीं हो रहा था. IEC मटेरियल में से कुछ ऐसे IEC मटेरियल जो आज भी प्रासंगिक थे. जिसे इस्तेमाल के लिए अन्य सामुदायिक अस्पतालों में भेज दिए गए. वहीं खराब या काफी पुराने हो गए IEC मटेरियल को दूसरी जगह वेयर हाउस में रखवा दिया गया है.
क्या कहते हैं रांची सिविल सर्जन
रांची सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार ने कहा कि अब जो जगह खाली कराया गया है, उस जगह पर जिला फाइलेरिया और मलेरिया कार्यालय का दफ्तर खोला जाएगा. उन्होंने कहा कि काफी पुराने IEC मटेरियल को वेयर हाउस में रखवा दिया गया है.
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साफ-सुथरा ऑफिस अच्छा लगता है
सिविल सर्जन कार्यालय का ग्राउंड फ्लोर जो कबाड़खाना बना था, उसी के पास जिला IDSP का कक्ष था. लेकिन सफाई के बाद अब पूरा परिसर साफ हो गया है. इसको लेकर जिला के IDSP अधिकारी डॉ. राजीव भूषण कहते हैं कि अब साफ-सुथरा ऑफिस अच्छा लगता है. पहले परेशानी थोड़ी होती थी लेकिन अब सब ठीक है.
जरूरी यह कि IEC मटेरियल जनता के बीच जाए
भले ही ईटीवी भारत की खबर के बाद स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान लेते हुए सिविल सर्जन कार्यालय से बेकार IEC मटेरियल को हटवा लिया है. लेकिन सबसे जरूरी यह है कि आगे से ऐसी व्यवस्था बने कि स्वास्थ्य को लेकर जो IEC मटेरियल छपे वह जनता के बीच जरूर जाए.