रांची: स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंगलवार को कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में फाइलेरिया मुक्त अभियान (Filariasis Free Campaign) की शुरुआत की गई. अभियान को हरी झंडी दिखाते हुए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि बारिश की वजह से वेक्टर बोर्न डिजीज (Vector Born Disease) की रोकथाम को लेकर राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है. यह वजह है कि मच्छर जनित बीमारियों से लोगों को बचाने के लिए मास ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन की शुरुआत की गई है.
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अपर मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार फाइलेरिया जैसी वेक्टर जनित बीमारियों को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है. अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने बताया कि फाइलेरिया के आठ प्रभावित जिलों में करीब 52 लाख लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाएं डीईसी और एल्बेंडाजोल को निर्धारित खुराक निशुल्क मुहैया कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि इस अभियान में करीब 21 हजार स्वास्थ्य कर्मचारी को इस कार्य में लगाए गए हैं.
स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर अनिल कुमार ने कहा कि मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन 16 सितंबर को राज्य के विभिन्न बूथों पर मुहैया कराई जाएगी. इसके बाद 17 से 30 सितंबर तक घरों में पहुंचकर फाइलेरिया मुक्त अभियान के तहत दवा मुहैया कराई जाएगी. इसको लेकर स्वास्थ विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है. भारत सरकार के संयुक्त निदेशक डॉ छवि पंत जोशी ने कहा कि वेक्टर बोर्न डिजीज जैसे कालाजार, मलेरिया सहित अन्य बीमारियों के उन्मूलन के लिए चरणबद्ध तरीके से राज्य सरकार काम कर रही है. फाइलेरिया की बात करें तो झारखंड में करीब 22 जिले इससे प्रभावित हैं. देश को मलेरिया और वेक्टर बोर्न डिजीज से होने वाली बीमारियों से मुक्त करने के लिए सबसे ज्यादा काम झारखंड में करने की आवश्यकता है.