रांचीः झारखंड की राजधानी रांची में झारखंड आर्म्ड पुलिस के जवानों की दुर्गा पूजा अनोखी होती है. नक्सलियो से लोहा लेने और वीआईपी सुरक्षा की कमान संभालने वाले गोरखा जवान पूरे नवरात्र मां दुर्गा की भक्ति में डूबे रहते हैं. जैप वन में गोरखा जवानों ने नवरात्र के पहले दिन पूरे विधि विधान से कलश स्थापना कर मां दुर्गा को 21 बंदूकों की सलामी दी. पिछले दो साल की पूजा के दौरान कोविड का प्रकोप बहुत ज्यादा था, जिसके कारण जैप में सादगी के साथ शक्ति की उपासना की गई थी.
ये भी पढ़ें-जैप वन का 140वां स्थापना दिवस, डीजीपी ने सुनाई गोरखा जवानों की वीरता की गाथा
शक्ति के उपासक हैं गोरखा जवान
झारखंड आर्म्ड पुलिसमें नवरात्र के पहले दिन गुरुवार को पूरे विधि-विधान से कलश स्थापना की गई. जैप वन के कमांडेंट अनीश गुप्ता ने कलश स्थापना की. इस मौके पर गोरखा जवानों ने बंदूकों से फायरिंग कर मां दुर्गा मां सलामी दी. इसके बाद अब महासप्तमी और नवमीं के अवसर एक बार फिर फायरिंग कर मां दुर्गा को सलामी दी जाएगी.
शक्ति के उपासक गोरखा जवानों के द्वारा नवरात्र पूजा का इतिहास काफी पुराना है. साल 1880 से ही यहां पर मां का दरबार सज रहा है. नवरात्र में यहां पिस्टल, यूबीजीएल, रॉकेट लॉन्चर, इंसास, एके-47, एसएलआर, मशीन गन, एलएमजी, मोर्टार, गोला-बारूद और गोलियों की भी पूजा की जाती है. गोरखा जवानों के अनुसार मां हमेशा उनकी रक्षा करती हैं क्योंकि वह पूरे नवरात्र तन मन से मां की भक्ति में लीन रहते हैं.
गोरखा जवानों के हथियारों की पूजा के पीछे ऐसी मान्यता रही है कि गोरखा या नेपाली संस्कृति पुरातन समय से ही शक्ति के उपासक रहे हैं. ऐसे में बलि की प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है और अब ये इनकी संस्कृति का हिस्सा बन गयी है. जवानों के मन में विश्वास है कि शक्ति की देवी मां दुर्गा की पूजा करने से वे हर जगह जवानों की रक्षा करती हैं.
ये भी पढ़ें- झारखंड आर्म्ड फोर्स का 141वां स्थापना दिवस पर कार्यक्रम
महानवमी को होगी विशेष पूजा
महानवमी के अवसर पर जैप के जवान मां के चरणों मे 101 बलि देते हैं. इस बटालियन में बलि और हथियारों की पूजा का अपना ही एक खास महत्व होता है. महानवमी के दिन गोरखा जवान अपने हथियार मां दुर्गा के चरणों मे रख कर पूजा करते हैं. हथियारों की पूजा की परंपरा इस बटालियन के गठन के समय से ही चली आ रही है. इनका मानना है कि दुश्मनों से मुकाबले के समय उनके हथियार धोखा ना दें और सटीक चले.