सरगुजा: लॉकडाउन के कारण देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों को तरह-तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जिले में लॉकडाउन के दौरान एक ऐसा मामला सामने आया है, जो शायद 'अतिथि देवो भवः' की मान्यताओं पर भी भारी पड़ता दिख रहा है. यहां 12 मार्च को विवाह समारोह में झारखंड और बिहार के अलग-अलग जिलों से आये 27 मेहमान रुके हुए हैं. अब एक ही परिवार पर इन मेहमानों की खातिरदारी का जिम्मा है.
जिले के तकिया गांव में रहने वाले मोहम्मद ख़ुर्शीद के घर विवाह समारोह में शामिल होने झारखंड और बिहार के कई अलग-अलग जिलों से रिश्तेदार 12 मार्च को आये थे. विवाह समारोह 21 मार्च को संपन्न हुआ. पहले चरण के लॉकडाउन तक ये लोग वापस नहीं लौट सके. इसलिए तब से अब तक लगभग 40 दिन से भी अधिक समय से ये लोग अपने घरों से दूर जीवन व्यतीत कर रहे हैं. बहुत संपन्न न होने के बावजूद भी मेजबान इतने मेहमानों की खातिरदारी में उफ तक नहीं कर रहे हैं. फिर भी लॉकडाउन में इतने लोगों के खाने पीने की व्यवस्था करना बड़ी चुनौती थी.
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विवाह समारोह में फंसे लोग
प्रशासन और कुछ सामाजिक संगठन गांव के लोगों के सहयोग से राहत पहुंचा रहे हैं. लेकिन अतिथि अपने घर जाने के लिए व्याकुल हैं. जिले में फंसे 27 लोगों में छोटे बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं भी हैं. कई ऐसे हैं जिनके बच्चे उनके साथ नहीं आये थे. अब ऐसी स्थिति में वो अपने बच्चों के पास जाने के लिए परेशान हो रहे हैं.
वापस जाने के लिए प्रशासन को दिया आवेदन
इन लोगों ने वापस जाने की अनुमति के लिये प्रशासन को आवेदन भी दिया है. बार-बार सरकार से अपनी वापसी की गुहार लगा रहे हैं. छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन अवधि में प्रदेश से बाहर जाने की अनुमति देना जिला प्रशासन के अधिकार क्षेत्र में नहीं है. प्रदेश से बाहर जाने की अनुमति राज्य स्तर पर ही परिवहन विभाग देता है. फिलहाल आवेदन ऑनलाइन करने की सुविधा भी है जिसपर इन लोगों ने आवेदन कर दिया है. लेकिन इंतजार इस बात का है कि सरकार कब इनकी फरियाद सुनेगी. क्या इन्हें अपने घर जाने की अनुमति दी जायेगी.
सरगुजा हाई अलर्ट पर
पड़ोसी जिलों में कोरोना पॉजिटिव केस आने के बाद से सरगुजा हाई अलर्ट पर है. हालांकि पड़ोस के जिले बलरामपुर में बुधवार को कई प्रवासियों को उनके गृहग्राम तक प्रशासन ने पहुंचाया है. लिहाजा उम्मीद है की जिले के भी प्रवासियों को घर जाने की अनुमति अब जल्द ही मिल सकती है.