रांची: झारखंड गर्वनर बनने के बाद राज्यपाल रमेश बैस पहली बार दिल्ली दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी से मुलाकात की. राज्यपाल रमेश बैस की यह मुलाकात शिष्टाचार भेंट बतायी जा रही है. गर्वनर बनने के बाद यह उनका पहला दिल्ली दौरा है.
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रमेश बैस नें 14 जुलाई को झारखंड के 10वें राज्यपाल (Jharkhand Governor) के रूप में रमेश बैस ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली थी. राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह (Governor Oath Taking Ceremony) में झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डॉ रवि रंजन ने नये राज्यपाल को शपथ दिलाई थी.
भाजपा से रह चुके हैं सांसद
इससे पहले रमेश बैस त्रिपुरा के राज्यपाल थे. वे भाजपा के पूर्व सांसद भी रह चुके हैं. वे रायपुर से लगातार सात बार सांसद चुने जा चुके हैं. लगातार चुनाव जीतने के बावजूद 2019 में उन्हें टिकट नहीं दिया गया. बाद में राज्यपाल बनाया गया. अब केंद्र सरकार ने उन्हें झारखंड का राज्यपाल बनाया है. राज्यपाल रमेश बैस ने यहां द्रौपदी मुर्मू की जगह ली.
कभी नहीं हारे चुनाव
रमेश बैस ने कांग्रेस के कद्दावर नेता विद्याचरण शुक्ल और श्यामाचरण शुक्ल जैसे नेताओं को हराया है. छत्तीसगढ़ के वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी 2009 में रमेश बैस से चुनाव हार चुके हैं. रमेश बैस की एक खास बात यह है कि वे कभी चुनाव नहीं हारे. लगातार चुनाव जीतने के बाद भी 2019 में उन्हें टिकट नहीं दिया गया. इसके बाद माना जा रहा था कि उन्हें साइडलाइन कर दिया गया है. लेकिन चुनाव के बाद उन्हें त्रिपुरा का राज्यपाल बनाया गया. रमेश बैस लाल कृष्ण आडवाणी के काफी करीबी माने जाते हैं. वे केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के भी काफी करीबी थे. सुषमा स्वराज से उनके पारिवारिक संबंध रहे. सुषमा स्वराज रमेश बैस को अपना भाई मानती थीं.