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संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती, राज्यपाल रमेश बैस और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया नमन

रांची के डोरंडा में अंबेडकर चौक स्थित उनकी प्रतिमा पर राज्यपाल रमेश बैस और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया. उनके बताए मार्ग पर चलने की बात कही

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Published : Apr 14, 2022, 12:54 PM IST

Updated : Apr 14, 2022, 4:22 PM IST

रांचीः भारतरत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के अवसर पर अंबेडकर चौक डोरंडा स्थित उनकी प्रतिमा पर राज्यपाल रमेश बैस एवं मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने माल्यार्पण किया. इस अवसर पर बाबा साहेब के कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें नमन किया.

सीएम ने ट्वीट कर किया नमन ट्वीट के माध्यम से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बाबा साहेब के प्रति आदर प्रकट करते हुए लिखा है कि सदियों से शोषित रहने को विवश समाज का प्रकाश है संविधान. वंचित समाज को शिक्षा और हक-अधिकार प्रदान करने का स्तंभ है संविधान, महज एक किताब नहीं, ग्रंथ समान है संविधान, संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब डॉ भीम राव अंबेडकर जी की जयंती पर शत-शत नमन.

देखें पूरी खबर
झारखंड सहित देशभर में हो रहा है कार्यक्रमः संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर की जयंती पर आज झारखंड सहित देशभर में कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं. डॉ भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को महू, मध्यप्रदेश में हुआ था. उन्हें दलितों का नेता माना जाता है लेकिन उन्होंने समाज के हर वर्ग के लिए काम किया था. अंबडेकर आजाद भारत के पहले कानून मंत्री होने के साथ-साथ देश के संविधान निर्माता भी हुए. उन्हें बाबा साहब के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने हायर एजुकेशन अमेरिका और लंदन से पूरी की थी.

दलित समुदाय से होने के कारण उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए कई तरह की समस्याओं का भी सामना करना पड़ा. लेकिन उनकी रूचि पढ़ने में थी इसी कारण से वो देश के पहले नागिरक थे जिन्होंने विदेश से पीएचडी की. आजादी के बाद 1947 में बाबा साहब देश के पहले कानून मंत्री बने. वो उस समिति के अध्यक्ष थे जिसने भारत का संविधान लिखा. हालांकि उन्होंने 1951 में पंडित जवाहर लाल नेहरू की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था. बाद में दलितों का शोषण देखते उन्होंने हिन्दू धर्म को छोड़कर अपने समर्थकों के साथ बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया. 6 दिसंबर, 1956 में उनका निधन हो गया. आज देश ऐसे महापुरुष को याद कर गौरवान्वित हो रहा है.

रांचीः भारतरत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के अवसर पर अंबेडकर चौक डोरंडा स्थित उनकी प्रतिमा पर राज्यपाल रमेश बैस एवं मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने माल्यार्पण किया. इस अवसर पर बाबा साहेब के कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें नमन किया.

सीएम ने ट्वीट कर किया नमन ट्वीट के माध्यम से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बाबा साहेब के प्रति आदर प्रकट करते हुए लिखा है कि सदियों से शोषित रहने को विवश समाज का प्रकाश है संविधान. वंचित समाज को शिक्षा और हक-अधिकार प्रदान करने का स्तंभ है संविधान, महज एक किताब नहीं, ग्रंथ समान है संविधान, संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब डॉ भीम राव अंबेडकर जी की जयंती पर शत-शत नमन.

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झारखंड सहित देशभर में हो रहा है कार्यक्रमः संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर की जयंती पर आज झारखंड सहित देशभर में कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं. डॉ भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को महू, मध्यप्रदेश में हुआ था. उन्हें दलितों का नेता माना जाता है लेकिन उन्होंने समाज के हर वर्ग के लिए काम किया था. अंबडेकर आजाद भारत के पहले कानून मंत्री होने के साथ-साथ देश के संविधान निर्माता भी हुए. उन्हें बाबा साहब के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने हायर एजुकेशन अमेरिका और लंदन से पूरी की थी.

दलित समुदाय से होने के कारण उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए कई तरह की समस्याओं का भी सामना करना पड़ा. लेकिन उनकी रूचि पढ़ने में थी इसी कारण से वो देश के पहले नागिरक थे जिन्होंने विदेश से पीएचडी की. आजादी के बाद 1947 में बाबा साहब देश के पहले कानून मंत्री बने. वो उस समिति के अध्यक्ष थे जिसने भारत का संविधान लिखा. हालांकि उन्होंने 1951 में पंडित जवाहर लाल नेहरू की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था. बाद में दलितों का शोषण देखते उन्होंने हिन्दू धर्म को छोड़कर अपने समर्थकों के साथ बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया. 6 दिसंबर, 1956 में उनका निधन हो गया. आज देश ऐसे महापुरुष को याद कर गौरवान्वित हो रहा है.

Last Updated : Apr 14, 2022, 4:22 PM IST
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