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विदाई से पहले राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू बोलीं- झारखंड से है खून का रिश्ता, टीएसी का मामला अब देखेंगे नए राज्यपाल

राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) सोमवार को ओड़िशा स्थित अपने पैतृक घर के लिए रवाना हो जाएंगी. पिछले कुछ दिनों से राज्यपाल से मिलने वालों का तांता लगा हुआ है. अपनी विदाई से पहले राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि झारखंड से उनका खून का रिश्ता है.

Draupadi Murmu farewell
Draupadi Murmu farewell
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Published : Jul 10, 2021, 4:50 PM IST

Updated : Jul 10, 2021, 6:48 PM IST

रांचीः झारखंड की पहली महिला राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) सोमवार को ओड़िशा स्थित अपने पैतृक घर के लिए रवाना हो जाएंगी. विदाई से पहले उन्होंने पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत की. उन्होंने अपने छह साल के कार्यकाल को संतोषजनक बताया और झारखंड के लोगों के प्रति आभार जताया. उन्होंने कहा कि यहां के लोग बहुत सीधे-सादे हैं. झारखंड और ओड़िशा की संस्कृति एक जैसी है. उन्होंने बताया कि उनकी दादी चाईबासा की थीं, इसलिए झारखंड से पहले से ही नाता रहा है. राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि ओड़िशा स्थित उनके गांव से भुवनेश्वर की तुलना में जमशेदपुर काफी नजदीक है.

ये भी पढ़ें- राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से सीएम हेमंत सोरेन ने की मुलाकात, रविवार को झारखंड से होंगी विदा

टीएसी का मामला अब देखेंगे नए राज्यपाल

टीएसी में सदस्यों के मनोनयन का अधिकार राज्यपाल के बजाए मुख्यमंत्री को दिए जाने पर द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि उन्हें फाइल देर से मिली थी. अब नए राज्यपाल इस मामले को देखेंगे. उन्होंने ने ये भी कहा कि राज्य में आदिवासियों की घटती जनसंख्या को रोकने के लिए सरकार के साथ साथ समाज को भी आगे आना होगा. इस समाज को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की जरूरत है. तभी वे अपने अधिकार को समझेंगे. सीएनटी और एसपीटी पर भी राज्यपाल ने अपनी भावना व्यक्त की. उन्होंने कहा कि आदिवासी हितों की रक्षा के लिए दोनों कानून बनाए गए हैं. जरूरत के हिसाब से आंशिक संशोधन संभव है लेकिन इसकी मूल भावना के साथ छेड़छाड़ नहीं होना चाहिए.

उन्होंने इस बात को लेकर आभार व्यक्त किया कि उन्हें छह वर्ष तक झारखंड की सेवा करने का मौका मिला. लेकिन छह वर्ष कैसे बीत गए, पता ही नहीं चला. पूर्ववर्ती सरकार और वर्तमान सरकार के साथ कामकाज के तौर तरीके पर उन्होंने कहा कि सभी सरकारों का एक ही लक्ष्य होता है, वह है राज्य का विकास करना. सिर्फ काम करने का तरीका अलग होता है. राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि अब वह अपने गांव मयूरभंज के रायरंगपुर में ही रहेंगी. शहर में घर नहीं बनाया क्योंकि शहर में रहने की कभी चाहत नहीं हुई. .

ये भी पढ़ें-झारखंड में राज्यपाल बदलने पर किसने जताई आपत्ति, पढ़िए किसने क्या कहा

रमेश बैस झारखंड के नए राज्यपाल

रमेश बैस झारखंड के नए राज्यपाल बनाए गए हैं. जानकारी के मुताबिक 14 जुलाई को उनको राज्यपाल पद की शपथ दिलाई जाएगी.रमेश बैस छत्तीसगढ़ भाजपा के बड़े नेता रहे हैं. वह सात बार सांसद रहे हैं और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं. उन्हें चुनाव में कभी हार का सामना नहीं करना पड़ा. वह छत्तीसगढ़ के वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी 2009 में हरा चुके हैं. लगातार चुनाव जीतने के बाद भी 2019 में उन्हें टिकट नहीं दिया गया लेकिन इसके बाद उन्हें त्रिपुरा का राज्यपाल बनाया गया. अब उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. रमेश बैस झारखंड के दसवें राज्यपाल होंगे. झारखंड की पहली महिला राज्यपाल होने का गौरव द्रौपदी मुर्मू को हासिल हुआ. 18 मई 2015 को उन्हें झारखंड का राज्यपाल बनाया गया था.

रांचीः झारखंड की पहली महिला राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) सोमवार को ओड़िशा स्थित अपने पैतृक घर के लिए रवाना हो जाएंगी. विदाई से पहले उन्होंने पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत की. उन्होंने अपने छह साल के कार्यकाल को संतोषजनक बताया और झारखंड के लोगों के प्रति आभार जताया. उन्होंने कहा कि यहां के लोग बहुत सीधे-सादे हैं. झारखंड और ओड़िशा की संस्कृति एक जैसी है. उन्होंने बताया कि उनकी दादी चाईबासा की थीं, इसलिए झारखंड से पहले से ही नाता रहा है. राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि ओड़िशा स्थित उनके गांव से भुवनेश्वर की तुलना में जमशेदपुर काफी नजदीक है.

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टीएसी का मामला अब देखेंगे नए राज्यपाल

टीएसी में सदस्यों के मनोनयन का अधिकार राज्यपाल के बजाए मुख्यमंत्री को दिए जाने पर द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि उन्हें फाइल देर से मिली थी. अब नए राज्यपाल इस मामले को देखेंगे. उन्होंने ने ये भी कहा कि राज्य में आदिवासियों की घटती जनसंख्या को रोकने के लिए सरकार के साथ साथ समाज को भी आगे आना होगा. इस समाज को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की जरूरत है. तभी वे अपने अधिकार को समझेंगे. सीएनटी और एसपीटी पर भी राज्यपाल ने अपनी भावना व्यक्त की. उन्होंने कहा कि आदिवासी हितों की रक्षा के लिए दोनों कानून बनाए गए हैं. जरूरत के हिसाब से आंशिक संशोधन संभव है लेकिन इसकी मूल भावना के साथ छेड़छाड़ नहीं होना चाहिए.

उन्होंने इस बात को लेकर आभार व्यक्त किया कि उन्हें छह वर्ष तक झारखंड की सेवा करने का मौका मिला. लेकिन छह वर्ष कैसे बीत गए, पता ही नहीं चला. पूर्ववर्ती सरकार और वर्तमान सरकार के साथ कामकाज के तौर तरीके पर उन्होंने कहा कि सभी सरकारों का एक ही लक्ष्य होता है, वह है राज्य का विकास करना. सिर्फ काम करने का तरीका अलग होता है. राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि अब वह अपने गांव मयूरभंज के रायरंगपुर में ही रहेंगी. शहर में घर नहीं बनाया क्योंकि शहर में रहने की कभी चाहत नहीं हुई. .

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रमेश बैस झारखंड के नए राज्यपाल

रमेश बैस झारखंड के नए राज्यपाल बनाए गए हैं. जानकारी के मुताबिक 14 जुलाई को उनको राज्यपाल पद की शपथ दिलाई जाएगी.रमेश बैस छत्तीसगढ़ भाजपा के बड़े नेता रहे हैं. वह सात बार सांसद रहे हैं और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं. उन्हें चुनाव में कभी हार का सामना नहीं करना पड़ा. वह छत्तीसगढ़ के वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी 2009 में हरा चुके हैं. लगातार चुनाव जीतने के बाद भी 2019 में उन्हें टिकट नहीं दिया गया लेकिन इसके बाद उन्हें त्रिपुरा का राज्यपाल बनाया गया. अब उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. रमेश बैस झारखंड के दसवें राज्यपाल होंगे. झारखंड की पहली महिला राज्यपाल होने का गौरव द्रौपदी मुर्मू को हासिल हुआ. 18 मई 2015 को उन्हें झारखंड का राज्यपाल बनाया गया था.

Last Updated : Jul 10, 2021, 6:48 PM IST
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