रांची: झारखंड में स्कूली शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश की जा रही है. इसी के तहत राज्य सरकार कुछ सरकारी स्कूलों को चिन्हित कर मॉडल स्कूल बनाने (construction of model school) की तैयारी कर रही है. अगस्त 2022 तक इन स्कूलों को पूरी तरह से तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है. जिसमें भवन निर्माण के कार्य के बाद स्मार्ट क्लास, डिजिटल लाइब्रेरी, लैब समेत पठन-पाठन के अत्याधुनिक संसाधन से संपन्न किए जाने का प्लान है.
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मॉडल स्कूल के लिए 80 स्कूलों का चयन: शुरुआती दौर में प्रत्येक जिलों में तीन तीन मॉडल स्कूल तैयार करने की योजना के साथ विभाग आगे बढ़ रहा है. पहले चरण में 80 स्कूलों का चयन मॉडल स्कूल के रूप में किया गया है. जिसमें रांची जिले के जिला स्कूल, बरियातू गर्ल्स स्कूल, कस्तूरबा जैसे अन्य स्कूल शामिल हैं. इन स्कूलों में निजी स्कूलों की तर्ज पर संसाधन उपलब्ध कराने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. इन स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का काम तेजी से किया जा रहा है. कर्मचारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.
प्रखंड स्तर पर भी बनेंगे मॉडल स्कूल: राज्य सरकार प्रखंड स्तर पर बनने वाले 325 मॉडल स्कूलों का निर्माण कार्य भी जल्द शुरू करेगी. जिससे शिक्षा के विभिन्न मानकों को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ आने वाले वर्षों में इन स्कूलों को विकसित किया जाएग. ताकि गरीब परिवार से आने वाले बच्चों को भी बेहतर शिक्षा का अवसर मिल सके.
पहले से बने स्कूल के भवन है जर्जर: दूसरी ओर राज्य के ऐसे कई माध्यमिक और प्राथमिक स्कूल है जिनकी हालत काफी दयनीय है. इन स्कूलों के भवन जर्जर (goverment school building bad condition) है, लेकिन इन जर्जर भवनों के मेंटेनेंस नहीं किया जा रहा है. जर्जर स्कूल भवनों को मरम्मत के लिए विभाग योजना तो बना रही है, लेकिन उन योजनाओं पर अमल नहीं किया जा रहा है. ऐसे भवनों की रिपेयरिंग को लेकर संबंधित अधिकारियों से जब बात की गई, तो उनका कहना है की हाई स्कूलों के लिए भवन मरम्मत को लेकर टेंडर निकाला गया है. धीरे-धीरे काम शुरू हो रहा है, तो दूसरी ओर मध्य और प्राथमिक स्कूलों के लिए फंड रिलीज किए जा रहा है. यहां माइनर रिपेयरिंग का काम जल्द शुरू होगा.
कागजों में है फंड: राज्य के स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का काम लंबे समय से नहीं हुआ है. इस वजह से अधिकतर सरकारी स्कूलों की हालत काफी दयनीय हो चुकी है. भवन जर्जर होने के कारण स्कूल प्रबंधकों और विद्यार्थियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, साथ ही अप्रिय घटना होने का डर भी लगा रहता है. राज्य सरकार को जल्द ही इस दिशा में कदम उठाने की जरूरत है.