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झारखंड में सही समय पर मानसून आने से अच्छी फसल की उम्मीद, रोपाई के लिए बिचड़ा है तैयार - Kharif crop in Jharkhand

झारखंड में मानसून सही समय पर आने से किसानों को इस बार खरीफ की फसल से काफी उम्मीद जगी है. खरीफ फसल में मुख्यता धान की फसल झारखंड में अधिक की जाती है, इसलिए झारखंड में धान की खेती को खरीफ का मुख्य फसल भी माना जाता है. 28 लाख हेक्टेयर भूमि में खरीफ की खेती की जाती है, जिसमें से अकेले 18 लाख हेक्टेयर में धान की फसल लगाई जाती है

Good monsoon will benefit farmers in ranchi
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Published : Jul 8, 2020, 6:59 PM IST

Updated : Jul 8, 2020, 8:23 PM IST

रांचीः झारखंड में मानसून सही समय पर आने से किसानों को इस बार खरीफ की फसल से काफी उम्मीद जगी है, क्योंकि कोरोना काल में किसानों को कृषि के क्षेत्र में काफी नुकसान उठाना पड़ा. ऐसे में खरीफ फसल की अच्छी उम्मीद जताई जा रही है. मानसून आने से पहले और मानसून में लगातार अपने खेतों को तैयार करने के लिए किसानों को मौका मिला, जिसके कारण किसान समय से खरीफ की फसल जैसे धान, मक्का, दाल और तिलहन जैसे फसलों की बुआई कर रहे हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी

28 लाख हेक्टेयर भूमि में खरीफ की खेती

खरीफ फसल में मुख्यता धान की फसल झारखंड में अधिक की जाती है, इसलिए झारखंड में धान की खेती को खरीफ की मुख्य फसल भी मानी जाती है. झारखंड में 38 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि मौजूद है.

28 लाख हेक्टेयर भूमि में खरीफ की खेती की जाती है, जिसमें से अकेले 18 लाख हेक्टेयर में धान की फसल लगाई जाती है. जून महीने के अंत तक सीधी बुआई वाली खरीफ की फसल इस बार झारखंड में लगभग तीन लाख हेक्टेयर में यानी 13.17 % में हो गई.

खरीफ फसल को लेकर इस वक्त किसान अपने खेतों में नजर आ रहे हैं, किसानों को उम्मीद है कि इस बार खरीफ की फसल में उपज अच्छी होगी, क्योंकि मानसून ने बीते कई सालों के बाद अपने समय से झारखंड में प्रवेश कर लिया है.

धान की खेती को लेकर खेतों में बिचड़ा लगभग तैयार हो गया है. किसानों का कहना है कि 1 सप्ताह के अंदर अच्छी बारिश हुई तो धान की रोपाई शुरू कर दी जाएगी. झारखंड में 15 दिनों में धान की रोपाई का काम हो जाएगा. मानसून सही समय पर आने से किसानों के चेहरे में दोगुनी खुशी देखने को मिल रही है.

ये भी पढ़ें- दुमका: इस बार किसानों को मिला प्रकृति का साथ, बेहतरी के लिए सरकार से लगा रहे मदद की गुहार


खरीफ फसल 2020-21 लक्ष्य जिसमें 29 जून 2020 तक हुई खरीफ की फसल की बुआई. झारखंड में मानसून जून महीने में 169.1mm बारिश हुई है जो 86.00% है.

  • धान की बुआई का लक्ष्य 18 लाख हेक्टेयर है जिसमें धान की बुआई 1 लाख 64 हजार 6 सौ 64 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जो लक्ष्य के 9.15 % है
  • मक्का की बुआई का लक्ष्य 3 लाख 12 हजार 5 सौ 60 हेक्टेयर है जिसमें मक्के की बुआई 1 लाख 18 हजार 577 हेक्टेयर में हो चुकी है, जो लक्ष्य के 37.94% है
  • दलहन की बुआई का लक्ष्य 6 लाख 12 हजार 900 हेक्टेयर है जिसमें 74 हजार 203 हेक्टेयर में बुआई हो चुकी है जो लक्ष्य के 12.11% है
  • तिलहन की बुआई का लक्ष्य 60 हजार लाख हेक्टेयर है जिसमें 12 हजार 246 हेक्टेयर बुआई हो चुकी है जो लक्ष्य के 20.40% है
  • मोटा अनाज की बुआई का लक्ष्य 42 हजार लाख हेक्टेयर है जिसमें से 1 हजार 5 86 लाख हेक्टेयर बुआई हो चुकी है जो लक्ष्य के 3.78% है झारखंड में इस बार खरीफ फसल की बुआई का लक्ष्य 28 लाख 27 हजार 460 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें अब तक 3 लाख 87 हजार 4 96 हेक्टेयर कवरेज हो चुका है जो 13. 70% है.

    झारखंड में धान का बिचड़ा तैयार

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक ए वदूद ने कहा कि इस साल खेती के लिए बहुत ही अनुकूल समय रहा है. अप्रैल-मई महीने में अच्छी बारिश हुई, जिसके कारण किसान अपने खेतों को तैयार कर चुके थे. झारखंड में धान का बिचड़ा तैयार हो चुका है.

15 जुलाई से धान रोपने का कार्य भी शुरू हो जाएगा. सीधी बुआई वाली फसलों में धान और मक्के की फसलों की सीधी बुआई हो रही है. इसके साथ धान की रोपाई के लिए बिचड़ा भी लगाया जा रहा है ऐसे में अधिक बारिश की आवश्यकता नहीं होती है.

मिट्टी में नमी रह सके इतनी बारिश की आवश्यकता है. बीच-बीच में बारिश होने से किसानों को काफी लाभ मिल रहा है. जून महीने में लगभग 13 से 14% खरीफ फसल का आच्छादन हो चुका है, जो पिछले वर्ष जुलाई महीना के अंत तक पूरी तरह से धान की खेती लग जाएगी.

पिछले साल जुलाई महीने के अंत तक मात्र 25 से 30% ही अच्छा धान हो पाया था. उन्होंने कहा कि इस बार झारखंड समेत पूरे देश में अच्छी बारिश होगी. उन्होंने कहा कि जुलाई और अगस्त महीने में अच्छी बारिश होगी क्योंकि इस वक्त किसानों की फसल खेतों में लग जाती है, ऐसे में अधिक बारिश की आवश्यकता होती है. इस बार मानसून पूरी तरह से किसानों के लिए अनुकूल रहेगा.

रांचीः झारखंड में मानसून सही समय पर आने से किसानों को इस बार खरीफ की फसल से काफी उम्मीद जगी है, क्योंकि कोरोना काल में किसानों को कृषि के क्षेत्र में काफी नुकसान उठाना पड़ा. ऐसे में खरीफ फसल की अच्छी उम्मीद जताई जा रही है. मानसून आने से पहले और मानसून में लगातार अपने खेतों को तैयार करने के लिए किसानों को मौका मिला, जिसके कारण किसान समय से खरीफ की फसल जैसे धान, मक्का, दाल और तिलहन जैसे फसलों की बुआई कर रहे हैं.

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28 लाख हेक्टेयर भूमि में खरीफ की खेती

खरीफ फसल में मुख्यता धान की फसल झारखंड में अधिक की जाती है, इसलिए झारखंड में धान की खेती को खरीफ की मुख्य फसल भी मानी जाती है. झारखंड में 38 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि मौजूद है.

28 लाख हेक्टेयर भूमि में खरीफ की खेती की जाती है, जिसमें से अकेले 18 लाख हेक्टेयर में धान की फसल लगाई जाती है. जून महीने के अंत तक सीधी बुआई वाली खरीफ की फसल इस बार झारखंड में लगभग तीन लाख हेक्टेयर में यानी 13.17 % में हो गई.

खरीफ फसल को लेकर इस वक्त किसान अपने खेतों में नजर आ रहे हैं, किसानों को उम्मीद है कि इस बार खरीफ की फसल में उपज अच्छी होगी, क्योंकि मानसून ने बीते कई सालों के बाद अपने समय से झारखंड में प्रवेश कर लिया है.

धान की खेती को लेकर खेतों में बिचड़ा लगभग तैयार हो गया है. किसानों का कहना है कि 1 सप्ताह के अंदर अच्छी बारिश हुई तो धान की रोपाई शुरू कर दी जाएगी. झारखंड में 15 दिनों में धान की रोपाई का काम हो जाएगा. मानसून सही समय पर आने से किसानों के चेहरे में दोगुनी खुशी देखने को मिल रही है.

ये भी पढ़ें- दुमका: इस बार किसानों को मिला प्रकृति का साथ, बेहतरी के लिए सरकार से लगा रहे मदद की गुहार


खरीफ फसल 2020-21 लक्ष्य जिसमें 29 जून 2020 तक हुई खरीफ की फसल की बुआई. झारखंड में मानसून जून महीने में 169.1mm बारिश हुई है जो 86.00% है.

  • धान की बुआई का लक्ष्य 18 लाख हेक्टेयर है जिसमें धान की बुआई 1 लाख 64 हजार 6 सौ 64 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जो लक्ष्य के 9.15 % है
  • मक्का की बुआई का लक्ष्य 3 लाख 12 हजार 5 सौ 60 हेक्टेयर है जिसमें मक्के की बुआई 1 लाख 18 हजार 577 हेक्टेयर में हो चुकी है, जो लक्ष्य के 37.94% है
  • दलहन की बुआई का लक्ष्य 6 लाख 12 हजार 900 हेक्टेयर है जिसमें 74 हजार 203 हेक्टेयर में बुआई हो चुकी है जो लक्ष्य के 12.11% है
  • तिलहन की बुआई का लक्ष्य 60 हजार लाख हेक्टेयर है जिसमें 12 हजार 246 हेक्टेयर बुआई हो चुकी है जो लक्ष्य के 20.40% है
  • मोटा अनाज की बुआई का लक्ष्य 42 हजार लाख हेक्टेयर है जिसमें से 1 हजार 5 86 लाख हेक्टेयर बुआई हो चुकी है जो लक्ष्य के 3.78% है झारखंड में इस बार खरीफ फसल की बुआई का लक्ष्य 28 लाख 27 हजार 460 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें अब तक 3 लाख 87 हजार 4 96 हेक्टेयर कवरेज हो चुका है जो 13. 70% है.

    झारखंड में धान का बिचड़ा तैयार

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक ए वदूद ने कहा कि इस साल खेती के लिए बहुत ही अनुकूल समय रहा है. अप्रैल-मई महीने में अच्छी बारिश हुई, जिसके कारण किसान अपने खेतों को तैयार कर चुके थे. झारखंड में धान का बिचड़ा तैयार हो चुका है.

15 जुलाई से धान रोपने का कार्य भी शुरू हो जाएगा. सीधी बुआई वाली फसलों में धान और मक्के की फसलों की सीधी बुआई हो रही है. इसके साथ धान की रोपाई के लिए बिचड़ा भी लगाया जा रहा है ऐसे में अधिक बारिश की आवश्यकता नहीं होती है.

मिट्टी में नमी रह सके इतनी बारिश की आवश्यकता है. बीच-बीच में बारिश होने से किसानों को काफी लाभ मिल रहा है. जून महीने में लगभग 13 से 14% खरीफ फसल का आच्छादन हो चुका है, जो पिछले वर्ष जुलाई महीना के अंत तक पूरी तरह से धान की खेती लग जाएगी.

पिछले साल जुलाई महीने के अंत तक मात्र 25 से 30% ही अच्छा धान हो पाया था. उन्होंने कहा कि इस बार झारखंड समेत पूरे देश में अच्छी बारिश होगी. उन्होंने कहा कि जुलाई और अगस्त महीने में अच्छी बारिश होगी क्योंकि इस वक्त किसानों की फसल खेतों में लग जाती है, ऐसे में अधिक बारिश की आवश्यकता होती है. इस बार मानसून पूरी तरह से किसानों के लिए अनुकूल रहेगा.

Last Updated : Jul 8, 2020, 8:23 PM IST
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