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झारखंड विधानसभा में नहीं होगा एंग्लो इंडियन सदस्य! ग्लेन जोसेफ गॉलस्टेन से खास बातचीत

केंद्र सरकार ने आर्टिकल 334 बी को नहीं बढ़ाया है, जिसके कारण 25 जनवरी 2020 के बाद सदन में एंग्लो इंडियन सदस्य मनोनीत नहीं किए जाएंगे. ग्लेन जोसेफ गॉलस्टेन ने बताया कि झारखंड में राज्यपाल के पास विशेषाधिकार है कि वे विधानसभा में एंग्लो इंडियन के प्रतिनिधित्व को राज्य सरकार के सुझाव पर स्वीकृति प्रदान कर सकती हैं.

Glen Joseph Galstaun
ग्लेन जोसेफ गॉलस्टेन
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Published : Jan 3, 2020, 4:00 PM IST

Updated : Jan 3, 2020, 8:31 PM IST

रांचीः झारखंड विधानसभा में एक सीट एंग्लो इंडियन के लिए आरक्षित है लेकिन केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले दिनों हुई बैठक के दौरान आगामी 10 वर्ष के लिए इस व्यवस्था को स्वीकृति नहीं दी है. इसकी वजह से एंग्लो इंडियन समुदाय दुखी है. इस बारे में हमारे वरिष्ठ सहयोगी राजेश सिंह ने एंग्लो इंडियन समुदाय का प्रतिनिधित्व कर रहे ग्लेन जोसेफ गॉलस्टेन से फोन पर बातचीत की.

ग्लेन जोसेफ गॉलस्टेन से बातचीत

झारखंड में पंचम विधानसभा का गठन 6 जनवरी को होना है लेकिन अभी तक यह बात स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस बार झारखंड विधानसभा में एंग्लो इंडियन का प्रतिनिधित्व होगा या नहीं? झारखंड विधानसभा में साल 2010 से एंग्लो इंडियन समुदाय का प्रतिनिधित्व कर रहे ग्लेन जोसेफ गॉलस्टेन ने ईटीवी भारत से फोन पर बेबाक बातचीत की उन्होंने बातचीत के दौरान देश के विकास में एंग्लो इंडियन की भूमिका का जिक्र किया. उन्होंने रांची के मैक्लुस्कीगंज की भी चर्चा की और बताया कि ज्यादातर एंग्लो इंडियन गरीबी का जीवन जी रहे हैं.

ये भी पढ़ें- चार साल से बिछड़े बेटे को ईटीवी भारत ने मां से मिलाया, बिहार के नवादा से झारखंड के सिमडेगा पहुंचा परिवार

राज्यपाल के पास विशेषाधिकार
ग्लेन जोसेफ गॉलस्टेन ने बताया कि झारखंड में राज्यपाल के पास विशेषाधिकार है कि वे विधानसभा में एंग्लो इंडियन के प्रतिनिधित्व को राज्य सरकार के सुझाव पर स्वीकृति प्रदान कर सकती हैं. ग्लेन ने कहा कि केंद्र सरकार ने आर्टिकल 334 बी को नहीं बढ़ाया है, जिसके कारण 25 जनवरी 2020 के बाद सदन में एंग्लो इंडियन सदस्य मनोनीत नहीं किए जाएंगे.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में राज्यपाल पर एंग्लो इंडियन सदस्य का मनोनयन निर्भर है. यदि राज्यपाल चाहें तो 25 जनवरी 2020 से पहले विधानसभा सदस्य मनोनीत कर सकती हैं जो 5 साल के लिए वैध रहेगा. लोकसभा में भी अभी तक नॉमिनेशन नहीं हुआ है और कानून मंत्री के अनुसार देश में सिर्फ 296 एंग्लो इंडियन हैं जबकि अकेले झारखंड में ही 15 हजार से ज्यादा एंग्लो इंडियन होंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र के इस फैसले से एंग्लो इंडियन समुदाय दुखी है.

रांचीः झारखंड विधानसभा में एक सीट एंग्लो इंडियन के लिए आरक्षित है लेकिन केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले दिनों हुई बैठक के दौरान आगामी 10 वर्ष के लिए इस व्यवस्था को स्वीकृति नहीं दी है. इसकी वजह से एंग्लो इंडियन समुदाय दुखी है. इस बारे में हमारे वरिष्ठ सहयोगी राजेश सिंह ने एंग्लो इंडियन समुदाय का प्रतिनिधित्व कर रहे ग्लेन जोसेफ गॉलस्टेन से फोन पर बातचीत की.

ग्लेन जोसेफ गॉलस्टेन से बातचीत

झारखंड में पंचम विधानसभा का गठन 6 जनवरी को होना है लेकिन अभी तक यह बात स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस बार झारखंड विधानसभा में एंग्लो इंडियन का प्रतिनिधित्व होगा या नहीं? झारखंड विधानसभा में साल 2010 से एंग्लो इंडियन समुदाय का प्रतिनिधित्व कर रहे ग्लेन जोसेफ गॉलस्टेन ने ईटीवी भारत से फोन पर बेबाक बातचीत की उन्होंने बातचीत के दौरान देश के विकास में एंग्लो इंडियन की भूमिका का जिक्र किया. उन्होंने रांची के मैक्लुस्कीगंज की भी चर्चा की और बताया कि ज्यादातर एंग्लो इंडियन गरीबी का जीवन जी रहे हैं.

ये भी पढ़ें- चार साल से बिछड़े बेटे को ईटीवी भारत ने मां से मिलाया, बिहार के नवादा से झारखंड के सिमडेगा पहुंचा परिवार

राज्यपाल के पास विशेषाधिकार
ग्लेन जोसेफ गॉलस्टेन ने बताया कि झारखंड में राज्यपाल के पास विशेषाधिकार है कि वे विधानसभा में एंग्लो इंडियन के प्रतिनिधित्व को राज्य सरकार के सुझाव पर स्वीकृति प्रदान कर सकती हैं. ग्लेन ने कहा कि केंद्र सरकार ने आर्टिकल 334 बी को नहीं बढ़ाया है, जिसके कारण 25 जनवरी 2020 के बाद सदन में एंग्लो इंडियन सदस्य मनोनीत नहीं किए जाएंगे.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में राज्यपाल पर एंग्लो इंडियन सदस्य का मनोनयन निर्भर है. यदि राज्यपाल चाहें तो 25 जनवरी 2020 से पहले विधानसभा सदस्य मनोनीत कर सकती हैं जो 5 साल के लिए वैध रहेगा. लोकसभा में भी अभी तक नॉमिनेशन नहीं हुआ है और कानून मंत्री के अनुसार देश में सिर्फ 296 एंग्लो इंडियन हैं जबकि अकेले झारखंड में ही 15 हजार से ज्यादा एंग्लो इंडियन होंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र के इस फैसले से एंग्लो इंडियन समुदाय दुखी है.

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झारखंड विधानसभा में नहीं होगा एंग्लो इंडियन सदस्य, ग्लेन जोसेफ गॉलस्टेन से खास बातचीत

Glen Joseph Galstaun over no anglo indian member in jharkhand assembly 



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रांचीः झारखंड विधानसभा में एक सीट एंग्लो इंडियन के लिए आरक्षित है लेकिन केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले दिनों हुई बैठक के दौरान आगामी 10 वर्ष के लिए इस व्यवस्था को स्वीकृति नहीं दी है. इसकी वजह से एंग्लो इंडियन समुदाय दुखी है. इस बारे में हमारे वरिष्ठ सहयोगी राजेश सिंह ने एंग्लो इंडियन समुदाय का प्रतिनिधित्व कर रहे ग्लेन जोसेफ  गॉलस्टेन से फोन पर बातचीत की.



झारखंड में पंचम विधानसभा का गठन 6 जनवरी को होना है लेकिन अभी तक यह बात स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस बार झारखंड विधानसभा में एंग्लो इंडियन का प्रतिनिधित्व होगा या नहीं?  झारखंड विधानसभा में साल 2010 से एंग्लो इंडियन समुदाय का प्रतिनिधित्व कर रहे ग्लेन जोसेफ गॉलस्टेन ने ईटीवी भारत से फोन पर बेबाक बातचीत की उन्होंने बातचीत के दौरान देश के विकास में एंग्लो इंडियन की भूमिका का जिक्र किया. उन्होंने रांची के मैक्लुस्कीगंज की भी चर्चा की और बताया कि ज्यादातर एंग्लो इंडियन गरीबी का जीवन जी रहे हैं. 



राज्यपाल के पास विशेषाधिकार 

ग्लेन जोसेफ गॉलस्टेन ने बताया कि झारखंड में राज्यपाल के पास विशेषाधिकार है कि वे विधानसभा में एंग्लो इंडियन के प्रतिनिधित्व को राज्य सरकार के सुझाव पर स्वीकृति प्रदान कर सकती हैं. ग्लेन ने कहा कि केंद्र सरकार ने आर्टिकल 334 बी को नहीं बढ़ाया है, जिसके कारण 25 जनवरी 2020 के बाद सदन में एंग्लो इंडियन सदस्य मनोनीत नहीं किए जाएंगे. 



उन्होंने कहा कि प्रदेश में राज्यपाल पर एंग्लो इंडियन सदस्य का मनोनयन निर्भर है. यदि राज्यपाल चाहें तो 25 जनवरी 2020 से पहले विधानसभा सदस्य मनोनीत कर सकती हैं जो 5 साल के लिए वैध रहेगा.  लोकसभा में भी अभी तक नॉमिनेशन नहीं हुआ है और कानून मंत्री के अनुसार देश में सिर्फ 296 एंग्लो इंडियन हैं जबकि अकेले झारखंड में ही 15 हजार से ज्यादा एंग्लो इंडियन होंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र के इस फैसले से एंग्लो इंडियन समुदाय दुखी है.


Conclusion:
Last Updated : Jan 3, 2020, 8:31 PM IST
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