ETV Bharat / city

झारखंड में जीनोम सिक्वेंसिंग सेंटर की जल्द होगी शुरुआत, मनसुख मांडविया ने महेश पोद्दार को दिया आश्वसन

बीजेपी राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार का कहना है कि उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से बात की है जिसके बाद उन्होंने जल्द ही झारखंड में जीनोम सिक्वेंसिंग सेंटर (Genome Sequencing Center in Jharkhand) चालू करने का आश्ववास दिया है. झारखंड में ओमीक्रोन (Omicron in jharkhand) वेरिएंट की जांच के लिए अभी सैंपल ओडिशा के भुवनेशवर सेंटर भेजे जाते हैं. जिसके वजह से रिपोर्ट मिलने में काफी वक्त लग जाता है.

Genome Sequencing Center in Jharkhand
Genome Sequencing Center in Jharkhand
author img

By

Published : Dec 28, 2021, 4:00 PM IST

Updated : Dec 28, 2021, 5:29 PM IST

नई दिल्ली: झारखंड से BJP के राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने कहा कि उनकी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से बात हुई है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द केंद्रीय स्तर से झारखंड में जीनोम सिक्वेंसिंग सेंटर (Genome Sequencing Center in Jharkhand) चालू होगा. इस सेंटर के चालू हो जाने के बाद झारखंड में ओमीक्रोन (Omicron in jharkhand) के मामले की आसानी से जांच की जा सकेगी.

बीजेपी राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार का कहना है कि झारखंड में ओमीक्रोन (Omicron in jharkhand) का खतरा मंडरा रहा है, लेकिन झारखंड में जीनोम सिक्वेंसिंग सेंटर (Genome Sequencing Center in Jharkhand) नहीं है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन के बाद उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही यह मशीन झारखंड में लगेगी और लोग झारखंड में ओमीक्रोन (Omicron in jharkhand) के खतरे से निपटने के लिए तैयार रहेंगे. महेश पोद्दार ने कहा कि हेमंत सरकार जनता को भगवान भरोसे छोड़ देना चाहती है.

महेश पोद्दार, बीजेपी सांसद

ये भी पढ़ें: झारखंड में ओमीक्रोन का खतरा बरकरार, जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन न होने से रिपोर्ट आने में हो रही देरी

झारखंड में दूसरे राज्यों और विदेशों से जो लोग आ रहे हैं उनमें कई कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं. कोरोना पॉजिटिव मरीजों के सैंपल जीनोम सिक्वेसिंग के लिए आईएलएस भुवनेश्वर भेजा जा रहा है. पहले भी कई सैंपल भेजे जा चुके हैं, लेकिन अब तक रिपोर्ट नहीं आई है. पहले भेजे गए सैंपलों की रिपोर्ट भी अभी पेंडिंग है. आईएलएस भुवनेश्वर में कई राज्यों के सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे जाते हैं इसलिए वहां से रिपोर्ट मिलने में देरी होती है.

कोरोना के नए वेरिएंट का पता लगाने के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग होती है. जीनोम सीक्वेंसिंग एक तरह से किसी वायरस का डाटाबेस होता है. किसी भी वायरस में डीएनए और आरएनए जैसे तत्व होते हैं. जीनोम सिक्वेंसिंग के माध्यम से इनकी जांच की जाती है, यह वायरस कैसे बना है और इसमें क्या खास बात है. झारखंड में कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं. सोमवार झारखंड में कोरोना के 138 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद झारखंड में कोरोना एक्टिव मरीजों की संख्या 500 पहुंच गई है. रांची में 174 और कोडरमा में 174 सक्रिय मरीज हैं. पिछले 8 दिनों में झारखंड के 16 जिलों में सक्रिय मरीज हो गए हैं.

नई दिल्ली: झारखंड से BJP के राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने कहा कि उनकी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से बात हुई है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द केंद्रीय स्तर से झारखंड में जीनोम सिक्वेंसिंग सेंटर (Genome Sequencing Center in Jharkhand) चालू होगा. इस सेंटर के चालू हो जाने के बाद झारखंड में ओमीक्रोन (Omicron in jharkhand) के मामले की आसानी से जांच की जा सकेगी.

बीजेपी राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार का कहना है कि झारखंड में ओमीक्रोन (Omicron in jharkhand) का खतरा मंडरा रहा है, लेकिन झारखंड में जीनोम सिक्वेंसिंग सेंटर (Genome Sequencing Center in Jharkhand) नहीं है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन के बाद उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही यह मशीन झारखंड में लगेगी और लोग झारखंड में ओमीक्रोन (Omicron in jharkhand) के खतरे से निपटने के लिए तैयार रहेंगे. महेश पोद्दार ने कहा कि हेमंत सरकार जनता को भगवान भरोसे छोड़ देना चाहती है.

महेश पोद्दार, बीजेपी सांसद

ये भी पढ़ें: झारखंड में ओमीक्रोन का खतरा बरकरार, जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन न होने से रिपोर्ट आने में हो रही देरी

झारखंड में दूसरे राज्यों और विदेशों से जो लोग आ रहे हैं उनमें कई कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं. कोरोना पॉजिटिव मरीजों के सैंपल जीनोम सिक्वेसिंग के लिए आईएलएस भुवनेश्वर भेजा जा रहा है. पहले भी कई सैंपल भेजे जा चुके हैं, लेकिन अब तक रिपोर्ट नहीं आई है. पहले भेजे गए सैंपलों की रिपोर्ट भी अभी पेंडिंग है. आईएलएस भुवनेश्वर में कई राज्यों के सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे जाते हैं इसलिए वहां से रिपोर्ट मिलने में देरी होती है.

कोरोना के नए वेरिएंट का पता लगाने के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग होती है. जीनोम सीक्वेंसिंग एक तरह से किसी वायरस का डाटाबेस होता है. किसी भी वायरस में डीएनए और आरएनए जैसे तत्व होते हैं. जीनोम सिक्वेंसिंग के माध्यम से इनकी जांच की जाती है, यह वायरस कैसे बना है और इसमें क्या खास बात है. झारखंड में कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं. सोमवार झारखंड में कोरोना के 138 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद झारखंड में कोरोना एक्टिव मरीजों की संख्या 500 पहुंच गई है. रांची में 174 और कोडरमा में 174 सक्रिय मरीज हैं. पिछले 8 दिनों में झारखंड के 16 जिलों में सक्रिय मरीज हो गए हैं.

Last Updated : Dec 28, 2021, 5:29 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.