ETV Bharat / city

Gaushalas in Jharkhand: आर्थिक तंगी में गौशालाएं, कहां गए सुविधाएं बढ़ाने के सरकारी दावे?

झारखंड में गौशालाएं आर्थिक तंगी से जूझ रही हैं. आलम ऐसा है कि 09 महीने से तस्करी से बचाए गए गो-वंशियों के चारा के लिए अनुदान राशि अब तक नहीं मिली है. सुविधाएं बढ़ाने के सरकारी दावों को खंगालती ये रिपोर्ट.

gaushalas-in-jharkhand-facing-financial-crisis
झारखंड में गौशालाएं आर्थिक तंगी से जूझ रही
author img

By

Published : Dec 9, 2021, 7:01 PM IST

Updated : Dec 9, 2021, 10:38 PM IST

रांचीः झारखंड में राज्य के गौसेवा आयोग से निबंधित 21 गौशालाएं हैं तो कुल 25 गौशालाएं गौशाला न्यास के तहत चलाएं जा रहे हैं. लेकिन गौ-संवर्धन और गौ-रक्षा के नाम पर खूब होती राजनीति के बीच सच्चाई यह है कि राज्य की गौशालाएं जबरदस्त आर्थिक संकट से जूझ रही हैं. यहां रहने वाली गायों का दाना पानी अब दाताओं के दान पर निर्भर हो रहा है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड सरकार गौशालाओं के पशुओं के लिए देगी प्रतिदिन 100 रुपये, दिया जाएगा रेस्क्यू वाहन

राज्य के ज्यादातर गौशालाओं की यह स्थिति तब है जब सरकार ने अभी हाल के दिनों में यह घोषणा की है कि अब 50 रुपये प्रतिदिन की जगह 100 प्रतिदिन रुपये उन गाय के दाना चारा के लिए सरकार देगी, जिसे पशु तस्करों से प्रशासन ने बचाकर गौशाला को सौंपा है. सरकार की इस घोषणा के एक सप्ताह बाद तक जहां इसका नोटिफिकेशन अभी तक जारी नहीं हुआ है. वहीं दूसरी ओर मार्च से लेकर अभी तक यानी लगभग नौ महीने से पशुपालन विभाग और Jharkhand State Cow Service Commission से एक रुपये की भी राशि पशुओं के चारा के लिए नहीं दिया गया है.

देखें स्पेशल स्टोरी
रांची गौशाला न्यास के उपमंत्री प्रमोद शास्वत कहते हैं कि उनके ही गौशाला का 18 लाख से अधिक की राशि गौ के भोजन का बकाया है, वह सरकार नहीं दे रही है. महंगाई के इस दौर में गौशाला की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है. प्रमोद शास्वत कहते हैं कि राज्य में गौसेवा आयोग में भी अध्यक्ष का पद महीनों से खाली है. जिसकी वजह से कई कार्य गति नहीं पकड़ पा रहा है.क्या कहती हैं राज्य गौसेवा आयोग की रजिस्ट्रारयह सही बात है कि झारखंड राज्य गौसेवा आयोग के अध्यक्ष सहित कई पद खाली पड़े हैं. इसके निबंधक भी प्रभार में एक पशु चिकित्सक को बनाया गया है. आयोग की रजिस्ट्रार डॉ. अपर्णा कहती हैं कि इस वित्तीय वर्ष में आयोग को उन गायों के भोजन मद की राशि जारी नहीं की जा सकी है, जिनको प्रशासन ने पशु तस्करों से छुड़ाकर गौशाला को सौंपा है.

उन्होंने कहा कि बैंक खाते की जगह पीएल एकाउंट में राशि जमा होने, गौशालाओं की ओर से उपयोगिता प्रमाण पत्र देने में विलंब और जमा किए विपत्र में कुछ खामियों के चलते ऐसा होता है. झारखंड राज्य गौ सेवा आयोग की निबंधक ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष का अनुदान की राशि अभी प्राप्त हुई है, जिसे गौशाला तक पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

इसे भी पढ़ें- हजारीबाग गौशाला का हाल बेहाल, दान-दक्षिणा से मिल रहा गाय को चारा


क्या कहते हैं विभागीय मंत्री
अनुदान के अभाव में राज्य की गौशालाओं की खस्ताहाल स्थिति का सीधा असर गौशाला में रह रही गायों के आहार और पोषण पर पड़ रहा है. Etv Bharat ने राज्य की गौशालाओं की आर्थिक तंगी और सरकार की ओर से मिलने वाली अनुदान राशि समय पर उपलब्ध हो इसकी व्यवस्था को लेकर कृषि मंत्री से सवाल किया. मंत्री ने बताया कि जो भी बकाया है उसका भुगतान सरकार करेगी.

मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि वो इसको लेकर पूरी तरह संवेदनशील हैं और हेमंत सरकार सजग है. इसलिए ना सिर्फ गौशाला बल्कि निजी पशुपालक भी अगर रेस्क्यू में बचाए पशु का पालन डीसी की अनुशंसा पर करते हैं तो उनको भी अनुदान दिया जाएगा. पशु तस्करों से बचाए गए गौ वंशीय पशुओं के चारा 100 प्रतिदिन एक वर्ष तक करने के लिए सरकार पूरी तरह संवेदनशील है.

रांचीः झारखंड में राज्य के गौसेवा आयोग से निबंधित 21 गौशालाएं हैं तो कुल 25 गौशालाएं गौशाला न्यास के तहत चलाएं जा रहे हैं. लेकिन गौ-संवर्धन और गौ-रक्षा के नाम पर खूब होती राजनीति के बीच सच्चाई यह है कि राज्य की गौशालाएं जबरदस्त आर्थिक संकट से जूझ रही हैं. यहां रहने वाली गायों का दाना पानी अब दाताओं के दान पर निर्भर हो रहा है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड सरकार गौशालाओं के पशुओं के लिए देगी प्रतिदिन 100 रुपये, दिया जाएगा रेस्क्यू वाहन

राज्य के ज्यादातर गौशालाओं की यह स्थिति तब है जब सरकार ने अभी हाल के दिनों में यह घोषणा की है कि अब 50 रुपये प्रतिदिन की जगह 100 प्रतिदिन रुपये उन गाय के दाना चारा के लिए सरकार देगी, जिसे पशु तस्करों से प्रशासन ने बचाकर गौशाला को सौंपा है. सरकार की इस घोषणा के एक सप्ताह बाद तक जहां इसका नोटिफिकेशन अभी तक जारी नहीं हुआ है. वहीं दूसरी ओर मार्च से लेकर अभी तक यानी लगभग नौ महीने से पशुपालन विभाग और Jharkhand State Cow Service Commission से एक रुपये की भी राशि पशुओं के चारा के लिए नहीं दिया गया है.

देखें स्पेशल स्टोरी
रांची गौशाला न्यास के उपमंत्री प्रमोद शास्वत कहते हैं कि उनके ही गौशाला का 18 लाख से अधिक की राशि गौ के भोजन का बकाया है, वह सरकार नहीं दे रही है. महंगाई के इस दौर में गौशाला की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है. प्रमोद शास्वत कहते हैं कि राज्य में गौसेवा आयोग में भी अध्यक्ष का पद महीनों से खाली है. जिसकी वजह से कई कार्य गति नहीं पकड़ पा रहा है.क्या कहती हैं राज्य गौसेवा आयोग की रजिस्ट्रारयह सही बात है कि झारखंड राज्य गौसेवा आयोग के अध्यक्ष सहित कई पद खाली पड़े हैं. इसके निबंधक भी प्रभार में एक पशु चिकित्सक को बनाया गया है. आयोग की रजिस्ट्रार डॉ. अपर्णा कहती हैं कि इस वित्तीय वर्ष में आयोग को उन गायों के भोजन मद की राशि जारी नहीं की जा सकी है, जिनको प्रशासन ने पशु तस्करों से छुड़ाकर गौशाला को सौंपा है.

उन्होंने कहा कि बैंक खाते की जगह पीएल एकाउंट में राशि जमा होने, गौशालाओं की ओर से उपयोगिता प्रमाण पत्र देने में विलंब और जमा किए विपत्र में कुछ खामियों के चलते ऐसा होता है. झारखंड राज्य गौ सेवा आयोग की निबंधक ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष का अनुदान की राशि अभी प्राप्त हुई है, जिसे गौशाला तक पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

इसे भी पढ़ें- हजारीबाग गौशाला का हाल बेहाल, दान-दक्षिणा से मिल रहा गाय को चारा


क्या कहते हैं विभागीय मंत्री
अनुदान के अभाव में राज्य की गौशालाओं की खस्ताहाल स्थिति का सीधा असर गौशाला में रह रही गायों के आहार और पोषण पर पड़ रहा है. Etv Bharat ने राज्य की गौशालाओं की आर्थिक तंगी और सरकार की ओर से मिलने वाली अनुदान राशि समय पर उपलब्ध हो इसकी व्यवस्था को लेकर कृषि मंत्री से सवाल किया. मंत्री ने बताया कि जो भी बकाया है उसका भुगतान सरकार करेगी.

मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि वो इसको लेकर पूरी तरह संवेदनशील हैं और हेमंत सरकार सजग है. इसलिए ना सिर्फ गौशाला बल्कि निजी पशुपालक भी अगर रेस्क्यू में बचाए पशु का पालन डीसी की अनुशंसा पर करते हैं तो उनको भी अनुदान दिया जाएगा. पशु तस्करों से बचाए गए गौ वंशीय पशुओं के चारा 100 प्रतिदिन एक वर्ष तक करने के लिए सरकार पूरी तरह संवेदनशील है.

Last Updated : Dec 9, 2021, 10:38 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.