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गैंगस्टर अनिल शर्मा को लेकर आमने-सामने पुलिस और जेल प्रशासन

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Published : Aug 29, 2019, 7:45 AM IST

दुमका जेल में बंद गैंगस्टर अनिल शर्मा पर झारखंड पुलिस ने रंगदारी चलाने का आरोप लगाया है. वहीं इस मामले में जेल प्रशासन ने इस बात से साफ इनकार किया है.

फाइल फोटो

रांची: झारखंड का कुख्यात गैंगेस्टर अनिल शर्मा के मामले में झारखंड पुलिस और जेल प्रशासन आमने-सामने आ गए हैं. झारखंड पुलिस की दो विंग्स स्पेशल ब्रांच और सीआईडी ने अनिल शर्मा की गतिविधियों की रिपोर्ट की थी, जिसमें बताया गया था कि अनिल शर्मा दुमका जेल में बैठ कर रेलवे के ठेकों के लिए रंगदारी मांग रहा है.


इसके लिए रांची पुलिस ने अनिल शर्मा के गुर्गे डब्लू शर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. अब पूरे मामले में दुमका जेल प्रशासन ने एक जांच कर रिपोर्ट दुमका एसपी और गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग को भेजा है, जिसमें अनिल शर्मा को जेल प्रशासन ने क्लीनचीट दे दी है.


जेल प्रशासन की रिपोर्ट
जेल प्रशासन की रिपोर्ट में जिक्र है कि अनिल शर्मा को सुरक्षा कारणों से 23 जुलाई 2017 को हजारीबाग से दुमका जेल लाया गया था. यहां उसे कारा प्रकोष्ठ में रखा गया है, जहां विशेष चौकसी होती है. रिपोर्ट में लिखा गया है कि कारा के बूथ से अनिल शर्मा अपने परिजनों से घरेलू बातचीत भर करता है, जिसकी रिकार्डिंग भी सुनी जा सकती है.


इस रिकार्डिंग में धमकी दिए जाने संबंधी कोई बात नहीं है. जेल अधीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि जब इस संबंध में अनिल शर्मा से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसके असमय कारा मुक्ति का मामला हाई कोर्ट एवं राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद के समक्ष है. ऐसे में वह कोई गलती नहीं कर सकता.


डब्लू से कोई संपर्क नहीं
जेल अधीक्षक ने अपने रिपोर्ट में बताया कि अनिल शर्मा से रेलवे से रंगदारी मांगने और डब्लू शर्मा के संबंध में पूछताछ की गई. अनिल शर्मा ने इसे सरासर गलत बताया. अनिल शर्मा ने बताया कि वह किसी डब्लू शर्मा को नहीं जानता. इसके साथ ही रांची पुलिस द्वारा रंगदारी मांगने की बात से भी इनकार किया. जेल प्रशासन ने अपने रिपोर्ट में भी लिखा है कि जेल में अनिल शर्मा ने किसी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं किया. जेल में औचक छापेमारी के दौरान भी कहीं मोबाइल नहीं मिलने की बात रिपोर्ट में है.


पुलिस को मिली थी जानकारी
वहीं दूसरी तरफ झारखंड पुलिस की स्पेशल ब्रांच और सीआईडी को जानकारी मिली थी कि दुमका जेल में अनिल शर्मा मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रंगदारी की मांग करता है. इसमें उसका गुर्गा डब्लू शर्मा भी शामिल है. दोनों एजेंसियों की रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी गई थी. जिसके बाद रांची पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए डब्लू शर्मा समेत अन्य अपराधियों को गिरफ्तार किया था.

ये भी पढ़ें: परिवहन मंत्री सीपी सिंह की गाड़ी ने तोड़ा नियम, ट्रैफिक पुलिस ने वसूला फाइन
डब्लू शर्मा की गिरफ्तारी के बाद दुमका के एसडीपीओ पूज्य प्रकाश को जेल में जांच के लिए भेजा गया था. जांच में पूज्य प्रकाश ने पाया था कि जेल में अब तक टू जी जैमर ही लगा है. ऐसे में अपराधी आसानी से थ्री जी और फोर जी नेटवर्क का इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसे में जैमर को अपग्रेड करने की सिफारिश भी एसडीपीओ ने की थी.


अनिल शर्मा को दुमका किया गया था शिफ्ट
अनिल शर्मा के खिलाफ राज्य के अलग-अलग थानों में कुल 23 मामले दर्ज हैं. पिछले 20 सालों से अनिल शर्मा जेल में बंद है. दो वर्ष पहले झारखंड के तत्कालीन डीजीपी डीके पांडेय ने रांची एसएसपी, रामगढ़, हजारीबाग के एसपी को पत्र लिखकर अनिल शर्मा पर शिकंजा कसने का आदेश दिया था. डीजीपी ने अपने पत्र के माध्यम से एसपी को बताया था कि हजारीबाग जेल में बंद रहने के बावजूद अनिल शर्मा सक्रिय है. इसके बाद उसे हजारीबाग से दुमका जेल भेजा गया था.

रांची: झारखंड का कुख्यात गैंगेस्टर अनिल शर्मा के मामले में झारखंड पुलिस और जेल प्रशासन आमने-सामने आ गए हैं. झारखंड पुलिस की दो विंग्स स्पेशल ब्रांच और सीआईडी ने अनिल शर्मा की गतिविधियों की रिपोर्ट की थी, जिसमें बताया गया था कि अनिल शर्मा दुमका जेल में बैठ कर रेलवे के ठेकों के लिए रंगदारी मांग रहा है.


इसके लिए रांची पुलिस ने अनिल शर्मा के गुर्गे डब्लू शर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. अब पूरे मामले में दुमका जेल प्रशासन ने एक जांच कर रिपोर्ट दुमका एसपी और गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग को भेजा है, जिसमें अनिल शर्मा को जेल प्रशासन ने क्लीनचीट दे दी है.


जेल प्रशासन की रिपोर्ट
जेल प्रशासन की रिपोर्ट में जिक्र है कि अनिल शर्मा को सुरक्षा कारणों से 23 जुलाई 2017 को हजारीबाग से दुमका जेल लाया गया था. यहां उसे कारा प्रकोष्ठ में रखा गया है, जहां विशेष चौकसी होती है. रिपोर्ट में लिखा गया है कि कारा के बूथ से अनिल शर्मा अपने परिजनों से घरेलू बातचीत भर करता है, जिसकी रिकार्डिंग भी सुनी जा सकती है.


इस रिकार्डिंग में धमकी दिए जाने संबंधी कोई बात नहीं है. जेल अधीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि जब इस संबंध में अनिल शर्मा से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसके असमय कारा मुक्ति का मामला हाई कोर्ट एवं राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद के समक्ष है. ऐसे में वह कोई गलती नहीं कर सकता.


डब्लू से कोई संपर्क नहीं
जेल अधीक्षक ने अपने रिपोर्ट में बताया कि अनिल शर्मा से रेलवे से रंगदारी मांगने और डब्लू शर्मा के संबंध में पूछताछ की गई. अनिल शर्मा ने इसे सरासर गलत बताया. अनिल शर्मा ने बताया कि वह किसी डब्लू शर्मा को नहीं जानता. इसके साथ ही रांची पुलिस द्वारा रंगदारी मांगने की बात से भी इनकार किया. जेल प्रशासन ने अपने रिपोर्ट में भी लिखा है कि जेल में अनिल शर्मा ने किसी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं किया. जेल में औचक छापेमारी के दौरान भी कहीं मोबाइल नहीं मिलने की बात रिपोर्ट में है.


पुलिस को मिली थी जानकारी
वहीं दूसरी तरफ झारखंड पुलिस की स्पेशल ब्रांच और सीआईडी को जानकारी मिली थी कि दुमका जेल में अनिल शर्मा मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रंगदारी की मांग करता है. इसमें उसका गुर्गा डब्लू शर्मा भी शामिल है. दोनों एजेंसियों की रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी गई थी. जिसके बाद रांची पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए डब्लू शर्मा समेत अन्य अपराधियों को गिरफ्तार किया था.

ये भी पढ़ें: परिवहन मंत्री सीपी सिंह की गाड़ी ने तोड़ा नियम, ट्रैफिक पुलिस ने वसूला फाइन
डब्लू शर्मा की गिरफ्तारी के बाद दुमका के एसडीपीओ पूज्य प्रकाश को जेल में जांच के लिए भेजा गया था. जांच में पूज्य प्रकाश ने पाया था कि जेल में अब तक टू जी जैमर ही लगा है. ऐसे में अपराधी आसानी से थ्री जी और फोर जी नेटवर्क का इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसे में जैमर को अपग्रेड करने की सिफारिश भी एसडीपीओ ने की थी.


अनिल शर्मा को दुमका किया गया था शिफ्ट
अनिल शर्मा के खिलाफ राज्य के अलग-अलग थानों में कुल 23 मामले दर्ज हैं. पिछले 20 सालों से अनिल शर्मा जेल में बंद है. दो वर्ष पहले झारखंड के तत्कालीन डीजीपी डीके पांडेय ने रांची एसएसपी, रामगढ़, हजारीबाग के एसपी को पत्र लिखकर अनिल शर्मा पर शिकंजा कसने का आदेश दिया था. डीजीपी ने अपने पत्र के माध्यम से एसपी को बताया था कि हजारीबाग जेल में बंद रहने के बावजूद अनिल शर्मा सक्रिय है. इसके बाद उसे हजारीबाग से दुमका जेल भेजा गया था.

Intro:पुलिस की रिपोर्ट - जेल से चला रहा गैंगस्टर अनिल शर्मा रंगदारी का कारोबार ,जेल प्रशासन ने किया इनकार



झारखंड के कुख्यात गैंगेस्टर अनिल शर्मा  के मामले में झारखंड पुलिस और जेल प्रशासन आमने सामने आ गए है। झारखंड पुलिस की दो विंग्स स्पेसल ब्रांच और सीआईडी ने अनिल शर्मा की गतिविधियों की रिपोर्ट की थी। जिसमें बताया गया था कि अनिल शर्मा दुमका जेल में बैठ कर रेलवे के ठेकों के लिए रंगदारी मांग रहा है। इसके लिए रांची पुलिस ने अनिल शर्मा के गुर्गे डब्लू शर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। अब पूरे मामले में दुमका जेल प्रशासन ने एक जांच कर रिपोर्ट दुमका एसपी व गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग को भेजा है, जिसमें अनिल शर्मा को जेल प्रशासन ने क्लीनचीट दे दिया है।


क्या है जेल प्रशासन की रिपोर्ट में
जेल प्रशासन की रिपोर्ट में जिक्र है कि अनिल शर्मा को सुरक्षा कारणों से 23 जुलाई 2017 को हजारीबाग से दुमका जेल लाया गया था। यहां उसे कारा प्रकोष्ठ में रखा गया है, जहां विशेष चौकसी होती है। रिपोर्ट में लिखा गया है कि कारा के बूथ से अनिल शर्मा अपने परिजनों से घरेलू बातचीत भर करता है, जिसकी रिकार्डिंग भी सुनी जा सकती है। इस रिकार्डिंग में धमकी दिए जाने संबंधी कोई बात नहीं है। जेल अधीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि जब इस संबंध में अनिल शर्मा से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसके असमय कारा मुक्ति का मामला हाईकोर्ट एवं राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद के समक्ष है। ऐसे में वह कोई गलती नहीं कर सकता।

अनिल शर्मा ने बताया डब्लू से कोई संपर्क नहीं

जेल अधीक्षक ने अपने रिपोर्ट में बताया कि अनिल शर्मा से रेलवे से रंगदारी मांगने और डब्लू शर्मा के संबंध में पूछताछ की गई। तब अनिल शर्मा ने इसे सरासर गलत बताया। अनिल शर्मा ने बताया कि वह किसी डब्लू शर्मा को नहीं जानते। साथ ही रांची पुलिस द्वारा रंगदारी मांगने की बात से भी इंकार किया। जेल प्रशासन ने अपने रिपोर्ट में भी लिखा है कि जेल में अनिल शर्मा ने किसी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं किया। जेल में औचक छापेमारी के दौरान भी कहीं मोबाइल नहीं मिलने की बात रिपोर्ट में है।

पुलिस को मिली थी जानकारी
वही दूसरी तरफ झारखंड पुलिस की स्पेसल ब्रांच और सीआईडी को जानकारी मिली थी कि दुमका जेल में अनिल शर्मा मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रंगदारी की मांग करता है। इसमें उसका गुर्गा डब्लू शर्मा भी शामिल है। दोनों एजेंसियों की रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी गई थी। जिसके बाद रांची पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए डब्लू शर्मा समेत अन्य अपराधियों को गिरफ्तार किया था। डब्लू शर्मा की गिरफ्तारी के बाद दुमका के एसडीपीओ पूज्य प्रकाश को जेल में जांच के लिए भेजा गया था। जांच में पूज्य प्रकाश ने पाया था कि जेल में अबतक टू जी जैमर ही लगे हैं। ऐसे में अपराधी आसानी से थ्री जी और फोर जी नेटवर्क का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसे में जैमर को अपग्रेड करने की सिफारिश भी एसडीपीओ ने की थी।

2017 में अनिल शर्मा को हजारीबाग जेल से दुमका किया गया था शिफ्ट

अनिल शर्मा के खिलाफ राज्य के अलग-अलग थानों में कुल 23 मामले दर्ज हैं। पिछले 20 सालों से अनिल शर्मा जेल में बंद हैं।दो वर्ष पहले झारखंड के तत्कालीन डीजीपी डीके पांडेय ने रांची एसएसपी, रामगढ़, हजारीबाग के एसपी को पत्र लिखकर अनिल शर्मा पर शिकंजा कसने का आदेश दिया था। डीजीपी ने अपने पत्र के माध्यम से एसपी को बताया था कि हजारीबाग जेल में बंद रहने के बावजूद अनिल शर्मा सक्रिय है। इसके बाद उसे हजारीबाग से दुमका जेल भेजा गया था।

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