उत्तरकाशी: हिंदी के शीर्षस्थ रचनाकार डॉ. गंगा प्रसाद विमल की सड़क दुर्घटना के दौरान मृत्यु हो गई. वो 80 वर्ष के थे. हादसा श्रीलंका में घटित हुआ, जब वो मटारा से कोलंबो की यात्रा कर रहे थे. दुर्घटना में उनकी बेटी, पत्रकार कनुप्रिया और पोते की भी मौत हो गई है.
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हिंदी के शीर्षस्थ रचनाकार डाॅ. गंगा प्रसाद विमल जी, उनकी पुत्री व पोते की सड़क हादसे में अकस्मात मृत्यु की खबर अत्यंत दुःखद है। ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।उत्तरकाशी में जन्मे डॉ विमल हिन्दी साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर के रूप में जाने जाते थे। pic.twitter.com/KZUSmXW7Kt
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) December 25, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) December 25, 2019हिंदी के शीर्षस्थ रचनाकार डाॅ. गंगा प्रसाद विमल जी, उनकी पुत्री व पोते की सड़क हादसे में अकस्मात मृत्यु की खबर अत्यंत दुःखद है। ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।उत्तरकाशी में जन्मे डॉ विमल हिन्दी साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर के रूप में जाने जाते थे। pic.twitter.com/KZUSmXW7Kt
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जानकारी के मुताबिक, उनकी ड्राइवर को गाड़ी चलाते समय नींद आ गई थी, जिससे उनका वाहन एक लॉरी से टकरा गया था. गोपाल प्रसाद विमल ने अपने साहित्यिक करियर में कई कविताएं, उपन्यास की रचना की. इनमें विमल जी की रचना बोधिवृक्ष और कुछ तो है काफी प्रसिद्ध हैं. कहानी संग्रहों में- कोई शुरुआत, अतीत में कुछ, चर्चित कहानियां और समग्र कहानियां काफी लोकप्रिय रहे. 2013 में प्रकाशित हुआ मानुसखोर उनका आखिरी उपन्यास रहा.
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हिन्दी साहित्य में अकाहनी आन्दोलन के जनक और टिहरी के गौरव
— Kishore Upadhyay (@KupadhyayINC) December 25, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
डॉ. #गंगाप्रसाद ‘विमल’(उनियाल) जी के निधन के समाचार को सुनकर मैं स्तब्ध हूँ।
अंतर्राष्ट्रीय लब्ध प्रतिष्ठ साहित्यकार श्री विमल का जन्म टिहरी के टिंगरी गाँव में हुआ था....#Ganga_Prasad_Vimal #टिहरी_का_नक्षत्र pic.twitter.com/mIocfgS4L2
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— Kishore Upadhyay (@KupadhyayINC) December 25, 2019
डॉ. #गंगाप्रसाद ‘विमल’(उनियाल) जी के निधन के समाचार को सुनकर मैं स्तब्ध हूँ।
अंतर्राष्ट्रीय लब्ध प्रतिष्ठ साहित्यकार श्री विमल का जन्म टिहरी के टिंगरी गाँव में हुआ था....#Ganga_Prasad_Vimal #टिहरी_का_नक्षत्र pic.twitter.com/mIocfgS4L2हिन्दी साहित्य में अकाहनी आन्दोलन के जनक और टिहरी के गौरव
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डॉ. #गंगाप्रसाद ‘विमल’(उनियाल) जी के निधन के समाचार को सुनकर मैं स्तब्ध हूँ।
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3 जून 1939 में उत्तरकाशी की गंगा घाटी में जन्मे डॉ. गंगा प्रसाद विमल हिन्दी साहित्य के अकहानी आंदोलन के जनक माने जाते हैं. गंगा प्रसाद एक साहित्यकार होने के साथ-साथ कवि, उपान्यासकार, कथाकार व अनुवादक भी रहे हैं. उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से पीएचडी हासिल की थी. उन्होंने जवाहरालाल नेहरू यूनिवर्सिटी, दिल्ली यूनिवर्सिटी, पंजाब यूनिवर्सिटी और केंद्रीय हिंदी संस्थान के निदेशक के रूप में अनेक बड़ी जिम्मेदारियां निभाई थीं.
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इस अपूरणीय क्षति पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने गहरा शोक व्यक्त किया है.