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वन विभाग में नौकरी के नाम पर आरा के सत्येंद्र ने रांची के सत्येंद्र से ठगे छह लाख, थाना पहुंचा मामला

रांची के किशोरगंज निवासी एक शख्स से नौकरी के नाम पर ठगी की गई है. सत्येंद्र से वन विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर 6 लाख रूपए ठग लिए गए.

सुखदेव नगर थाना
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Published : Nov 13, 2019, 7:42 AM IST

रांचीः सुखदेवनगर थाना क्षेत्र के किशोरगंज रोड नंबर पांच निवासी सत्येंद्र कुमार त्रिपाठी से वन विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर छह लाख रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है. ठगी का आरोप भोजपुर जिला के शाहपुर निवासी सत्येंद्र ठाकुर और उसके पिता रामेश्वर ठाकुर पर लगा है. इस संबंध में सत्येंद्र ने सत्येंद्र ठाकुर और रामेश्वर के खिलाफ सुखदेवनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है। पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है. पुलिस ने बताया कि जल्द ही दोनों आरोपियों को दबोचने के लिए पुलिस की टीम शाहपुर जाएगी.

ये भी पढ़ेंः कुख्यात वाहन चोर गिरोह का भंडाफोड़, सरगना को पुलिस ने किया गिरफ्तार

आरा में हुई थी मुलाकात

सत्येंद्र त्रिपाठी ने पुलिस को बताया कि सत्येंद्र ठाकुर से उसकी मुलाकात आरा एक समारोह में हुई थी. नौकरी के सिलसिले में उससे बातचीत हुई। इसी बीच उससे फोन पर भी बातचीत होने लगी. इस दौरान ठाकुर ने उनसे कहा कि उसकी वन विभाग में अच्छी पकड़ है और वह नौकरी लगवा सकता है. विभाग में बीट ऑफिसर के पद पर बहाल करा सकता है. इस एवज में छह लाख रुपए खर्च होंगे.

2017 में दिए थे पैसे

सत्येंद्र ने आरोपी से कहा कि वह वन विभाग में नौकरी करना चाहता है. इसी आधार पर जनवरी 2017 में सत्येंद्र ठाकुर के खाते में उन्होंने छह लाख रुपए ट्रांसफर भी कर दिया. एक साल बीतने के बाद भी ठाकुर ने न तो उनकी नौकरी लगायी और न ही पैसे वापस किए. पैसे की मांग करने पर वह टाल-मटोल करने लगा. दस नवंबर को ठाकुर ने पैसे देने से ही इंकार कर दिया. इसके बाद सत्येंद्र ने सुखदेवनगर थाना पहुंचकर आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी.

रांचीः सुखदेवनगर थाना क्षेत्र के किशोरगंज रोड नंबर पांच निवासी सत्येंद्र कुमार त्रिपाठी से वन विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर छह लाख रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है. ठगी का आरोप भोजपुर जिला के शाहपुर निवासी सत्येंद्र ठाकुर और उसके पिता रामेश्वर ठाकुर पर लगा है. इस संबंध में सत्येंद्र ने सत्येंद्र ठाकुर और रामेश्वर के खिलाफ सुखदेवनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है। पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है. पुलिस ने बताया कि जल्द ही दोनों आरोपियों को दबोचने के लिए पुलिस की टीम शाहपुर जाएगी.

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आरा में हुई थी मुलाकात

सत्येंद्र त्रिपाठी ने पुलिस को बताया कि सत्येंद्र ठाकुर से उसकी मुलाकात आरा एक समारोह में हुई थी. नौकरी के सिलसिले में उससे बातचीत हुई। इसी बीच उससे फोन पर भी बातचीत होने लगी. इस दौरान ठाकुर ने उनसे कहा कि उसकी वन विभाग में अच्छी पकड़ है और वह नौकरी लगवा सकता है. विभाग में बीट ऑफिसर के पद पर बहाल करा सकता है. इस एवज में छह लाख रुपए खर्च होंगे.

2017 में दिए थे पैसे

सत्येंद्र ने आरोपी से कहा कि वह वन विभाग में नौकरी करना चाहता है. इसी आधार पर जनवरी 2017 में सत्येंद्र ठाकुर के खाते में उन्होंने छह लाख रुपए ट्रांसफर भी कर दिया. एक साल बीतने के बाद भी ठाकुर ने न तो उनकी नौकरी लगायी और न ही पैसे वापस किए. पैसे की मांग करने पर वह टाल-मटोल करने लगा. दस नवंबर को ठाकुर ने पैसे देने से ही इंकार कर दिया. इसके बाद सत्येंद्र ने सुखदेवनगर थाना पहुंचकर आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी.

Intro:रांची।

रांची के सुखदेवनगर थाना क्षेत्र के किशोरगंज रोड नंबर पांच निवासी सत्येंद्र कुमार त्रिपाठी से वन विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर छह लाख रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है। ठगी आरोप भोजपुर जिला के शाहपुर निवासी सत्येंद्र ठाकुर और उसके पिता रामेश्वर ठाकुर पर लगा है। इस संबंध में सत्येंद्र ने सत्येंद्र ठाकुर व रामेश्वर के खिलाफ सुखदेवनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है। पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। थानेदार संजय कुमार ने बताया जल्द ही दोनों आरोपियों को दबोचने के लिए पुलिस की टीम शाहपुर जाएगी।

सत्येंद्र त्रिपाठी ने पुलिस को बताया कि सत्येंद्र ठाकुर से उसकी मुलाकात आरा एक समारोह में हुई थी। नौकरी के सिलसिले में उससे बातचीत हुई। इसी बीच उससे फोन पर भी बातचीत होने लगी। इस दौरान ठाकुर ने उनसे कहा कि उसकी वन विभाग में अच्छी पकड़ है और वह नौकरी लगवा सकता है। विभाग में बीट आफिसर के पद पर बहाल करा सकता है। इस एवज में छह लाख रुपए खर्च होंगे। सत्येंद्र ने आरोपी से कहा कि वह वन विभाग में नौकरी करना चाहता है। इसी आधार पर जनवरी 2017 में सत्येंद्र ठाकुर के खाते में उन्होंने छह लाख रुपए ट्रांसफर भी कर दिया। एक साल बीतने के बाद भी ठाकुर ने न तो उनकी नौकरी लगायी और न ही पैसे वापस किए। पैसे की मांग करने पर वह टाल-मटोल करने लगा। दस नवंबर को ठाकुर ने पैसे देने से ही इंकार कर दिया। इसके बाद सत्येंद्र ने सुखदेवनगर थाना पहुंचकर आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी।Body:1Conclusion:2
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