ETV Bharat / city

सुखदेव और बलमुचू की कांग्रेस में वापसी नहीं आसान, आलाकमान से कर सकते हैं मुलाकात

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी में पूर्व अध्यक्ष सुखदेव भगत और प्रदीप बालमुचू की वापसी नहीं दिख रही है. कांग्रेस कमेटी के नेताओ समेत कई जिला अध्यक्षों ने आलाकमान से इन दोनों पूर्व अध्यक्षों को पार्टी में शामिल नहीं किए जाने की अपील की है.

former president sukhdev and pradeep not easy to return to congress party
सुखदेव भगत और प्रदीप बलमुचू
author img

By

Published : Dec 14, 2020, 2:32 PM IST

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी में सितंबर महीने में पूर्व अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार की वापसी के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि पूर्व अध्यक्ष सुखदेव भगत और प्रदीप बलमुचू की भी वापसी जल्द होगी. लेकिन उनकी वापसी को लेकर पेंच सुलझने की बजाय उलझता जा रहा है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं समेत कई जिला अध्यक्षों ने आलाकमान से इन दोनों पूर्व अध्यक्षों को पार्टी में शामिल नहीं किए जाने की अपील की है.

देखें पूरी खबर


पेंच को सुलझाने की करेंगे कोशिश
हालांकि पार्टी के कुछ नेता सुखदेव भगत और प्रदीप बालमुचू के पक्ष में भी हैं. उन्होंने भी आलाकमान के समक्ष उनकी वापसी से पार्टी मजबूत होने की बात कही है. इसके साथ ही अगर दिसंबर के अंत तक इन दोनों पूर्व अध्यक्षों की वापसी नहीं होती है तो झारखंड कांग्रेस के कई नेता जनवरी में दिल्ली आलाकमान से मुलाकात करेंगे. ऐसे में सुखदेव भगत और प्रदीप बलमुचू के पक्ष और विपक्ष में नेताओं की अपील को लेकर आलाकमान असमंजस की स्थिति में है और कोई निर्णय नहीं ले पा रही है. यह भी चर्चा है कि सुखदेव भगत और प्रदीप बलमुचू जल्द ही आलाकमान से मुलाकात करने दिल्ली जाएंगे और पार्टी में शामिल होने में आ रही पेंच को सुलझाने की कोशिश करेंगे.


दोनों पूर्व अध्यक्षों ने नहीं दिया है आवेदन
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी में सुखदेव भगत और प्रदीप बलमुचू ने अब तक आवेदन नहीं दिया है. दिल्ली आलाकमान के सामने पार्टी में वापसी के लिए आवेदन दिए हैं. इस मुद्दे पर आलाकमान को निर्णय लेना है. आलाकमान का जो निर्णय होगा वह झारखंड कांग्रेस में सर्वमान्य होगा.


पार्टी में शामिल करने को लेकर उठे सवाल
ऐसे में सुखदेव भगत और प्रदीप बलमुचू के आवेदन देने के बाद लगभग साफ हो गया था कि उनकी पार्टी में जल्द वापसी हो जाएगी. सिर्फ आधिकारिक घोषणा बाकी मानी जा रही थी. इसी वजह से उन्होंने बेरमो विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार भी किया लेकिन कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व ने सुखदेव भगत के प्रचार पर आपत्ति जताई. इसके साथ ही दोनों पूर्व अध्यक्षों को पार्टी में शामिल करने की चर्चाओं को लेकर सवाल भी उठाए थे.

आलाकमान लेगा फैसला

इसे लेकर प्रदेश नेतृत्व ने साफ कर दिया था कि इस पर आलाकमान को ही निर्णय लेना है, क्योंकि दोनों नेताओं ने ठीक विधानसभा चुनाव से पहले अपने हित को ध्यान में रखते हुए पार्टी का दामन छोड़ा था और गठबंधन के प्रत्याशी के खिलाफ ही चुनाव मैदान में उतरे थे. जिससे इस दोनों नेताओं के पार्टी में आने से प्रदेश नेतृत्व ने नाराजगी भी जाहिर की थी.

ये भी पढ़े- साहिबगंज के सरकारी ब्लड बैंक में सिर्फ एक यूनिट खून बचा, संकट की घड़ी में कैसे दूर होगी मुसीबत

2019 के विधानसभा चुनाव में सुखदेव भगत ने ठीक चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी का साथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था. लोहरदगा विधानसभा से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे थे. हालांकि वह चुनाव हार गए. प्रदीप बलमुचू घाटशिला से आजसू पार्टी की टिकट पर चुनाव मैदान में खड़े हुए. जहां गठबंधन के झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी से उनकी हार हुई.

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी में सितंबर महीने में पूर्व अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार की वापसी के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि पूर्व अध्यक्ष सुखदेव भगत और प्रदीप बलमुचू की भी वापसी जल्द होगी. लेकिन उनकी वापसी को लेकर पेंच सुलझने की बजाय उलझता जा रहा है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं समेत कई जिला अध्यक्षों ने आलाकमान से इन दोनों पूर्व अध्यक्षों को पार्टी में शामिल नहीं किए जाने की अपील की है.

देखें पूरी खबर


पेंच को सुलझाने की करेंगे कोशिश
हालांकि पार्टी के कुछ नेता सुखदेव भगत और प्रदीप बालमुचू के पक्ष में भी हैं. उन्होंने भी आलाकमान के समक्ष उनकी वापसी से पार्टी मजबूत होने की बात कही है. इसके साथ ही अगर दिसंबर के अंत तक इन दोनों पूर्व अध्यक्षों की वापसी नहीं होती है तो झारखंड कांग्रेस के कई नेता जनवरी में दिल्ली आलाकमान से मुलाकात करेंगे. ऐसे में सुखदेव भगत और प्रदीप बलमुचू के पक्ष और विपक्ष में नेताओं की अपील को लेकर आलाकमान असमंजस की स्थिति में है और कोई निर्णय नहीं ले पा रही है. यह भी चर्चा है कि सुखदेव भगत और प्रदीप बलमुचू जल्द ही आलाकमान से मुलाकात करने दिल्ली जाएंगे और पार्टी में शामिल होने में आ रही पेंच को सुलझाने की कोशिश करेंगे.


दोनों पूर्व अध्यक्षों ने नहीं दिया है आवेदन
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी में सुखदेव भगत और प्रदीप बलमुचू ने अब तक आवेदन नहीं दिया है. दिल्ली आलाकमान के सामने पार्टी में वापसी के लिए आवेदन दिए हैं. इस मुद्दे पर आलाकमान को निर्णय लेना है. आलाकमान का जो निर्णय होगा वह झारखंड कांग्रेस में सर्वमान्य होगा.


पार्टी में शामिल करने को लेकर उठे सवाल
ऐसे में सुखदेव भगत और प्रदीप बलमुचू के आवेदन देने के बाद लगभग साफ हो गया था कि उनकी पार्टी में जल्द वापसी हो जाएगी. सिर्फ आधिकारिक घोषणा बाकी मानी जा रही थी. इसी वजह से उन्होंने बेरमो विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार भी किया लेकिन कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व ने सुखदेव भगत के प्रचार पर आपत्ति जताई. इसके साथ ही दोनों पूर्व अध्यक्षों को पार्टी में शामिल करने की चर्चाओं को लेकर सवाल भी उठाए थे.

आलाकमान लेगा फैसला

इसे लेकर प्रदेश नेतृत्व ने साफ कर दिया था कि इस पर आलाकमान को ही निर्णय लेना है, क्योंकि दोनों नेताओं ने ठीक विधानसभा चुनाव से पहले अपने हित को ध्यान में रखते हुए पार्टी का दामन छोड़ा था और गठबंधन के प्रत्याशी के खिलाफ ही चुनाव मैदान में उतरे थे. जिससे इस दोनों नेताओं के पार्टी में आने से प्रदेश नेतृत्व ने नाराजगी भी जाहिर की थी.

ये भी पढ़े- साहिबगंज के सरकारी ब्लड बैंक में सिर्फ एक यूनिट खून बचा, संकट की घड़ी में कैसे दूर होगी मुसीबत

2019 के विधानसभा चुनाव में सुखदेव भगत ने ठीक चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी का साथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था. लोहरदगा विधानसभा से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे थे. हालांकि वह चुनाव हार गए. प्रदीप बलमुचू घाटशिला से आजसू पार्टी की टिकट पर चुनाव मैदान में खड़े हुए. जहां गठबंधन के झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी से उनकी हार हुई.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.