रांची: झारखंड के पूर्व प्रभारी मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती का बेंगलुरू के एक अस्पताल में निधन हो गया है. 1980 बैच के आईएएस अफसर रहे सजल चक्रवर्ती कई वजहों से हमेशा चर्चा में रहे. उन्हें जानवरों से बेहद लगाव था. उन्होंने रांची स्थित अपने घर में कई बंदर भी पाल रखे थे. हालांकि स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद वन विभाग ने बंदरों को ओरमांझी जू भेज दिया था. आईएएस बनने से पहले उन्होंने पायलट की ट्रेनिंग भी ली थी. उनके पास एयरक्राफ्ट उड़ाने का लाइसेंस भी था.
सजल चक्रवर्ती हमेशा लीक से हटकर चले. प्रोटोकॉल में विश्वास नहीं रखते थे, जब वह रांची के उपायुक्त थे तब उन्होंने अपने ऑफिस काफी लोगों को अनुबंध पर नौकरी दी थी. अपने से छोटे को भी बॉस कहकर बुलाते थे, चारा घोटाला की जब परत खुली तो उसकी आंच उनतक भी पहुंची. लंबे समय तक सस्पेंड रहे, चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में उन्हें सजा भी हुई. दो साल की सजा काटने के बाद उन्हें पिछले साल जमानत मिली थी.
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सिविल एविएशन सेक्रेटरी रहते हुए उन्होंने कई काम किए. ग्लाइडर ट्रेनिंग और फ्लाइट से बाबा धाम के दर्शन की व्यवस्था करायी. प्रभारी चीफ सेक्रेटरी रहते हुए वह कई बार नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में शामिल जवानों को मोटिवेट करने के लिए जंगल भी चले जाया करते थे. कुछ विवादों को छोड़ दें तो सजल चक्रवर्ती एक स्मार्ट अफसर और अच्छे इंसान थे. सजल चक्रवती के निधन पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने भी शोक व्यक्त किया है.