रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को वित्त वर्ष 2019-20 का प्रथम अनुपूरक बजट पास किया गया. सोमवार से शुरू हुए मानसून सत्र के पहले दिन राज्य सरकार के संसदीय कार्य मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने 3908.63 करोड़ का प्रथम अनुपूरक बजट सदन में पेश किया.
मंगलवार को सेकंड हाफ में कटौती प्रस्ताव पेश होने के बाद वाद विवाद में हिस्सा लेते हुए झामुमो के रविंद्र नाथ महतो ने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ आम लोगों को नहीं मिल रहा है. वहीं बीजेपी के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि राज्य सरकार ने हर वित्त वर्ष में आवश्यकता के अनुरूप बजट का पैसा खर्च किया है. उन्होंने कहा कि राज्य में प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी हुई है और फूड प्रोडक्शन के क्षेत्र में राज्य आगे बढ़ा है.
सरकार ने सिंचाई में करोड़ों रुपए खर्च किए
बहस में हिस्सा लेते हुए जेएमएम के स्टीफन मरांडी ने कहा कि सुखाड़ पर सरकार गंभीर नजर नहीं आ रही है. गरीबों को राशन कार्ड नहीं मिल रहा है. कांग्रेस के आलमगीर आलम ने कहा कि राज्य सरकार का यह अंतिम अनुपूरक बजट है. उन्होंने कहा कि सरकार सिंचाई के मध्य में करोड़ों रुपए खर्च करती है, लेकिन किसानों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है.
सरकार सभी मुद्दों पर कार्य कर रही
आलमगीर आलम ने कहा कि 2002 के बाद सिंचाई का कितना प्रतिशत काम बढ़ा है यह कोई बताने वाला नहीं है. वहीं बिजली के लिए सबस्टेशन तो बनाए गए है लेकिन तारों की स्थिति जर्जर है. वहीं कटौती प्रस्ताव के जवाब में सरकार का पक्ष रखते हुए नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि जिन विषय को सदन में उठाया गया उन मुद्दों पर राज्य सरकार ने काम किया है.
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80% लोगों के घर पहुंचाई गई बिजली
नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में शत प्रतिशत काम किया गया है और बाकी का 95% काम अंतिम चरण में है. उन्होंने कहा कि 80% लोगों के घर बिजली पहुंच गई है और गांव में स्ट्रीट लाइट लगाई जा रही है. मुंडा ने कहा कि बजट में पारा टीचर को वेतन देने के लिए प्रावधान किया गया है. सरकार जानती है कि इस योजना को धरातल पर कब और कैसे लाना है.
जेएमएम के सदस्यों ने किया वॉकआउट
इसी दौरान जेएमएम के सदस्यों ने वॉकआउट किया. उनके वाक आउट पर चुटकी लेते हुए नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि उन्हें लगता है कि 3 महीने के बाद विपक्ष के लोग हमेशा के लिए चले जाएंगे क्योंकि सदन में केवल उनकी सरकार रहेगी.