ETV Bharat / city

किसानों को मिलेगा सटीक मौसम पूर्वानुमान, मौसम के हिसाब से कर सकेंगे खेतों की बुआई और कटाई

रांची के बिरसा कृषि विश्वविद्यालय ने बिरसा वेदर फोरकास्ट और पोर्टल तैयार किया है. इसके जरिए किसानों को काफी मदद मिलेगी. इससे किसानों को हर घंटे के मौसम के मिजाज के बारे में आसानी से पता चल सकेगा. इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम से वैज्ञानिक ने खास बातचीत की और ऐप को लेकर जानकारी साझा की है.

Farmers will get accurate weather forecast
वैज्ञानिक से खास बातचीत
author img

By

Published : Jun 28, 2020, 4:34 PM IST

रांचीः झारखंड में मौसम के आधार पर ही किसान अपने खेतों में फसल की बुआई करते हैं, लेकिन मौसम की सटीक जानकारी नहीं होने के कारण किसानों को कई दफा नुकसान भी उठाना पड़ता है. किसानों को यह नहीं पता चलता है कि अगले घंटे मौसम का मिजाज कैसा रहेगा. वह अपने खेतों में फसलों की बुआई कर सकते हैं कि नहीं या फिर फसलों में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर सकते हैं की नहीं. इन सभी कार्यों को लेकर किसान हमेशा असमंजस की स्थिति में रहता है, क्योंकि उन्हें यह नहीं पता होता है अगले एक-दो दिन या फिर अगले 1 घंटे में मौसम किस तरह से परिवर्तित होगा और किसानों को इन्हीं तमाम परेशानियों को देखते हुए बिरसा कृषि विश्वविद्यालय ने बिरसा वेदर फोरकास्ट और पोर्टल तैयार किया है.

वैज्ञानिक से खास बातचीत

ईटीवी भारत से वैज्ञानिक की बातचीत

जिसके जरिए किसान मौसम की सटीक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, बिरसा वेदर फोरकास्ट किसानों के लिए किस तरीके से लाभकारी होगा. इन तमाम चीजों से जुड़े ईटीवी भारत की टीम से खास बातचीत की है. बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक बीके झा ने इस ऐप को लेकर की जानकारी साझा की है. इसके जरिए किसान किस तरीके से अपने फसलों की जुताई से लेकर दवाओं के छिड़काव तक कर सकते हैं. बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक बीके झा ने बताया कि हाल के दिनों में प्रदेश की जलवायु में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है. जिसका असर सीधे किसानों की फसलों पर दिखता है. इसी को ध्यान में रखकर बिरसा कृषि विश्वविद्यालय ने सीडैक कोलकाता के साथ मिलकर बिरसा वेदर फोरकास्ट और ऐप का विकास किया है और इस ऐप के जरिए किसान अपने पंचायत स्तर तक का मौसम पूर्वानुमान सटीक जानकारी प्राप्त कर सकता है.

Farmers will get accurate weather forecast
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय

ये भी पढ़ें- रांची के शेयर कारोबारी का दशम फॉल से मिला शव, शनिवार से लापता था युवक

किसनों खेतों की जिताई में मिलेगी काफी मदद

इस ऐप को किसानों की सुविधा के मद्देनजर 3 भाषाओं में तैयार किया गया है. हिंदी, नागपुरी और इंग्लिश. उन्होंने कहा कि किसान की फसल मौसम पर आधारित होती है. ऐसे में किसानों को पहले से पता चल जाएगा कि अगले 1 घंटे के बाद मौसम का क्या मिजाज रहेगा. उस हिसाब से किसान अपने खेतों में फसलों की बुआई, छिड़काव, जुताई, कटाई और निकाय आसानी से कर सकेंगे.

तीन भाषाओं में मिलेगी जानकारी
उन्होंने बताया कि जिला कृषि पदाधिकारियों को भी इस ऐप से काफी लाभ मिलेगा. उन्हें सटीक मौसम की पूर्व अनुमान मिलेगी किस किस ब्लॉक में और किस गांव में मौसम किस तरह का है. उन्हें पता चलेगा कि उस इलाके में बारिश हो रही है या फिर नहीं. बिरसा कृषि विश्वविद्यालय किसानों के सुविधा के अनुसार 3 भाषाओं में इस ऐप को विकसित किया है. नागपुरी को किसानों के लिए सबसे सुगम साधन माना जाता है. इस उद्देश्य से भी नागपुरी लैंग्वेज को शामिल किया गया है. उन्होंने बताया कि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय अपने यूट्यूब चैनल में भी किसानों के सुविधा के अनुसार नागपुरी भाषा में कई जानकारियां शेयर करती है.

रांचीः झारखंड में मौसम के आधार पर ही किसान अपने खेतों में फसल की बुआई करते हैं, लेकिन मौसम की सटीक जानकारी नहीं होने के कारण किसानों को कई दफा नुकसान भी उठाना पड़ता है. किसानों को यह नहीं पता चलता है कि अगले घंटे मौसम का मिजाज कैसा रहेगा. वह अपने खेतों में फसलों की बुआई कर सकते हैं कि नहीं या फिर फसलों में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर सकते हैं की नहीं. इन सभी कार्यों को लेकर किसान हमेशा असमंजस की स्थिति में रहता है, क्योंकि उन्हें यह नहीं पता होता है अगले एक-दो दिन या फिर अगले 1 घंटे में मौसम किस तरह से परिवर्तित होगा और किसानों को इन्हीं तमाम परेशानियों को देखते हुए बिरसा कृषि विश्वविद्यालय ने बिरसा वेदर फोरकास्ट और पोर्टल तैयार किया है.

वैज्ञानिक से खास बातचीत

ईटीवी भारत से वैज्ञानिक की बातचीत

जिसके जरिए किसान मौसम की सटीक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, बिरसा वेदर फोरकास्ट किसानों के लिए किस तरीके से लाभकारी होगा. इन तमाम चीजों से जुड़े ईटीवी भारत की टीम से खास बातचीत की है. बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक बीके झा ने इस ऐप को लेकर की जानकारी साझा की है. इसके जरिए किसान किस तरीके से अपने फसलों की जुताई से लेकर दवाओं के छिड़काव तक कर सकते हैं. बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक बीके झा ने बताया कि हाल के दिनों में प्रदेश की जलवायु में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है. जिसका असर सीधे किसानों की फसलों पर दिखता है. इसी को ध्यान में रखकर बिरसा कृषि विश्वविद्यालय ने सीडैक कोलकाता के साथ मिलकर बिरसा वेदर फोरकास्ट और ऐप का विकास किया है और इस ऐप के जरिए किसान अपने पंचायत स्तर तक का मौसम पूर्वानुमान सटीक जानकारी प्राप्त कर सकता है.

Farmers will get accurate weather forecast
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय

ये भी पढ़ें- रांची के शेयर कारोबारी का दशम फॉल से मिला शव, शनिवार से लापता था युवक

किसनों खेतों की जिताई में मिलेगी काफी मदद

इस ऐप को किसानों की सुविधा के मद्देनजर 3 भाषाओं में तैयार किया गया है. हिंदी, नागपुरी और इंग्लिश. उन्होंने कहा कि किसान की फसल मौसम पर आधारित होती है. ऐसे में किसानों को पहले से पता चल जाएगा कि अगले 1 घंटे के बाद मौसम का क्या मिजाज रहेगा. उस हिसाब से किसान अपने खेतों में फसलों की बुआई, छिड़काव, जुताई, कटाई और निकाय आसानी से कर सकेंगे.

तीन भाषाओं में मिलेगी जानकारी
उन्होंने बताया कि जिला कृषि पदाधिकारियों को भी इस ऐप से काफी लाभ मिलेगा. उन्हें सटीक मौसम की पूर्व अनुमान मिलेगी किस किस ब्लॉक में और किस गांव में मौसम किस तरह का है. उन्हें पता चलेगा कि उस इलाके में बारिश हो रही है या फिर नहीं. बिरसा कृषि विश्वविद्यालय किसानों के सुविधा के अनुसार 3 भाषाओं में इस ऐप को विकसित किया है. नागपुरी को किसानों के लिए सबसे सुगम साधन माना जाता है. इस उद्देश्य से भी नागपुरी लैंग्वेज को शामिल किया गया है. उन्होंने बताया कि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय अपने यूट्यूब चैनल में भी किसानों के सुविधा के अनुसार नागपुरी भाषा में कई जानकारियां शेयर करती है.

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.