रांची: शहर से करीब 50 किलोमीटर दूर खूंटी का मुरहू इलाका खून खराबे के लिए चर्चा में रहा है. इस इलाके में नक्सली सक्रिय रहे हैं. यहां के शांत वातावरण को गोलियों की आवाज चीरती रही है, लेकिन अब किसानों की पहल से इलाके में लेमन ग्रास की खुशबू फैलने लगी है. लेमन ग्रास यानी एक औषधीय पौधा, जो कम लागत में ज्यादा मुनाफा का जरिया है.
किसानों का रुझान इस ओर बढ़ा तो झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी में आसवन केंद्र यानी तेल निकालने की मशीन लगा दी. यहां 5 क्विंटल लेमन ग्रास की पेराई करने पर ढाई किलो तेल निकल रहा है. इससे निराश खूंटी के मुरहू प्रखंड के कुदा पंचायत के किसान ट्रैक्टर पर 5 क्विंटल लेमन ग्रास लादकर रांची में नामकोम प्रखंड के तुंजू गांव जा पहुंचे. किसानों ने यहां लगातार सात घंटे तक रहकर औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती और पौधों से तेल निकालने का गुर सीखा.
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प्रशिक्षक विजय कुमार सिंह ने किसानों को विस्तार से खेती से संबंधित जानकारियां दी. रांची आने पर किसानों को बड़ा अनुभव मिला. नामकुम में 5 क्विंटल लेमन ग्रास की पेराई करने पर साढ़े 4 लीटर तेल निकला. इससे किसानों के चेहरे खिल उठे. दरअसल, जेएसएलपीएस ने खूंटी के कपरिया गांव में लेमन ग्रास की खेती कराई, लेकिन अनिगड़ा में लगे आसवन केंद्र में 5 क्विंटल लेमन ग्रास से महज ढाई लीटर ही तेल निकल रहा था.
तुजू गांव के चरका मुंडा, रोहित मुंडा समेत अन्य ग्रामीणों ने 25 एकड़ में बिना किसी सरकारी सहयोग के औषधीय पौधों की खेती की है. इस दौरान सेवा वेलफेयर सोसाइटी के उमेश लाल (अधिवक्ता) ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि लेमन ग्रास और तुलसी की खेती के माध्यम से गांवों में बेकार पड़ी बंजर जमीनों का उपयोग हो सकेगा. इससे किसानों को अच्छी आमदनी होगी. जिससे क्षेत्र से गरीबी, पलायन, अफीम की खेती और अपराध जैसी सामाजिक कुरीतियां भी समाप्त हो जाएगी.