रांचीः धनबाद रेल मंडल की ओर से एक पत्र जारी कर कहा गया है कि मात्र एक महिला यात्री के लिए राजधानी एक्सप्रेस चलाने के लिए मजबूर नहीं किया गया है. खाली रैक को रांची लाना था. इसे देखते हुए रेलवे की ओर से राजधानी एक्सप्रेस को गया, गोमो और बोकारो होते हुए रांची तक चलाया गया. डायवर्ट रूट के माध्यम से खाली रैक चलाने का किसी भी यात्री के मांग से कोई लेना देना नहीं है. इस बात की जानकारी रांची रेल मंडल के सीनियर डीसीएम ने भी दी है.
रांची रेल मंडल के सीनियर डीसीएम अवनीश कुमार से जब इस मामले पर बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि यात्रियों को गंतव्य तक भेजने के लिए बसों का उपयोग किया गया था. ताकि सही समय पर यात्री घर पहुंच जाए और कोई अनहोनी न हो. धनबाद रेल मंडल की ओर से यह जानकारी दी जा रही है कि एक महिला यात्री उसमें छूट गई थी जो कि खाली रैक के साथ रांची आई है. रैक को किसी भी हालत में लाना ही था. उसमें आरपीएफ की पूरी टीम भी मौजूद थी. इसमें कोई परेशानी नहीं हुई. यात्री देर रात तक अपने घर रांची पहुंची है. जो यात्री के विवेक पर निर्भर करता था. उन्हें बस से आने के लिए भी कहा गया था.
धनबाद रेल मंडल की ओर से एक लेटर जारी कर यह कहा भी गया है कि रेलवे ने इकलौती सवारी के लिए राजधानी एक्सप्रेस को नहीं चलाया है. बल्कि राजधानी एक्सप्रेस रैक को किसी भी हालत में रांची लाना था. इसी को देखते हुए अलग रूट से गया-गोमो-बोकारो होते हुए रैक को रांची लाया गया. इस मामले से जुड़ी कुछ सूचनाओं और खबरों को रेलवे की ओर से गलत खबर भी बताया जा रहा है. तकनीकी कारणों से 3:00 बजे राजधानी एक्सप्रेस को गया, गोमो बोकारो होते हुए रांची लाया गया. रेलवे ने स्पष्ट कहा है कि डायवर्ट रूट के माध्यम से खाली रैक चलाने का किसी भी यात्री की मांग से कोई लेना देना नहीं है और न ही अधिकारियों ने इस पूरे मामले की पुष्टि की है.