रांची: जैक द्वारा आलिम-फाजिल की परीक्षाएं ली जा रही हैं. जिससे विद्यार्थी संतुष्ट नहीं हैं. निर्णय लिया गया था कि आलिम-फाजिल की परीक्षा विश्वविद्यालय द्वारा ली जाएगी. लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी उस निर्णय को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका और इस वर्ष भी आलिम-फाजिल की परीक्षा जैक द्वारा ही ली जा रही है. परीक्षा केंद्रों पर विद्यार्थियों ने इसे लेकर आक्रोश व्यक्त किया.
छात्रों की मांग
विद्यार्थी परीक्षा देने तो पहुंचे लेकिन परीक्षा केंद्रों पर भी परीक्षार्थियों द्वारा विश्वविद्यालयस्तर पर ही इस परीक्षा को लेने की मांग की गई. परीक्षार्थियों का तर्क है कि जैक द्वारा दिए जा रहे प्रमाण पत्रों की मान्यता अन्य राज्यों के अलावे विदेशों में भी नहीं है. अन्य विश्वविद्यालयों में विश्वविद्यालय से पास आउट विद्यार्थियों के प्रमाण पत्र को मान्यता दी जाती है. इसलिए जैक इंटर तक की पढ़ाई को मदरसा में करवाए और उसकी परीक्षा ले. लेकिन आलिम-फाजिल के लिए विश्वविद्यालयस्तर पर ही परीक्षा ली जाए.
विद्यार्थियों को हो रही परेशानी
सरकार के कहने पर जैक आलिम-फाजिल की परीक्षा ले रही है. जबकि जैक इंटर तक की परीक्षा लेने के लिए ही अधिकृत है. ऐसे में स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री जैक द्वारा नहीं दी जा सकती है और आलिम-फाजिल की डिग्री विवि स्तर से ही दी जा सकती है. इस कारण आलिम-फाजिल की डिग्री को मान्यता नहीं मिल रही है. इससे विद्यार्थियों को काफी परेशानी हो रही है.
यह मामला विधानसभा में भी उठ चुका है, लेकिन अब तक राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने ध्यान नहीं दिया है. इसकी परीक्षा जैक द्वारा लिए जाने से इससे दूसरे राज्यों में मान्यता नहीं दी जाती है. इस कारण विद्यार्थी न तो दूसरे राज्यों में नामांकन ले पाते हैं और न ही स्नातक स्तर की नौकरी के लिए आवेदन जमा कर पाते हैं.
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इस मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि राज्य भर के अधिकतर मदरसा विश्वविद्यालय स्तर पर संबद्धता लेने को लेकर मानक पूरा नहीं कर रहे हैं. इसी वजह से अब तक विश्वविद्यालय स्तर पर आलिम-फाजिल की परीक्षा नहीं ली जा सकी है. हालांकि इस दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.